हिन्दुस्तान वार्ता।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 153वीं जयंती दुनिया भर में मनाई गई। संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, चीन, फ्रांस और श्रीलंका समेत कई देशों में उनके जीवन और विरासत को याद करते हुए कई कार्यक्रमों के आयोजन किए। ब्रिटेन में भारत के नये उच्चायुक्त विक्रम दुरैस्वामी ने रविवार को यहां महात्मा गांधी की 153 वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह में उन्हें श्रद्धांजलि दी और कहा कि लंदन एक ऐसा स्थान है जहां शांति एवं अहिंसा के दूत के रूप में बापू की गाथा शुरू हुई।
विदेश मंत्रालय ने विदेशों में अपने विभिन्न मिशनों और पदों के माध्यम से यह सुनिश्चित किया कि गांधी को दुनिया भर में याद किया जाए और भारतीय प्रवासियों को शामिल किया जाए। साथ ही संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने संयुक्त राष्ट्र के सदस्य राज्यों से गांधी के शांति और सहिष्णुता के मार्ग पर चलने का आग्रह किया।
पेरिस के पास एक शहर ग्रिगनी ने महात्मा गांधी के नाम पर एक सड़क का उद्घाटन किया गया। फ्रांस में भारतीय दूतावास ने ट्वीट किया की गाँधी जयंती के अवसर पर स्थानीय युवाओं और प्रवासी प्रवासियों की उत्साहजनक भागीदारी देखने को मिली। स्लोवेनिया में महात्मा गांधी के शांति के आदर्शों को मनाने के लिए, कई विद्वान एक साथ आए और 'द लिगेसी ऑफ पीस एंड ट्रुथ: स्टडीज ऑन द लाइफ एंड वर्क ऑफ महात्मा गांधी' शीर्षक से एक ई-पुस्तक प्रकाशित की। इस पुस्तक को स्लोवेनिया में भारतीय दूतावास और ज़ुब्लज़ाना विश्वविद्यालय द्वारा सह-निर्मित किया गया था।
इनके अलावा इस गांधी जयंती में भारतीय मिशनों ने भी अपने साथी देशों के सहयोग से सतत विकास लक्ष्य 2030 प्राप्त करने की दिशा में काम किया। उदाहरण के लिए सऊदी अरब में 40,000 भारतीय छात्र 10 स्थानों पर 40,000 पेड़ लगाने के लिए एक साथ आए।
दुनिया भर में 87 से अधिक गांधी प्रतिमाओं को स्थापित करने के साथ महात्मा गांधी की विरासत को सहेजा गया। ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और यूनाइटेड किंगडम सहित कई देशों में गांधी की मूर्तियों पर श्रद्धांजलि और फूल चढ़ाए गए।
(रिपोर्ट: शाश्वत तिवारी)