जब सावन में माधवी बेटियों का मायका, तिलक,आशीर्वाद और विदाई में छलके भाव




माधवी अग्र महिला मंडल ने दिया 51 अनाथ बेटियों को स्नेहिल मायका

हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो

आगरा। श्रावण की सौंधी बयार, झूलों की रुनझुन और मेहंदी की खुशबू के बीच माधवी अग्र महिला मंडल ने दो दिवसीय “माधवी बेटियों का मायका” कार्यक्रम के माध्यम से वह कर दिखाया, जो समाज की सबसे बड़ी ज़िम्मेदारी होती है, बेटियों को ममता, सम्मान और स्मृतियों से भरा एक मायका देना।

लोहमंडी स्थित अग्रसेन भवन में आयोजित इस आयोजन में उन 51 बेटियों को बुलाया गया जिनका पालन पोषण अनाथालय में हुआ था। आज वे अलग-अलग शहरों कानपुर, हाथरस, अलीगढ़, फिरोजाबाद, फर्रुखाबाद, ईटानगर आदि से अपने परिवार सहित मायके लौटीं और उन्हें वह सब कुछ मिला जो एक बेटी को मायके में मिलना चाहिए, मां का दुलार, बहनों-सी बातें और भाई से राखी पर रक्षा का वचन।

दूसरे दिन विदाई समारोह के दौरान माहौल भावनाओं से भीगा रहा।

मुख्य अतिथि नितेश अग्रवाल,आशी अग्रवाल, विनय अग्रवाल, विनोद अग्रवाल, ऊषा अग्रवाल, वीना अग्रवाल, रश्मि अग्रवाल और निधि अग्रवाल के साथ अध्यक्ष पुष्पा अग्रवाल ने सभी बेटी-दामादों को तिलक कर सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद दिया और उन्हें अगले सावन में दोबारा "मायके" लौटने का स्नेहिल निमंत्रण दिया।

 नितेश अग्रवाल ने कहा कि यह आयोजन समाज के लिए एक जीवंत प्रेरणा है। यहां केवल कार्यक्रम नहीं हुआ, बल्कि रिश्तों की पुनर्स्थापना हुई है। मेरा इससे भावनात्मक जुड़ाव है और मैं इसे दिल से सलाम करता हूं।

आशी अग्रवाल ने कहा कि माधवी बेटियों का मायका साबित करता है कि रिश्ते खून से नहीं, अपनत्व और समर्पण से बनते हैं  और हर सावन एक बेटी को मायके की गोद दे सकता है।

कार्यक्रम का सबसे भावनात्मक क्षण तब आया, जब सचिव ऊषा बंसल और कोषाध्यक्ष आभा जैन ने रुंधे कंठ से “बेटी आज विदाई देती तुम्हे…” गीत गाया। गीत के बोल और उनके पीछे छुपा अपनापन इतना गहरा था कि हर आंख सजल हो गई और बेटियों व सदस्यों के रिश्ते केवल सामाजिक नहीं, आत्मीय हो उठे।

विदाई से पहले बेटियों के बच्चों ने मंच पर आकर “नानी तेरी मोरनी को मोर ले गए” गीत पर मनभावन प्रस्तुति दी, जिसे देखकर सदस्यों के चेहरे पर ममता और गर्व की मुस्कान खिल उठी। पूरा माहौल मानो एक सजीव पारिवारिक उत्सव में बदल गया।

संस्था की ओर से सभी बेटियों को सावन की विशेष मिठाइयां,वस्त्र, उपहार व आशीर्वाद देकर सम्मानपूर्वक विदा किया गया।सचिव ऊषा बंसल ने बताया कि हमने हर बेटी के साथ मां बनकर समय बिताया, उन्हें गृहस्थ जीवन की सीख दी और ये विश्वास दिलाया कि उनका मायका आज भी यहीं है।

आयोजन की व्यवस्थाएं श्वेता अग्रवाल, नमिता गोयल, रजनी गोयल, संगीता अग्रवाल आदि ने संभाली।