श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाशोत्सव पर महान गुरमत समागम


हिन्दुस्तान वार्ता।ब्यूरो

आगरा : 15 नवंबर,धंन धंन श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाशोत्सव के अवसर पर गुरुद्वारा माईथान में महान गुरमत समागम का आयोजन किया गया।

बाबा आखे हाजिया सुब अमला बाजो दोनों रोई...

उक्त शबद का गायन करते हुए भाई मक्खन सिंह जी ऑस्ट्रेलिया वाले पंथ ने कहा कि जब पंडित और काजी गुरु नानक देव जी के पास गए और पूछने लगे कि वह बताए की कौन सा धर्म अच्छा है तो गुरु नानक देव जी ने कहा कि जो धर्म अच्छे विचार शुभ गुण देता है वह उत्तम धर्म है ।य ह कीर्तन दरबार सिक्ख समाज की केंद्रीय संस्था श्री गुरु सिंह सभा माईथान पर आयोजित कीर्तन दरबार में व्यक्त किए।

अपने अगले शब्द में उन्होंने,धन धन हमारे भाग घर आया पिर मेरा* का गायन कर संगत को भाव विभोर कर दिया उन्होंने कहा कि धरती की पुकार सुन कर आप निरंकार ने गुरु नानक के रूप में धरती पर अवतार लिया उन्होंने इस शब्द के माध्यम से संगत को समझाया कि रब से बड़ा है उसका नाम और नाम से नामी को बस में किया जा सकता है ।उन्होंने सभी जन समूह से गुरु नानक के उपदेशों पर चलने का आह्वान किया। कार्यक्रम की शुरुआत प्रातः 7 बजे अखंड कीर्तनी जत्था के भाई जसपाल सिंह जी ने गुरबाणी का गायन किया।उपरांत भाई मेजर सिंह हजूरी रागी गुरुद्वारा मधुनगर ने इस देही अंदर पंच चोर वसे,काम क्रोध लोभ मोह अहंकार का गायन कर संगत को प्रभू के चरणों से जोड़ा। भाई बिजेंद्र सिंह हजूरी रागी ने भी गुरबाणी का गायन कर संगत को निहाल किया।         

मुख्य ग्रंथी ज्ञानी कुलविंदर सिंह ने सरबत के भले की अरदास की। प्रधान कंवल दीप सिंह ने ए सी पी कोतवाली, एस एच ओ कोतवाली,समन्वयक बंटी ग्रोवर,गुरमीत सिंह सेठी,जत्थेदार राजेंद्र सिंह इंदौरिया,परविंदर सिंह ग्रोवर,नरेंद्र सिंह लालिया एवं हरजीत अरोरा एडवोकेट को गुरु घर का सरोपा देकर सम्मानित किया। इसके अतिरिक्त परमात्मा सिंह,पाली सेठी,रशपाल सिंह,सविंदर सिंह,प्रवीण अरोरा,बाबा शेरी,डी पी सिंह आदि की उपस्थित उल्लेखनीय रही।

गुरुद्वारा श्री कलगीधर,सदर बाजार आगरा में भी महान गुरमत समागम का हुआ आयोजन  :

गुरमत समागम का शुभारंभ ज्ञानी अमरीक सिंह जी ने रहिरास साहिब जी के पाठ से किया। हजूरी रागी भाई हरजीत सिंह जी ने गुरूओं की वाणी का मधुर-गायन कर संगतों को भक्ति मग्न कर दिया।" सतिगुरू नानक प्रगटिआ मिटटी धुंध जगि चानण होआ। जिओ करि सुरजु निकलिआ तारे छपि अंधेरु पलोआ।।

 इस अवसर पर विशेष रूप से आस्ट्रेलिया से आये माहन कीर्तनीय भाई साहिब भाई मक्खन सिंह जी " सुणी पुकार दातार प्रभ गुरु नानक जगमहि पठाएआ।" "आप नरायण कला धार जग महि परवरियो।" गुरु की वाणी के जरिए संगतों में बाणी की अविरल धारा व्हाई और कीर्तन से माहौल में भक्ति का संचार किया।

कीर्तन व कथा से संगतों में गुरु वाणी का अमृत बरसा,सभी श्रद्धालुओं ने उसका पान किया। कीर्तन समागम में जो गुरु वाणी की अमृत वरसी सभी भक्त मंत्र मुग्ध हो गये। भक्तों से खचाखच गुरुद्वारा साहिब का आलौकिक और अभिभुत पूर्व नजारा था। गुरुद्वारा साहिब रंग बिरंगे फूलों व लाइटों से सजा हुआ था। फुलों की सजी पालकी में धंन धंन गुरु ग्रंथ साहिब जी विराजमान थे।श्रद्धालुओं ने माथा टेक कर,गुरु जी का आशीर्वाद लिया।

 गुरमत समागम का समापन आनंद साहिब जी का पाठ कर के किया। श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के समक्ष अरदास कर,हुक्मनामा लिया गया। गुरु जी का अटूट लंगर चला।

गुरमत समागम में मुख्य रूप से गुरुद्वारा साहिब के प्रधान रमन साहनी,बंटी ओबराय, रविन्द्र सिंह ओबराय,सुरजीत सिंह छाबड़ा, बबलू अरसी, बंटी ग्रोवर,कुलविंदर सिंह,सिमरन सिंह सबरबाल,हेमू एवं समूह साधसंगत उपस्थित रहे।

रिपोर्ट - असलम सलीमी।