हिन्दुस्तान वार्ता।आगरा
शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में योग,होम्योपैथी चिकित्सा बेहतर है। ये चिकित्सा इसलिए बेहतर है क्योंकि ये आम रोगों पर ही नहीं वरन असाध्य रोगों पर भी कारगर है।
ये उद्गार डॉ.श्रेय सारस्वत के हैं। जो एम.बी.बी.एस (DNB) हैं। जो एम्स, अपोलो आदि में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। डॉ.सारस्वत,एलोपैथी चिकित्सा छोड़कर,होम्योपैथी चिकित्सा में सक्रिय हैं। उन्होंने एम.एफ.(होम्योपैथी)Std London किया।
उन्होंने बताया कि असाध्य एवं संक्रामक रोग,अन्य नई- नई बीमारियों पर होम्योपैथी अधिक कारगर है। होम्योपैथी चिकित्सा जो नैनो टेक्नोलॉजी पर आधारित है,जो वर्तमान में अधिक कारगर साबित हो रही है।
वे कहते हैं कि देश की जनता को यदि स्वास्थ्य लाभ लेना है तो उसे अपनी इम्युनिटी को बढ़ाना ही होगा,इसके लिए उन्हें योग-व्यायाम, स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना होगा। पोषण में हरी साब्जियां-फलों आदि को शामिल करना होगा।
सरकार को भी होम्योपैथी चिकित्सा पर खास ध्यान देने की जरूरत है। होम्योपैथी को बढ़ाने के लिए बजट को बढ़ाना होगा।
एक पूँछे गए प्रश्न के उत्तर में उन्होंने बताया कि वर्तमान में जो फ्लू-वायरल चल रहा है। इसे मरीज,साधारण समझकर लापरवाही न करें। तुरन्त योग्य चिकित्सक को दिखाएं।
इसके लक्षण- खाँसी,तेज बुखार,गले में दर्द,शरीर में दर्द हैं। जो एक सप्ताह तक चलता है।खाँसी तो एक-दो माह तक रहती है।
इस तरह के मरीज हमारे पास लगातार आ रहे हैं,और एक सप्ताह में ठीक हो रहे हैं। कई मरीज तो वे हैं,जिन्हें अन्य पैथी से फायदा ही नहीं हुआ,और वे होम्योपैथी चिकित्सा से ठीक हो गए।
डॉ.सारस्वत ने बढ़ते हार्ड अटेक,के बारे में खास बात बताई कि अधिकांश 'हार्ड अटेक,उन्हें हुआ है,जिन्हें कोरोना था,उन्होंने दो माह,ब्लड पतला करने की दवाई नहीं खाई,उन्हें हार्ड अटेक की सम्भावना बढ़ जाती है।
जिन्हें हार्ड अटेक की सम्भावना लगती है,अर्थात जो ह्रदय रोग से पीड़ित हैं,वे होम्योपैथी चिकित्सा अपनाएं।तो वे हार्ड अटेक से बच सकते हैं।
रिपोर्ट-असलम सलीमी।