हिन्दुस्तान वार्ता।ब्यूरो
आगरा : हज़रत सैय्यदना शाह अमीर अबुल उला(रह.) का कुल शरीफ,गत वर्षों की तरह इस वर्ष भी चांद की तारीख 9 सफर हि.1447 मुताबिक 04 अगस्त 2025 पीर को सज्जादा नशीन व मुतावल्ली हज़रत सैय्यद मोहतशिम अली अबुल उलाई व नायब सज्जादगान हजरत सैय्यद विरासत अली अबुल उलाई, सैय्यद इशाअत अली अबुल उलाई, सैय्यद कैफ अली अबुल उलाई व ज़ाकिर अली दानिश (हैदराबाद), सूफी ज़ुबेर मियां (हैदराबाद), के साथ दरगाह में कुल शरीफ की रस्म अदा की गई ।
इस मौके पर सज्जादानशीन साहब के अहले खाना (परिवार) से सैय्यद इकबाल अली, सैय्यद अरीब अली, सैय्यद आसिम अली, सैय्यद शहाब अली, सैय्यद अज़हर अली, सलीम उज़ ज़मा और पूरे भारतवर्ष से आए ख़ास मेहमानों ने शिरकत की।
सबसे पहले दरगाह में कुरान शरीफ की तिलावत कि गई, इसके बाद चारो और गुलाब जल की वर्षा की गई, ऐसा मानना है कि कुल का छींटा पड़ने से मुराद पूरी होती है। इसके बाद सज्जादानशीन ने देश की उन्नती, विकास,आपसी भाईचारे और शान्ति के लिये दुआ की।
हज़रत सैय्यद मोहतशिम अली अबुल उलाई के अनुसार आपके व्यक्तित्व को उभारने में आपके नाना हज़रत ख्वाजा फैजी (रह.) का हाथ था, उसी जमाने में हज़रत ख्वाजा फैजी एक लड़ाई में शहीद हो गए राजा मानसिंह को अपने साथी अर्थात हज़रत ख्वाजा फैजी (रह.) के शहीद होने पर बेहद दुख हुआ, आपका जनाज़ा मुबारक आगरा लाने की तैयारी शुरू हुई तो राजा साहब ने कहा कि नकले (लाश को एक जगह से दूसरी जगह ले जाना) मना है। मगर ख्वाजा अब्दुल्ला एहरारी (रह.) के बेटे ख्वाजा अब्दुल शहीद ने फरमाया (अगर जरूरी हो तो ठीक है ) चुन्नाचे आपको आगरा जमुना पार में दफनाया गया। हज़रत ख्वाजा फैजी के कोई साहबजादे नहीं थे और राजा मानसिंह ने हज़रत सैय्यदना (रह.) को हर एतबार से काबिल देखकर, इनकी जगह उनके नवासे हज़रत सैय्यदना (रह.) को गवर्नर वरदवान नियुक्त करने के लिए अकबर के पास सिफारिश भेजी जिसको अकबर ने खुशी के साथ मन्जूर कर लिया| निज़ामत वरदवान के अलावा अकबरे आजम ने हज़रत सैय्यदना (रह) को सह हजारी के पद पर भी नियुक्ति किया। चुंकि राजा मानसिंह को हज़रत सैय्यदना (रह.) से दिली मोहब्बत थी इस लिए वह आपके इन पदों से बहुत खुश हुए।
रिपोर्ट - असलम सलीमी