संपूर्ण विभाग में निकले पथ संचलन,किया शस्त्र पूजन।
हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो
आगरा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के छह प्रमुख उत्सवों में से एक विजयादशमी उत्सव पर संघ के स्वयंसेवकों में शनिवार को विशेष उल्लास देखा गया।आगरा विभाग के तीन महानगरों पूर्व,पश्चिम, छावनी और तीन जिलों फतेहाबाद,सीकरी और रागबाग के सभी नगरों में उत्सव सम्पन्न हुए।
प्रातः बौद्धिक कर्ताओं के विषय रखने के बाद प्रार्थना करके स्वयंसेवकों ने पथ संचलन निकाला। पूर्ण गणवेश में हाथ में दंड लेकर कतारबद्ध होकर स्वयंसेवकों का पथ संचलन देखने के लिए लोग उमड़ पड़े। जगह-जगह पथ स्वयंसेवकों के पथ संचलन पर लोगों ने खासकर लोहामंड़ी में मुस्लिम समाज के बंधुओं ने पुष्प वर्षा की। पथ संचलन के साथ स्वयंसेवकों की एक टोली घोष वादन करती दिखायी दी। घोष के स्वयंसेवकों ने शिवरंजनी,महिष,शिवाजी आदि धुनों का वादन किया।
जयपुर हाउस स्थित वीर सावरकर नगर में स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए विभाग प्रचारक आनंद जी ने कहा कि संघ अपनी स्थापना से लेकर वर्तमान तक समाज की सज्जन शक्ति का सहयोग लेकर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा विजयदशमी से पूर्व नवररात्रि पूजन हमारे मन के विकारों का शमन कर सद्गुणों का विकास करता है। कलियुग में संगठन शक्ति ही राष्ट्र का बल होती है। अतः हमें सम्पूर्ण हिन्दू समाज को संगठित कर भारत को विश्वगुरू बनाना है। उन्होंने कहा कि हिन्दू संस्कृति पूरी वसुधा को अपना परिवार मानने वाली है।
विभाग प्रचार प्रमुख मनमोहन निरंकारी ने बताया कि संघ की स्थापना 1925 में विजयादशमी के दिन नागपुर में डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार जी द्वारा की गई थी। इसलिए,यह दिन संघ के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है और हर साल विजयादशमी को संघ का स्थापना दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष संघ ने 99 वर्ष पूर्ण करते हुए 100 वर्ष में प्रवेश किया है। यह संघ का शताब्दी वर्ष भी है। मनमोहन निरंकारी ने जानकारी दी कि स्वयंसेवकों ने पूर्ण गणवेश में विभिन्न शाखाओं में शारीरिक कार्यक्रमों का प्रदर्शन किया,जिसमें दण्ड योग,नियुद्ध, योगासन और समता के साथ संघ स्थान पर ही संचलन हुआ। घोष वादन भी कार्यक्रम का प्रमुख आकर्षण रहा।आज पूरे विभाग में 72 कार्यक्रम हुए और कल 51 कार्यक्रम और होगे।