नेशनल चैम्बर:नेशनल प्रोडक्टिविटी काउंसिल ने रैम्प योजना के तहत,आगरा में सामरिक निवेश योजना की मांगी जानकारी।

 रैम्प-कोविड-19 के कारण एमएसएमई इकाइयों में पुनर्प्राप्ति में हस्तक्षेपों के समर्थन हेतु विश्व बैंक सहायता प्राप्त केन्द्रीय क्षेत्र की योजना है।

 कोरोना के कारण एमएसएमई इकाइयों को हस्तक्षेपों से उबारने के लिए चैम्बर ने दिये सुझाव।

 अतिरिक्त ऋण उपलब्धि पर लगाई गई ब्याज में मिले छूट।आगरा में टीटीजेड के कारण औद्योगिक ऋण पर ब्याज दर हो कम। 

 आगरा में शीतगृह उद्योग को सोलर पावर प्लांट लगाने के लिए दी जाए छूट।

 आई टी उद्योग की हो स्थापना।

 रिन्यूएविल एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए टीटीजेड में नेट मीटरिंग हो लागू।

हिन्दुस्तान वार्ता।ब्यूरो

आगरा:23 मई,नेशनल प्रोडक्टिविटी काउंसिल नई दिल्ली के उप निदेशक बी प्रभाकर के साथ एक बैठक चैम्बर भवन में सायं 4 बजे अध्यक्ष राजेश गोयल की अध्यक्षता में आयोजित की गई। 

श्री प्रभाकर द्वारा चैम्बर के सदस्यों को बताया कि कोविड-19 के कारण एमएसएमई इकाइयों को पुनर्प्राप्ति में आये हस्तक्षेपों के सहायतार्थ विश्व बैंक से सहायता प्राप्त केन्द्रीय क्षेत्र की योजना (रैम्प-Raising and Accelerating MSME Performance) के तहत सामरिक निवेश योजना (एसआईपी - स्ट्रैटेजिक इन्वेस्टमेंट प्लान) हेतु जानकारी मांगी गयी।

चैम्बर अध्यक्ष राजेश गोयल ने बताया कि आगरा में टीटीजेड होने के कारण यहां कई प्रतिबंध लगे हैं। यहां एकीकृत कोल्ड चेन्स एवं शीतगृह उद्योग, पर्यटन उद्योग, गारमेन्ट टैक्सटाइल्स, सेवा के क्षेत्र में सड़क निर्माण कांट्रेक्टर में सम्भावना है। हमारे माननीय प्रधानमंत्री देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने के लिए भरसक प्रयास कर रहे हैं। अभी यहां विश्व  की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था है उनके प्रयास हैं कि इसे शीघ्र ही विष्व में द्वितीय स्थान पर लाना है। 

एमएसएमई इकाई विकास प्रकोष्ठ के चेयरमैन संजय गोयल ने बताया कि कोविड-19 के कारण बुरी स्थिति में पहुंची इकाइयों को संजीवनी देने के लिए सरकार द्वारा अतिरिक्त ऋण उपलब्ध कराया था और इस प्रयास का एमएसएमई इकाइयों द्वारा बड़े ही उत्साह के साथ स्वागत किया गया था। किन्तु इस ऋण पर ब्याज लगा दी गई। जिससे एमएसएमई इकाइयों की दशा बदतर होती चली जा रही है। उन्हें आज तक ईएमआई देने में कठिनाई  हो रही हैं। अतः इस अतिरिक्त ऋण पर ब्याज में सरकार द्वारा छूट दी जाती है तो एमएसएमई इकाइयों को बहुत बड़ी राहत मिलेगी।

फिक्की सीआईआई समन्वय प्रकोष्ठ के चेयरमैन अनूप गोयल ने बताया कि आगरा में कॉमन ईटीपी (एफ्लूएंट ट्रीटमेंट प्लांट) स्थापित किये जाये। जिससे इकाइयों को संचालित करने में आसानी हो। साथ ही हमारे देश में औद्योगिक ऋण पर ब्याज दर अन्य देशों की अपेक्षा अधिक है। हम चाहते हैं कि आगरा में टीटीजेड के कारण यहां के उद्योगों को ब्याज दर में विशेष कटौती की जाये।

संजय गोयल ने बताया कि कोविड-19 के कारण प्रभावित उद्योगों को पटरी पर लाने के लिए चाइना द्वारा भरपूर सहयोग प्रदान किया गया। जिससे चीन के उत्पाद मूल्य भारत के उत्पाद मूल्य से कम होने के कारण भारत की एमएसएमई इकाइयों को भारी झटका लगा। हम चाहते हैं कि चीन की तरह हमारी सरकार को एमएसएमई इकाइयों को सहयोग प्रदान किया जाये।

आगरा में एमएसएमई इकाई को बढ़ावा देने के लिए आईटी उद्योग उपयुक्त हैं। आगरा में आईटी उद्योग एनसीआर के निकट, यमुना एक्सप्रेस-वे पर पर्याप्त क्षेत्र में स्थान उपलब्ध होने के कारण एवं बेहतर कनेक्टिविटी होने से आगरा एनसीआर के बाद आईटी के लिए सर्वाधिक उपयुक्त है। 

नेशनल प्रोडक्टिविटी काउंसिल के उप निदेशक द्वारा कौशल विकास सुविधा के सम्बन्ध में जानकारी मांगने पर चैम्बर ने अवगत कराया कि गुणवत्ता की कौशल विकास एजेंसियां आगरा में कम हैं। निजी संस्थाओं को सहायता प्रदान कर गुणवत्ता युक्त कौशल विकास एजेंसियां खोली जा सकती हैं। क्योंकि आगरा में कॉलेज भारी संख्या में स्थापित हैं।

पूर्व अध्यक्ष सीताराम अग्रवाल ने कहा कि आगरा में सोलर ऊर्जा प्लांट स्थापित किये जाने के वर्षों से प्रयास किये जा रहे हैं। आगरा को 2008 में देश का द्वितीय सोलर सिटी केन्द्र सरकार द्वारा घोषित किया गया था। रिन्यूएबल एनर्जी की यहां पर काफी संभावनाएं हैं। अतः टीटीजेड में नेट मीटरिंग लागू की जाये और हर कोल्ड स्टोरेज को सोलर पावर प्लांट दिया जाये। इसके लिए सरकार द्वारा शीतगृहों को सोलर प्लांट लगाने पर छूट प्रदान की जाये।

 बैठक में अध्यक्ष राजेश गोयल, नेशनल प्रोडक्टिविटी काउंसिल के उप निदेशक बी प्रभाकर, फिक्की सीआईआई समन्वय प्रकोष्ठ चेयरमैन अनूप गोयल, पूर्व अध्यक्ष सीताराम अग्रवाल, सदस्यों में संजय गोयल, अनूप गोयल, अतुल मित्तल, जगदीश मित्तल, अजय कुमार शर्मा, अश्विनी पालीवाल आदि उपस्थित थे।