हिन्दुस्तान वार्ता।
आगरा:महाकवि गोपालदास नीरज फाउंडेशन ट्रस्ट एवं प्रोग्रेसिव एसोसिएशन ऑफ पेरेंट्स अवेयरनेस (टीम पापा) के संयुक्त तत्वाधान में बलदेव धर्मशाला बलकेश्वर में हास्य हुडदंग अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत माननीय श्री एसपी सिंह बघेल जी केंद्रीय राज्य मंत्री भारत सरकार ने दीप प्रज्वलित करके की। कार्यक्रम की अध्यक्षता माननीय श्री योगेंद्र उपाध्याय जी कैबिनेट मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार की रही।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में माननीय श्री पुरुषोत्तम खंडेलवाल (विधायक) जी, माननीय श्री नवीन जैन जी (महापौर), माननीय श्री विजय शिवहरे (सदस्य विधान परिषद) जी, तथा अति विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. रंजना बंसल (प्रमुख समाजसेवी), श्री अनिल अग्रवाल (लोकप्रिया वाले), श्री विमल गुप्ता (पार्षद) तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री मनीष अग्रवाल, श्री सत्यम अग्रवाल, श्री राजेश चावला, श्री प्रदीप गुप्ता व श्री बॉबी जौनई ने अपनी गौरांवित उपस्थिति कार्यक्रम को प्रदान की।
कार्यक्रम की शुरुआत में सभी सम्मानित अतिथियों का स्वागत कुंदनिका शर्मा एवं शशांक प्रभाकर के द्वारा किया गया। कार्यक्रम में पधारे हुए सभी कवियों को प्रोग्रेसिव एसोसिएशन और पेरेंट्स अवेयरनेस के राष्ट्रीय संयोजक दीपक सिंह सरीन एवं उनकी टीम के द्वारा मोमेंटो एवं प्रमाण पत्र भी प्रदान किए गए, अखिल भारतीय कवि सम्मेलन के अंतर्गत हादसे को तड़का देने के लिए राजस्थान से आए श्री सुरेंद्र यादवेंद्र ने सुनाते हुए एक बंदे ने अकल के अंधे ने, इंटरनेट पर पटाई लडकी.., सुनाकर जबरदस्त तालिया बजवाई, काशीपुर से शरीफ भारती ने..... इलाहाबाद से शैलेश गौतम ने खूबसूरत बहुत कल भी था आज है मीठे पंछी का दिल पर सुनो राज है सुनाकर ब्रज की पावन धरती को नमन किया टूंडला से लटूरी लट्ठ ने हास्य की बौछार करते हुए सुनाया कि प्रेम संदेशा हाथ ले, आंगन खड़ा बसंत, शकुंतला है बाग में, ठेके पर दुष्यंत, आगरा से हास्य कवि पवन आगरी ने हास्य हास्य में तंज कसते हुए सुनाया कि अब मेरे पैरों में इतनी ताकत आ गई है कि मैं पर्वत तक लांघ सकता हूं, मैं बैंक का पूरा पैसा लेकर विदेश भाग सकता हूं।
किशनी से आए हुए बलराम श्रीवास्तव ने मै अगर बिंब हूं तो हो तुम तरीका, मैं सजर हूं अगर तो तुम हो सारिका, गजल का पाठ किया, रुड़की से अफजल मंगलोरी ने....…चंदौसी से आए हुए डॉक्टर सौरभ कांत ने है राष्ट्र बड़ा सारे ही धर्मो को छोड़कर,आओ करें प्रणाम सभी हाथ जोड़कर,इतना तो मान रखना मेरे प्रभु मेरा,अंतिम सफर पर निकलूं तिरंगे को ओढ़ कर।
आगरा की युवा काव्य प्रतिभा इशान देव ने अपनी ओजपूर्ण कविता पढ़ी, आगरा से ही डॉक्टर केशव शर्मा ने..... तथा प्रसिद्ध गीतकार दीपक सिंह सरीन ने "अनामिका लिख डाले निराला, दिनकर ने कैसे देश पुकारा" हिन्दी" को लेकर अपने लोकप्रिय गीत से हिन्दी भाषा को राष्ट्रभाषा घोषित करने पर जोर दिया, कार्यक्रम के आयोजक सुविख्यात कवि शशांक "नीरज" ने अपनी अपनी पंक्तियां खून को चाहे नज़र हमारी.. ईमा है बेइमानी नहीं है, इसलिए तो दुनिया जहां में कोई हमारा सानी नहीं है सुनाकर खूब वाह वाह बटोरी कार्यक्रम के अद्भुत संचालन का श्रेय टूंडला से पधारे हास्य कवि लटूरी लट्ठ के सर बंधा, कार्यक्रम के अंत में कार्यक्रम संयोजिका कुंदनिका शर्मा तथा सह संयोजिका वत्सला प्रभाकर ने आए हुए सभी सम्मानित अतिथियों तथा श्रोताओं का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में सर्वश्री आनंद राय, विनोद माहेश्वरी जी, हरीश ललवानी, विवेक रायजादा, अनिल शर्मा, अजय सिंह, राजदीप ग्रोवर, ज्योति कक्कड़, डॉक्टर वेदांत रॉय, हरजिंदर सिंह आदि मौजूद रहे, डॉक्टर रविन्द्र भदौरिया, मुक्ता भदौरिया, शबाना खंडेलवाल, समी आगाई, सुमित सक्सेना, नितिन कक्कड़, सोमा सिंह, अनिल जैन रंगकर्मी, निधि आदि मौजूद रहे।
रिपोर्ट-असलम सलामी