हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो
न्यूयॉर्क। भारत ने संयुक्त राष्ट्र में कहा कि पिछले एक दशक के दौरान भारत सरकार ने 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में सफलता हासिल की है। न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पी. हरीश ने गरीबी, अविकसितता और संघर्ष पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की खुली बहस में पिछले एक दशक में 25 करोड़ लोगों को बहुआयामी गरीबी से बाहर निकालने की भारत की उल्लेखनीय उपलब्धि पर प्रकाश डाला।
यूएन में भारत के स्थायी मिशन ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर हरीश के संबोधन की एक वीडियो क्लिप साझा करते हुए लिखा उन्होंने संघर्ष की रोकथाम और शांति निर्माण प्रयासों को मजबूत करने के साधन के रूप में समावेशी विकास और विकास के लिए डीपीआई का लाभ उठाने के भारतीय अनुभव को प्रदर्शित किया।
भारतीय मिशन ने आगे लिखा उन्होंने विशेष रूप से इस संदर्भ में विकासशील देशों के लिए एसडीजी वित्तपोषण अंतराल को गहराते हुए रेखांकित किया और विकास परियोजनाओं के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया, विशेष रूप से वैश्विक दक्षिण को लेकर, जो अब संचयी रूप से 40 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक है।
इससे पहले 23 सितंबर 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को बताया था कि भारत ने 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है। 79वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा आयोजित ‘भविष्य के शिखर सम्मेलन’ में बोलते हुए, पीएम मोदी ने भारत को सतत विकास का एक उदाहरण बताते हुए कहा हमने दिखाया है कि सतत विकास सफल हो सकता है। हम सफलता के इस अनुभव को वैश्विक दक्षिण के साथ साझा करने के लिए तैयार हैं।
भारत की इस सफलता का श्रेय केंद्र सरकार के लक्षित नीतिगत हस्तक्षेपों को दिया जा सकता है, जो हाशिए पर पड़े और कमजोर समुदायों को सशक्त बनाते हैं। भारत गरीबी उन्मूलन गठबंधन का संस्थापक सदस्य है और बहुआयामी दृष्टिकोण के माध्यम से हर मोर्चे पर ग्लोबल साउथ का सहयोग करते हुए वैश्विक गरीबी को दूर करने के लिए भी प्रतिबद्ध है।
रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी