हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो
आगरा : गैरसैंड़ उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी में बाल प्रहरी पत्रिका के द्वारा आयोजित राष्ट्रीय बाल साहित्य संगोष्ठी एवं बाल सहित सम्मान समारोह में आगरा के सात साहित्यकारों को उनके साहित्यिक योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
श्री भुवनेश्वरी महिला आश्रम जिला चमोली में आयोजित त्रिदिवसीय समारोह में संपादक बाल प्रहरी उदय किरौला, परियोजना प्रबंधक गिरीश डिमरी, रमेश पंत ,प्रकाश पांडे ,दीक्षा जोशी ,डॉ अशोक गुलशन ,डॉ मदन सिंह रावत आदि के द्वारा श्री सुशील सरित , डॉ सुषमा सिंह ,श्रीमती रमा वर्मा, कुमारी पूजा तोमर,हरीश भदोरिया ,डॉ रमेश आनंद एवं उषा सिंह को यह सम्मान प्रदान किया गया।
इस अवसर पर बाल साहित्य में वैज्ञानिक दृष्टिकोण तथा बच्चे और ऑनलाइन गतिविधियां विषयों पर संगोष्ठी आयोजित की गई ।
सुशील सरित ने कहा कि बच्चों को ऑनलाइन कार्यक्रमों से जोड़ने में महत्वपूर्ण यह है की विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएं बच्चों के लिए की जाएं जो ऑनलाइन हों और बड़ी संस्थाएं उन्हें पुरस्कार दें तो बच्चे मोबाइल पर बाकी व्यर्थ चीजें देखने सुनने से और भटकने से बचेंगे। डॉक्टर सुषमा सिंह ने ऐसी पत्रिकाओं को संपुष्ट करने का आवाहन किया। श्रीमती रमा वर्मा ने कहा कि इस तरह की आयोजन प्रत्येक नगर में होने चाहिए। डॉक्टर रमेश आनंद ने कहा बच्चों के द्वारा समीक्षा और टिप्पणी का प्रयोग बहुत ही मौलिक है ।हरीश भदोरिया ने कहा की उदय किरौल जैसे जुझारू लोग जिस तरह से इस कार्य में लगे हैं उस तरह के और लोग भी आने चाहिए ।पूजा तोमर ने एक किशोर गीत पढ़ा ""चलो छुए बारिश की बूंदे संग संग उनके खेलें..
इस अवसर पर एक विराट कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें पूरे देश से लगभग डेढ़ सौ बाल साहित्यकारों ने भाग लिया सुशील सरित के बाल गीत- पप्पू जी के कान.. को बच्चों ने बहुत पसंद किया।
इस अवसर पर डॉक्टर आरपी सरस्वती की चटोरी चिड़िया आशुतोष सती का गढ़वाली गीत पसंद किए गए।
विभिन्न सत्रों का संचालन श्री महेंद्र सिंह राणा, डॉक्टर मंजू पांडे ,डॉक्टर इंदु गुप्ता ,डॉ खेमकरण, डॉक्टर नरेंद्र सिंह ,श्री प्रीतम और श्रीमती रेखा लोढ़ा ने किया।
रिपोर्ट- असलम सलीमी