पानी का प्रबंधन केवल सरकार की ही जिमेदारी नहीं है,नागरिकों का भी इस पर हक है : जल पुरूष राजेन्द्र सिंह



हिन्दुस्तान वार्ता।ब्यूरो

आगरा: जलपुरुष राजेंद्र सिंह ने कहा कि आगरा पानी की समस्या से भले ही जूझ रहा हो,किन्तु आने वाला वक्त उज्जवल है है और वह समय दूर नहीं जबकि नागरिकों को भरपूरता के साथ पानी की उपलब्धता होगी। श्री सिंह जो शेरोज हैंग आउट कैफे में "पानी पंचायत" को संबोधित कर रहे थे,उन्होंने कहा कि पानी का प्रबंधन केवल सरकार की ही जिमेदारी नहीं है, नागरिकों का भी इस पर हक है। फलस्वरूप उन्हें भी प्रबंधन में सहभागिता के लिए आगे आना पड़ेगा। उन्होंने पंचायत में मौजूद सदस्यों से कहा कि जो लोग उदासीन हैं,उन्हें उनके जल अधिकार के बारे में जागरूक करें और शिक्षा परिसरों में व्यापक अभियान चलायें।पंचायत के पंच मंडल में शामिल,वरिष्ठ कॉंग्रेस नेता शशि शिरोमणि,ब्रिगेडियर विनोद दत्ता,वरिष्ठ साहित्यकार डॉ.मधु भारद्वाज,अंग्रेजी कवि राजीव खंडेलवाल,समाजसेवी अनिल शर्मा शामिल थे। पंच मंडल ने सुनवाई के दौरान,आगरा की जल समस्या के समाधान के लिए आईं शिकायतों के आधार पर कार्यवाही  

के लिए कई महत्वपूर्ण संस्तुतियाँ की हैं। जिनके आधार पर सिविल सोसाइटी ऑफ़ आगरा,समन्वय कर कार्य योजना बनाएगी।

4 जुलाई 2024 को आगरा की जल समस्या पर फतेहाबाद रोड होटल कॉम्प्लेक्स में संचालित शीरोज हैंग आउट में सिविल सोसाइटी ऑफ़ आगरा और छाँव फाउंडेशन के सहयोग से आगरा की जल समस्या को लेकर 'पानी पंचायत' हुई,जिसमें मुख्य अतिथि जलपुरुष राजेन्द्र सिंह"पंच चौधरी" के रूप में मौजूद थे। पंचायत में मुख्य विचार बिंदु महानगर को जल संकट के मौजूदा दौर से उबारने पर केन्द्रित अभियान से आम जनमानस को जोड़ना है।

पंचायत के सहभागियों के द्वारा सर्वसम्मति से माना गया कि आगरा भीषण जल किल्लत के दौर में है। मानसून काल के तीन महीने अगर छोड दिये जायें तो पेयजल व सिंचाई दोनो ही दृष्टिकोणों से पानी की जरूरत से कही कम उपलब्धता है। यहां की भूजल प्रणाली या जल भित्ति तंत्र (aquifer system)लगातार सिमटता जा रहा है, जिसका साक्ष्य है हैंडपंपों की उपयोगिता समाप्त प्राय हो जाना।सब मर्सिबल पंप भी अधिकांश क्षेत्रों में क्षमता से कहीं कम पानी जमीन से खींच पाते हैं। जलभित्ती तंत्र के सिमिटते जाने पर केन्द्रीय जल आयोग ने जनपद की अध्ययन रिपोर्ट भी तैयार की है,किंतु सिंचाई विभाग ने उसे भी गंभीरता से नहीं लिया है।

बेहद कष्टकारी है कि यमुना नदी में पानी अत्यंत कम है,गोकुल बैराज बद इंतजामी ग्रस्त है। वहीं जनपद की अन्य प्रमुख नदियों से उटंगन,खारी और तेरह मोरी बांध में राजस्थान से पानी आना बंद कर रखा गया है। उटंगन नदी के हेड ‘खनुआ डैम ‘ जो कि किसी समय बाबन मोरी बांध के नाम से मशहूर था,उसको तो राजस्थान सिंचाई विभाग ने लगभग खारिज सा कर रखा है।

इसी प्रकार यमुना नदी को गोकुल बैराज पर रोक रखा (मानसून काल के अलावा के महीनों में ) है। परिणाम स्वरूप आगरा में पेयजल और सिंचाई के पानी की बेहद किल्लत है।

मनमानी के प्रति लापरवाही :

 राजस्थान से उटंगन,खारी,चिकसाना ड्रेन और पार्वती नदी में  पानी आना क्यों और किसके आदेश से रोक रखा गया है,यह हमारी चिंता का विषय है। उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से इस संबंध में पूरी तरह से बरती गयी नीरसता को जल पंचायत में और भी अधिक गंभीरता से लिया गया।उपरोक्त सभी अंतर राज्य नदियों या जल संचय संरचनाओं है और इनके जलपर राजस्थान के साथ उत्तर प्रदेश यानि आगरा का भी हक है। पंचायत का मानना है कि उ. प्र. सिंचाई विभाग और स्थानीय प्रशासन के अधिकारी,राजस्थान के अपने समकक्ष के साथ आधिकारिक मीटिंग कर उप्र के हक का पानी मांगे।

