पोएट्री राइटिंग और रीडिंग,बच्चों के कैरियर को निखारने में भी बड़ा योगदान दे सकती है



‘अमृता विद्या एजुकेशन फार इम्मोर्टालिटी और छाव फाउंडेशन द्वारा  दो इंग्लिश पोएट्री अड्डा के सफल आयोजन के बाद आज तीसरे का आयोजन हुआ

हिन्दुस्तान वार्ता।ब्यूरो

आगरा:अंतरराष्ट्रीय कवि राजीव खण्डेलवाल के सहयोग से एसिड अटैक  पीड़ित महिलाओं के द्वारा “शी रेज हैंग आऊट’” होटल काम्पलैक्स, फतेहाबाद रोड में संचालित इंग्लिश पोएट्री अड्डा का तीसरा आयोजन संस्करण,उपस्थित कवियों की सशक्त प्रस्तुतियों के साथ सम्पन्न हुआ।

यह आयोजन उन माताओं और पिताओं को समर्पित रहा जो पढ़ाई लिखाई कर चुके है।उन्हें याद दिलाया गया कि उन्होंने अपने बच्चों को खुश करने के लिए किस प्रकार लोरी और कवितायें सुनाई थीं, वो अपने बच्चों की पोएट्री राइटिंग की प्रवृत्ति को प्रेरित कर सकते हैं। उन्हें तनाव मुक्त और सकारात्मक विचार प्रदान कर सकते हैं।

प्रख्यात इंग्लिश पोइट श्री राजीव खंडेलवाल ने कहा कि पोएट्री को पढना अपने आप में उन भावनाओं को लोगों में जाग्रत करना है जो कि सुप्त अवस्था में हर किसी में होती हैं।वस्तुत: भावना ही तो मुख्य आधार है हमारी सृजनात्मक प्रवृत्तियों को पाठक तक पहुँचाने में 

वस्तुत:सृजनात्मकता एक सकारात्मक वृत्ती है और यह कहीं न कहीं मौलिकता से जुड़ी हुई होती है।

सृजन वस्तुत: स्मरण,कारण और विचारों का समन्वय होता है।

जब पोइम का पठन पाठन होता है तो श्रोता और रीडर के रूप में शांति और संतुष्टि मिलती है।उस हर्ष और दर्द के मर्म को समझते हैं जो कि पोएट्री को लिखने के पीछे पोएट को हुआ होगा।वस्तुत: पोएट्री ,पाठक पर भी किसी न किसी रूप में भावनात्मक प्रभाव डालती है और उसके अंतर्द्वंद्व का कारण बनती है उसे स्वयं से विमर्श करने हेतु प्रेरित करती है

यह सर्व स्वीकार तथ्य है कि पोएट्री को पढ़ना और दूसरों के समक्ष प्रस्तुति आत्म संतुष्टी और तनाव मुक्ति का प्रभावी माध्यम है।

‘अमृता विद्या एजुकेशन फार इम्मोर्टालिटी  ‘ के सेक्रेटरी अनिल शर्मा ने कहा है कि ‘पोइट्री राइटिंग को नई शिक्षा नीति में शामिल किया जाना चाहिये।बच्चो के अभिभावकों को भी इस संबंध में इस के लिए प्रशिक्षित किया  जा सकता है, पोएट्री  राइटिंग और रीडिंग बच्चों को उनके करियर को निखारने में भी बडा योगदान दे सकती है। 

छाव फाउंडेशन के डायरेक्टर अशीष शुक्ला ने कहा कि पोएट्री के अड्डा सैशंस से एसिड अटैक सर्वाइवर के लिये भी अपनी भावनाओं,साहित्यिक क्षमता उभारने और उनका प्रदर्शन करने के लिए एक सशक्त मंच मिल गया है।निश्चित रूप से यह आयोजन साहित्यिक गतिविधि के अलावा आयोजक का एक लोकपरक कार्य भी है।

आयोजन में असलम सलीमी,कांति, आहिल, नवाबुद्दीन,डॉ.वेद त्रिपाठी,प्रतीक राठौर,आदित्य चौहान,प्रय्ताक्षा, स्तुति जैन, भारत सिंह,अंकित नोतानी, इशिका गर्ग, अनुष्का आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

रिपोर्ट-असलम सलीमी।