74 वें गुरू पूर्णिमा महोत्सव में कला,मनीषी सम्मानित

 


हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो

आगरा : पं.रघुनाथ तलेगाँवकर फाउंडेशन ट्रस्ट एवं संगीत कला केन्द्र,आगरा के संयुक्त तत्वावधान में 74वें गुरू पूर्णिमा महोत्सव एवं गुरुजन सम्मान समारोह का आयोजन दिनांक 28 जुलाई 2024 को ग्रांड होटल आगरा के मुख्य सभागार में आयोजित किया गया।

 कार्यक्रम का शुभारंभ प्रथम पूज्य श्री गणपति जी एवं मां सरस्वती जी के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन एवं पंडित विष्णु दिगम्बर पलुस्कर,पंडित विष्णु नारायण भातखण्डे,पं.रघुनाथ तलेगाँवकर,श्रीमती सुलभा जी,रानी सरोज गौरीहार, उस्ताद लल्लू सिंह एवं संगीत नक्षत्र पं. केशव जी के चित्र पर विशिष्ट अतिथि डॉ आर.एस.पारीक (पद्मश्री से सम्मानित)एवं संस्था सदस्यों द्वारा माल्यार्पण कर किया गया।

 कार्यक्रम की प्रथम प्रस्तुति के रूप में‌ संगीत‌ कला केन्द्र की नन्ही छात्राओं निहि सिंह एवं शनायरा लाल ने सरस्वती वंदना-जय जय माता शारदे का गायन किया। अगली प्रस्तुति में गुरू वंदना - गुरु तेरी महिमा अपरम्पार की सुन्दर रचना राघव गर्ग,शगुन शर्मा, गौरांश शर्मा, रिदम चतुर्वेदी एवं अयाईना दुआ द्वारा प्रस्तुत की गई‌‌। इसके बाद पौरुष अवस्थी द्वारा संवादिनी पर राग कल्याण का सुन्दर वादन किया गया। 

तदोपरान्त युवराज दीक्षित ने राग अल्हैया बिलावल में गुरु बिन ज्ञान कहाँ से पाऊँ का गायन कर श्रोताओं को आनंदित कर दिया।इसके बाद आर्ची एवं आरुषि राय ने मौसम के अनुसार राग देस में सावन आयो घिर घिर रचना एवं भजन गुरु बिन ज्ञान नहीं की दिव्यांशी,अभिलाषा शुक्ला, महक जादौन,आर्या भाटी ने प्रस्तुति की।

यह प्रस्तुति‌ गुरू मां श्रीमती प्रतिभा जी के निर्देशन में प्रस्तुति‌ की गई।तबला संगत डॉ.लोकेन्द्र तलेगाँवकर एवं संवादिनी पर साथ दिया केंद्र के नन्हे साधक श्री प्रत्यूष विवेक पांडेय ने। इन सुरीली प्रस्तुतियों के बाद छात्रों को प्रमाण पत्र एवं मेडल संस्था सदस्य श्रीमती वत्सल प्रभाकर एवं डॉ.आभा चतुर्वेदी जी द्वारा प्रदान किए गए।

कार्यक्रम की अगली प्रस्तुति के रूप में लखनऊ से पधारे बनारस घराने के प्रतिनिधि कलाकार पं.शीतल प्रसाद मिश्र के धेवते एवं डा.भरत मिश्र के पुत्र श्री सोहम मिश्र का तबला वादन रहा। उन्होंने झपताल में क्रमबद्ध प्रक्रिया से बनारस घराने की परंपरा के अनुसार वादन प्रस्तुत किया। आपने पारंपरिक रचनाओं का प्रस्तुतिकरण विशेष तैयारी के साथ प्रस्तुत कर श्रोताओ को भाव विभोर किया। संवादिनी पर संगति पं.रवींद्र तलेगांवकर ने कुशलतापूर्वक की।

तदोपरांत नगर के विशिष्ट कलाविदों को अपने क्षेत्र में विशेष कार्य करने हेतु सम्मानित किया गया। नगर के वरिष्ठ चिकित्सक‌ डा.एम.सी.गुप्ता को “चिकित्सा शिल्पी”, पं.शीतल प्रसाद मिश्र को “संगीत शिल्पी”, श्री रामेन्द्र मोहन त्रिपाठी को “साहित्य शिल्पी” प्रो. ज्योत्स्ना रघुवंशी को “नाट्य शिल्पी”,श्री संजय तिवारी को “जनसंचार शिल्पी”, श्रीमती ज्योति खंडेलवाल को “आदर्श गुरु” एवं श्री रमेश चन्द्र को “वाद्य शिल्पी” के मानद सम्मान से संस्था के अध्यक्ष श्री विजय पाल सिंह चौहान,उपाध्यक्ष श्री अनिल वर्मा,सदस्य श्री अरुण डंग,श्री अम्बरीश पटेल,डॉ मंगला मठकर,डॉ मनीषा,श्री नीरज जैन, डॉ महेश चन्द्र धाकड़ एवं श्रीमती प्रतिभा तलेगांवकर ने उपवस्र सम्मान पत्र प्रदान कर सम्मानित किया।

 कार्यक्रम की अंतिम प्रस्तुति के रूप में नृत्य ज्योति कथक केन्द्र,आगरा की छात्राओं ने सामूहिक रूप से पारंपरिक नृत्य रूपक ताल में अपनी गुरु विदुषी ज्योति खंडेलवाल जी के कुशल निर्देशन में प्रस्तुत किया। उन्होंने प्रस्तुति का समापन सावन की ठुमरी जिसमें अष्टनायिका स्वरूप को अभिनय एवं नृत्य के माध्यम से स्वर्णिमा सिंह,रिद्धि गुप्ता, अन्वी पांडे,अग्रिमा सिंह ने बहुत सुंदर रूप से कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।तबला संगति डा.भानु प्रताप सिंह‌ ने गायन एवं संवादिनी संगति श्री महेन्द्र प्रताप सिंह‌ ने कुशलता पूर्वक की। कार्यक्रम का संचालन श्री श्रीकृष्ण जी कार्यक्रम अधिशासी,आकाशवाणी आगरा ने संस्था के इतिहास,गुरु शिष्य परम्परा के महत्व एवं सुंदर शब्द संयोजन के साथ किया। संस्था अध्यक्ष श्री विजयपाल सिंह चौहान ने सभी सहयोगी,श्रीताओं एवं छात्रों का आभार व्यक्त किया।

कार्यक्रम में नगर के सुधि रसिक उपस्थित रहे जिनमें सर्वश्री योगेश शर्मा,डॉ.अरुण चतुर्वेदी,सुधीर नारायण,अभय पोताड़े,डॉक्टर प्रदीप श्रीवास्तव,सन्दीप अरोड़ा, दीपक प्रह्लाद, ज्योति प्रसाद, धन्वंतरि पराशर, मोहित कुमार,पार्थो सेन,सुशील सरित,डॉ.आंश्वना, डॉ.कमल अरोड़ा,पायल सिंह,आँचल जैन आदि प्रमुख थे।

रिपोर्ट - असलम सलीमी।