एयरपोर्ट के ग्रीन फील्ड प्रोजेक्ट को लेकर भ्रम की स्थिति समाप्त।राज्य सभा सांसद डॉ.अनिल जैन ने साहसिक कदम उठा कर पूछा प्रश्न।



सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा भाजपा सांसद डॉ अनिल जैन को भाजपा के अन्य जनप्रतिनिधियों की तुलना में अधिक दायित्वबोध वाला मानती है।

केवल जनता ही भ्रमित होती रही,'डबल इंजन सरकार' ने कोई प्रोजेक्ट भेजा ही नहीं।

हिन्दुस्तान वार्ता।

आगरा:सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा  ने भारतीय जनता पार्टी के राज्‍यसभा सदस्‍य डॉ अनिल जैन के द्वारा 3 अप्रैल 2023 को पूछे गये प्रश्‍न को एक साहसिक दायित्‍व माना है। जिसके माध्यम से आगरा के नागरिकों और टूरिज्‍म एवं  एविएशन सेक्टर में दिलचस्पी रखने वालों के समक्ष यह स्पष्ट हो गया है कि प्रदेश में 2008 के बाद से जितनी भी सरकारें रहीं उनमें से किसी ने भी आगरा में ग्रीनफील्ड इंटरनेशनल प्रोजेक्ट के लिये कोई भी प्रयास नहीं किया।न तो राज्य सरकार की ओर से ही इसके लिए  अपनी  ओर से कोई पहल की गयी और नहीं निजी क्षेत्र  के किसी निवेशक से ही इसके लिये प्रयास किया गया।

इस प्रकार राज्‍यसभा सदस्‍य डॉ  अनिल जैन के माध्‍यम से अब जाकर आगरा की जनता के समक्ष आधिकारिक रूप से  स्पष्ट हो सका है कि 2008 से ही आगरा में इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाये जाने  को लेकर कोई दिलचस्पी नहीं थी जोकि  2017 डबल इंजन ताकत  वाली  भाजपा सरकार  आने के बाद भी यथावत रही।

आगरा के जनप्रतिनिधि सिर्फ घोषणा करते रहे।

सबसे दिलचस्प तथ्य यह है कि आगरा के जनप्रतिनिधियों में अधिकांश इंटरनेशनल एयरपोर्ट को बनवाए  जाने की घोषणाएँ  करते रहे हैं। जो चुनाव लडे वे चुनाव जीतने के बाद यह कारनामा करवाने की कहते रहे और जीत कर लखनऊ या दिल्ली पहुंचने के बाद जनता के बीच किये वायदे को भूल गये।

शिफ्टिंग प्रोजेक्ट को ग्रीनफ़ील्ड प्रोजेक्ट प्रचारित कर ,देर किया।            

इससे भी महत्वपूर्ण यह है कि विभिन्न फोरमों और कमेटियों में मौजूद  रहने के बावजूद इस तथ्य तक को नजरअंदाज किये रहे कि मौजूदा सिविल एन्‍कलेव टीटीजेड के तहत एक शिफ्टिंग प्रोजेक्ट है न कि ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट ।फलस्‍वरूप शिफ्टिंग प्रोजेक्ट को लेकर एयरपोर्ट अथॉरिटी को पूरी ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट की पूरी प्रक्रिया से होकर ही गुजरना पडा। इससे न केवल बेवजह का समय बल्कि आगरा की इकोनॉमी ग्रोथ पर प्रतिकूल असर रहा। कितनी प्रतिकूलता ग्रोथ पर रही इसकी आधिकारिक जानकारी तो केवल नीति आयोग या  भारत का सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण करने वाले सबसे बड़े संगठन राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण कार्यालय' (National Sample Survey Office)द्वारा ही दी जा सकती है। बशर्ते टूरिज्म और एविएशन इंडस्‍ट्री की ग्रोथ को लेकर  किया गया हो और आगरा इसके सर्वेक्षण के दायरे में रहा हो।

घरेलू उड़ानों के लिये बाजार नियंत्रण मुक्त ,फिर भी आगरा को लाभ नहीं।

सिविल सोसायटी ऑफ आगरा  का मानना है कि 1994 से घरेलू उड़ानों के लिये बाजार नियंत्रण मुक्त कर दिया जाना एक अच्‍छा कदम था किन्तु आगरा को इसका समुचित लाभ नहीं मिल सका। इसका सबसे बड़ा कारण सिविल एन्‍कलेव(आगरा एयरपोर्ट) वायुसेना परिसर आगरा के बीच बना रहना रहा।प्रमोशनल फ्लाइट और भाजपा सरकार के समय आयी 'रीजनल एयर कनेक्टिविटी स्कीम (Regional Connectivity Scheme or RCS  Scheme) September 2017 का लाभ भी आगरा को इसी कारण से नहीं मिल सका।

आगरा डबल इंजन सरकार में भागीदार आगरा से संबंधित भागीदारों  महानुभावों सक्रियता कर सिविल एंकलावे शिफ्ट करवाएं। 

सिविल सोसायटी ऑफ  आगरा का मानना है कि  आगरा में  डावल इंजन सरकार में भागीदार आगरा से संबधित भागीदारों  महानुभावों सक्रियता कर सिविल एन्‍कलेव शिफ्टिंग प्रोजेक्ट को शीघ्रता के साथ पूरा करवाना चाहिये। सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा भाजपा सांसद डॉ अनिल जैन को भाजपा के अन्य जनप्रतिनिधियों की तुलना में अधिक दायित्वबोध वाला मानती है जिन्होंने सत्‍तादल के अनेक नेताओं के द्वारा आगरा में इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाये जाने को लेकर भ्रम की स्थिति फैला रखी थी को बड़ी सहजता से दूर कर दिया ।

सिविल सोसायटी ऑफ आगरा का मानना है कि जनप्रतिनिधियों को जनता के बीच राजनैतिक हित साधकों के द्वारा फैला रखी गयी भ्रातियों के निवरण को इस प्रकार के कारनामे करने ही चाहिये।इससे कम से कम सरकारी विभागों पर आरटीआई दाखिल कर शहर से जुड़े प्रोजेक्‍टों  वस्‍तुस्‍थिति जानने को जबाब मांगने वालों का मौजूदा दबाव कम तो होगा। पर पारदर्शिता के साथ सच्चाई सामने आती रहेगी।

सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा एक बार फिर से राज्यसभा सांसद के साहस का धन्यवाद करती है। आगे भी आशा करती है के वो आगरा के प्रोजेक्टों की वस्तु स्थिति को जनता के समक्ष लाते रहेंगे।

रिपोर्ट-असलम सलीमी।