अभियान नहीं सत्याग्रह :

ये जल पंचायत आगरा की पानी की समस्या के प्रति जागरूकता लाये जाने का पहला प्रयास है,यह कोई अभियान नहीं अपितु सत्याग्रह है। आगरा में मानसून काल में भरपूर जल उपलब्ध होता है किंतु उसे संजोकर रखने की योजनाओं में से कोई भी कामयाब नहीं हो पायी है। पंचायत सरकारी धन से जल संचय को सृजित संरचनाओं की उपयोगिता पर तो कुछ नहीं कहना चाहती, किंतु इतना जरूर जानना चाहती है कि जनपद के किस विकास खंड की भूगर्भ जल की स्थिति में सुधार आया है और तालाब जल से भरपूरता वाले हो सके हैं।

एकजुट हों और जागरूकता फैलायें :

जलपुरुष श्री राजेन्द्र सिंह ने पंचायत में अपने अनुभव बताते हुए आगरा के लोगों से जागरूकता का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि जब जन प्रतिनिधियों और प्रशासन, जल से जुड़े प्रबंधन और संरक्षण पर ध्यान नहीं देता तो इस प्रकार की समस्याएं सामने आती हैं और आतीं रहीं हैं।

उन्होंने उम्मीद जताई कि अगर नागरिक संगठित हो सके तो हालात तेजी के साथ बदलेंगे।

कई वक्ताओं ने कहा कि समय और खर्च को दृष्टिगत यथा संभव न्यायालयों में जाने से यथा संभव बचकर, प्रशासन और सरकार के समक्ष तथ्यों को लाये जाने का प्रयास करना चाहिये।

अनुभवों को साझा किया :

पंचायत के पंच श्री अनिल शर्मा ने ‘पानी की पंचायत कांसेप्ट का परिचय दिया और अलवर में पिछले महीने रहे अनुभवों की जानकारी दी। श्री अनिल शर्मा और श्रीमती कांति नेगी ने तरुण भारत संघ के 50 साल पूरे होने अवसर पर भीकमपुरा अलवर में चल रहे कार्यक्रमों की जानकारी दी।

पंचायत के निर्णय :

पंचायत में निर्णय लिया गया कि आने वाले समय में पानी की पंचायतें अधिक व्यापक आधार पर आयोजित होंगी तथा 2 अक्टूबर को दिल्ली में होने जा रही राष्ट्रीय पंचायत में आगरा की सशक्त भागीदारी सुनिश्चित की जायेगी।

पंच भेजेंगे प्रशासन को जानकारी :

यह भी निर्णय लिया गया कि पानी पंचायत निर्णयों की जानकारी आगरा के जनप्रतिनिधियों,संबंधित प्रशासन और तरुण भारत संघ को प्रेषित की जायेगी। पंचायत के संचालन का दायित्व अनिल शर्मा ने निर्वाहन किया।

इस अवसर पर  पंचों के रूप में सर्वश्री  वरिष्ठ कॉंग्रेस नेता शशि शिरोमणि,अंग्रेजी कवि राजीव खंडेलवाल, ब्रिगेडियर विनोद दत्ता, वरिष्ठ साहित्यकार डॉ.मधु भारद्वाज,समाजसेवी अनिल शर्मा आदि शामिल थे।

जन जागरण यात्रा :

पंचायत के बाद श्री राजेंद्र सिंह की अगुवाई में पानी पंचायत के जागरण के लिए यात्रा निकली गयी,इसमें नारा था- " नीर,नारी नदी- नारायण,नारायण, नारायण, नारायण. यात्रा शेरोज हैंग आउट कैफ़े से शिल्पग्राम रोड, फतेहाबाद रोड  होते हुए वापस शेरोज हैंग आउट  कैफ़े आई।आशीष शुक्ला ने आये हुए आगंतुकों को धन्यवाद दिया।

 आयोजन में सी एम पराशर ,अलोक, मुईज़,सायेद शाहीन हाश्मी, सी.फोटोजर्नलिस्ट असलम सलीमी,डॉ.पराशर गर्ग,अत्मिये इरम,डॉ.आनंद राय, प्रोफ. आशीष कुमार, वीरेंदर, शीतल सिंह, जहीर, अभिनय प्रसाद,डॉ.जे एन टंडन, डॉ. सनाज्य कुल्श्रेस्थ, पद्मिनी, ब्रिज खंडेलवाल, अंकित, अनुष्का, स्तुति, अमिश , गोपाल, मोविन खान, गोपाल, डॉ राजेश,ललित, प्रशांत, डॉ.धीरज मोहन,पंडित अश्वनी, मन्नू, पूजा, राधाकृष्ण,रोमी,अभिजित,अर्जित शुक्ला, ईशा पुंडीर,वंदना तिवारी,स्वीटी अघिनोत्री,मुनीश आदि उपस्थित रहे।

रिपोर्ट -असलम सलीमी।