महापर्व प्रयुषण पर्व जैन स्थानक,न्यू राजा मंडी में शुभारंभ

 


हिन्दुस्तान वार्ता।ब्यूरो

आगरा : 1 सितम्बर,जैन श्वेतांबर परंपरा में महापर्व प्रयुषण पर्व का आरंभ न्यू राजा मंडी स्थित जैन स्थानक में प्रारंभ हुआ। जैन पर्वो का राजा पर्युषण पर्व के अवसर पर सभी जैनी अपने लोक व्यवहार को कम करके भगवान महावीर की आराधना में अपने आपको 8 दिनों तक समर्पित कर देते हैं।इन आठ दिनों में ज्ञान, ध्यान ,तप, स्वाध्याय आदि की आराधना होती है एवं प्रत्येक जैन इन सभी चीजों में अपने आहुति देकर अपने आप को धन्य समझते हैं।

पर्युषन पर्व के इन 8 दिनों में 32 आगम में से आठवे आगम अंतकृतदशा सूत्र आगम का 8 दिन तक वाचन होता है। 

 नवकार साधक अरिहंत विचारक आचार्य विचक्षण मुनि जी ने आज के प्रेरक प्रवचन में..कैसे ज्ञानावरणीय कर्मों का क्षय किया जाए इस पर विस्तार से पहले दिन प्रवचन दिए और उनकी व्याख्या की। उन्होंने बताया कि क्यों व्यक्ति जल्दी भूल जाता है,याद किया हुआ किसी बच्चे को,क्यों नहीं जल्दी परीक्षा के समय याद आता है,हर बार हम हर चीज जल्दी से क्यों भूल जाते हैं। इन सारी विस्मृतियों का कारण ज्ञानावर्णीय कर्म ही है। इसके लिए हमें सदा ज्ञानी व्यक्ति की स्तुति करनी चाहिए। पुस्तकों से प्रेम करना चाहिए, किसी के ज्ञान की आलोचना नहीं करनी चाहिए,जिससे धीरे-धीरे स्मृति अच्छी हो जाएगी और हमारे कर्म हल्के हो जाएंगे।

आज पर्यूषण पर्व का प्रथम दिन होने के कारण राजा मंडी स्थानक में पूरे समाज के सैकड़ों लोगों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। इस अवसर पर नवकार साधक अर्हम आराधक श्री विचक्षण मुनि जी म., प्रवचन प्रभावक श्री उदित राम मुनि जी म., युवा मनीषी श्री जाग्रत मुनि जी म., महाराष्ट्र केसरी श्री पारण मुनि जी म., सरलमना श्री मनोहर मुनि जी म., प्रसन्नमना श्री संयम मुनि जी म.,की गरिमामयी उपस्थिति रही।

आयोजन में जैन स्थानकवासी समाज के कई श्रावक-श्राविकाएं जैसे अध्यक्ष अशोक सुराणा,उपाध्यक्ष नरेश चापलावत महामंत्री राजेश सकलेचा,जैन विद्वान श्री संजय सुराणा श्रीमती सुमन सुराणा, श्रीमती सुलेखा सुराणा, सुमित्रा सुराणा, नेहा ,रचना ,पद्मिनी,गुंजन गादीया तथा सैकड़ों जैन श्रावक ,श्राविका, बच्चे उपस्थित थे।