− उत्तर भारत का एकमात्र महागणपति का मंदिर है श्रीवरद वल्लभा
− अनंत चतुर्दशी पर होगी महापूजा लेकिन नहीं किया जाएगा विसर्जन
हिन्दुस्तान वार्ता।ब्यूरो
आगरा। जो आदि है,अनादि हैं,अनंत हैं उनका विसर्जन कैसे और क्यों किया जाए। उत्तर भारत के एक मात्र महागणपति के मंदिर श्रीवरद वल्लभा में गणपति अनंत चतुर्दशी पर विसर्जन नहीं अपितु महापूजन का आयोजन किया जाएगा।
आगरा फिरोजाबाद रोड स्थित श्रीवरद वल्लभा मंदिर में चल रहे श्रीगणेश चतुर्थी महोत्सव के अन्तर्गत लगातार दस दिनों तक विशेष श्रंगार, पूजा−हवन भाेग और सहस्त्रनाम पाठ का आयोजन किया गया। सोमवार को दसवें दिन श्रीवरद वल्लभा महागणपति की प्रतिमा के दाएं ओर विराजित श्रीपारदेश्वर शिवलिंग का महाभिषेक हुआ। महादेव गजानन के समीप गुरु रूप में विराजित हैं। मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित लखन दीक्षित ने बताया कि महागणपति का पूजन शिव और पार्वती जी के विवाह संस्कार में भी किया गया था। जिसका तात्पर्य है कि महागणपति जी आदिकाल से पूजित हैं। महागणपति पंच देवों में आते हैं,इसलिए इनका पूजन या मात्र दर्शन से सभी बिगड़े काज बन जाते हैं। दसवें दिन श्रीवरद वल्लभा महागणपति का श्रंगार लाल धाेती में किया गया। फूलों और सेब का फूलबंगला सजाया गया था। फूलबंगला सेवा कैलाश नाथ सिंघल, वस्त्र, श्रृंगार व प्रसादी सेवा योगेश्वर सिंह, प्रातः हवन राजीव मित्तल और सहस्त्रनाम अर्चना मोनिका मित्तल की ओर से रही।
मंदिर प्रबंधक नितिन शर्मा ने बताया कि मंगलवार को प्रातः महाभिषेक होगा, हवन में पूर्णाहुति होगी।पूरे दिन प्रभु अपने भक्तों को दर्शन देंगे। सायं महाआरती के साथ महोत्सव का समापन होगा।