श्रीराम कथा:"अग्रवन" से बना आगरा।स्वामी रामभद्राचार्य।



हिन्दुस्तान वार्ता।

आगरा। कोठी मीना बाजार में जय श्री सेवा समिति की ओर से चल रही श्री राम कथा महोत्सव में भगवान राम की बाल लीलाओं का वर्णन किया गया। गुरुवार को कथा स्थल पर करीब बीस हजार श्रद्धालु धर्मचक्रवर्ती तुलसी पीठाधीश्वर पद्मभूषण जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज के मुखारबिंद से कथा श्रवण करने पहुंचे। सर्वप्रथम पूर्व उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा मैं माल्यार्पण कर रामभद्राचार्य जी महाराज का आशीर्वाद प्राप्त किया। और कहां कि यह हम सब का सौभाग्य है कि ऐसे विद्वान हम सबके बीच इस पृथ्वी पर जो चमत्कार है वह गुरुदेव की वाणी में हैं गुरुदेव मेरी पत्नी को मां कहते हैं मुझे आश्चर्य हुआ तब मुझे गुरुदेव ने बताया यह मेरे पिछले जन्म की मां है। कथा की शुरुआत नलनी निगम के भजन से हुई। 

मैं भाजपा का एजेंट नहीं।

स्वामी रामभद्राचार्य जी ने अपनी कथा की शुरुआत में कहा कि मैं भाजपा का एजेंट नहीं हूं । भाजपा मेरी एजेंट हो सकती है। जब कहा गया कि मिले मुलायम काशीराम हवा में उड़ गए जय श्री राम। तब हमने कुछ नहीं कहा पर अब हमने कहा की मरे मुलायम काशीराम प्रेम से बोलो जय श्री राम तो अब क्या मिर्ची लगी। हम भी नेता जी का सम्मान करते हैं। अब वो मर तो गए ही हैं। इसमें गलत क्या है। 

मुझे 8 दिन जेल में रखा।

मुझे जेल में रखा 8 दिन डंडे खिलाएं 4 दिन तक नजरबंद रहे मुझे मेरे उत्तराधिकारी से भी नहीं मिलने दिया तब मैंने संकल्प लिया कि जब अयोध्या का निर्णय आएगा तब मैं वहां कथा करूंगा। 14 जनवरी को मैं कुंडीय यज्ञ करूंगा। इसके लिए मंच पर दिनेश शर्मा, सौम्या और नलनी निगम को भी सेवा देनी है। तभी मंच पर पूर्व मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा 51000 का चेक व्यास गद्दी पर महाराज जी को सौंपा।

अग्रवन का का नाम बिगाड़ कर आगरा बना। यहां भगवान कृष्ण द्वारा गाय चराई जाती थी। आगरा भक्तों की नगरी है सौभाग्यशाली धरती है। 

आज भी मिलते हैं भगवान।

आज भी भगवान मिलते हैं आज भी भगवान के दर्शन होते हैं। एक बार मैं अकेला था तो मुझे बाथरूम जाना था तब मेरा हाथ पकड़ कर 3 साल का बालक ले जा रहा था। 

भारत का अर्थ।

जो शास्त्र किसी को नहीं आते वह भजन कर आने लगते हैं। भगवान भारत की रक्षा हमेशा करेंगे। भारत में भगवान का भ जुड़ा हुआ है। भारत का संधि विच्छेद करें तो भ+अरत = भ से भगवान, अ से आदर, रत से प्रेम यानी जिसमें भगवान का आदर भी है और प्रेम भी है। 

जनेऊ पहनने में लोगों को शर्म आती है मैं जनेऊ पहनता हूं मुझे जनेऊ पर गर्व है। जनेऊ में 9 तांगे होती हैं।  पहली ओंकार, दूसरी अग्नि, तीसरी सर्प, चौथी विष्णु देवा, पांचवी प्रजापति, छठवीं सातवीं, आठवीं पितृ और नौवी वायु है। 

 नर्मदा नाम की युवती ने एक बार मुझसे पूछा महाराज जी आपके पास कोई पूर्व जन्म की सिद्धि है तो मैंने कहा मेरे पास कोई पूर्व जन्म की सिद्धि नहीं बल्कि मैंने इस जन्म में बहुत श्रम किया है। यह उसका फल है। संत वह है जो राष्ट्र की समस्या का अंत कर दे। वही बन सकता है जो महिलाओं का सम्मान कर सकता है हमारे यहां तीन प्रकार की महिलाएं होती हैं। जिनके पति नहीं वह विधवा, सौभाग्यवती हो तो सद्बा जिनका विवाह ना हुआ हो वह अथवा होती है। 

विश्वामित्र के यज्ञ कि 6 दिन रक्षा राम जी ने की परंतु सातवें दिन  नाम का दानव ने यज्ञ में विघ्न डालने पहुंचा तो उन्होंने उसे इतनी दूर फेंक दिया। जहां मॉरिस को फेंका आज उस देश का नाम मॉरीशस पड़ा। 

प्रातः काल रघुवर अपनी माता पिता को प्रणाम करते हैं। माता पिता को प्रणाम करने पर लंबी आयु, विद्या और बल मिलता है। एक बार फिर अपनी भारतीय संस्कृति की ओर देख लौटना होगा, वैदिक संस्कृति की ओर लौटना होगा। 

राम कथा में आज।

शुक्रवार को कथा में राम जी और सीता जी के विवाह का वर्णन श्रद्धालुओं के समक्ष किया जाएगा। कथा स्थल को विवाह के पंडाल की तरह सजाया जाएगा। 

यह रहे पांचवे दिन के यजमान।

मुख्य यजमान धन कुमार जैन शालिनी जैन रहे। वही दैनिक यजमान विष्णु अग्रवाल, वीरेंद्र सिंघल, विजय अग्रवाल, मुकेश गुप्ता, संतोष मित्तल, सुग्रीव चौहान और मनीष गोयल रहे। प्रसाद वितरण की व्यवस्था आलोक अग्रवाल द्वारा की गई। 

यह रहे मौजूद।

राज्यमंत्री धर्मवीर प्रजापति, सांसद राजकुमार चाहर, विधायक प्रो. धर्मपाल सिंह, गौरव बंसल, केशव अग्रवाल, अजय गर्ग, हरिनारायण चतुर्वेदी, सुशीला चौहान, सुदेश वर्मा दिनेश अग्रवाल, सुनील मित्तल, राकेश अग्रवाल आदि मौजूद रहे।

रिपोर्ट-असलम सलीमी।