आज,5 नव.से शुरू हो रहा है "छठ" महापर्व : ✍️ आचार्य राजीव शुक्ला

 


हिन्दुस्तान वार्ता।

हिंदू धर्म के सभी व्रत त्यौहार में छठ पूजा को सबसे कठिन माना जाता है, क्योंकि इसमें महिलाएं 36 घंटे का निर्जला व्रत करती हैं। तो जानिए छठ पूजा की प्रमुख तिथियों के बारे में।

महापर्व छठ पूजा का प्रारंभ होने वाला है। चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व का लोग बड़ी ही बेसब्री के साथ इंतजार करते हैं। छठ पूजा का यह त्यौहार भगवान सूर्य देव और छठी मईया को समर्पित है। इस दिन महिलाएं जल में खड़े होकर भगवान भास्कर को अर्घ्य देती हैं और अपनी संतान,परिवार की मंगल कामना के लिए प्रार्थना करती हैं। 

छठ पूजा के पावन अवसर पर भगवान सूर्य की आराधना करने से समृद्धि एवं प्रगति की प्राप्ति होती है और मनुष्य का कल्याण होता है। छठ पूजा को सूर्य षष्ठी,डाला छठ,छठ पर्व,डाला पूजा आदि नामों से जाना जाता है। तो आइए जानते हैं कि इस साल छठ पूजा की शुरुआत कब से होने वाली है।

छठ पूजा 2024 कैलेंडर :

छठ पूजा पहला दिन- नहाय खाय- 5 नवंबर 2024

छठ पूजा दूसरा दिन- खरना- 6 नवंबर 2024

छठ पूजा तीसरा दिन- संध्या अर्घ्य- 7 नवंबर 2024

छठ पूजा चौथा दिन- उषा अर्घ्य, पारण- 8 नवंबर 2024

छठ पूजा का पहला दिन - नहाय खाय :

महापर्व छठ पूजा का आरंभ नहाय खाय के साथ होता है। इस दिन व्रती महिलाएं भोर में उठकर स्नान आदि कर नए वस्त्र पहल सूर्य देव को जल अर्पित करती हैं। इसके बाद सात्विक आहार ग्रहण कर अपने व्रत को शुरू करती हैं। नहाय खाय के दिन कद्दू की सब्जी,लौकी चने की दाल और भात यानी चावल खाया जाता है। नहाय खाय का भोजन बिना लहसुन और प्याज के सात्विक तरीके से तैयार किया जाता है। व्रती के खाने के बाद ही परिवार के अन्य लोग नहाय खाय का खाना खा सकते हैं। नहाय खाय के दिन यानी 5 नवंबर को सूर्योदय सुबह 6 बजकर 36 मिनट पर होगा, जबकि सूर्यास्त शाम 5 बजकर 33 पर। 

छठ पूजा का दूसरा दिन - खरना :

छठ पूजा के दूसरे दिन आता है खरना। इस दिन व्रती महिलाएं पूरा दिन व्रत करती हैं और फिर रात के समय खीर प्रसाद ग्रहण करती हैं। खरना के बाद से ही व्रती महिलाओं का 36 घंटे का निर्जला उपवास आरंभ हो जाता है। छठ व्रत का पारण उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद ही खोला जाता है। वहीं बता दें कि खरना के दिन गुड़,चावल और दूध की खीर बनाई जाती है। इस दिन व्रत रखने वाली महिला या पुरुष को नमक का सेवन नहीं करना होता है। खरना के दिन यानी 6 नवंबर को सूर्योदय सुबह 6 बजकर 37 मिनट पर होगा,जबकि सूर्यास्त शाम 5 बजकर 32 पर। 

छठ पूजा का तीसरा दिन - संध्या अर्घ्य :

छठ पूजा के तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा, जिसे संध्या अर्घ्य के नाम से भी जाना जाता है। संध्या अर्घ्य 7 नवंबर 2024 को दिया जाएगा। 7 नवंबर यानी छठ पूजा के दिन सूर्योदय सुबह 6 बजकर 38 मिनट पर होगा, जबकि सूर्यास्त शाम 5 बजकर 32 मिनट पर होगा। 

छठ पूजा का चौथा दिन - उषा अर्घ्य :

छठ पूजा के चौथे और आखिरी दिन उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा, जिसे उषा अर्घ्य कहा जाता है। इस दिन व्रती महिलाओं भोर के समय जल में खड़े होकर सूर्य देव को अर्घ्य देती हैं। अर्घ्य के बाद इसी दिन व्रती महिलाएं छठ व्रत का पारण करती हैं। उषा अर्घ्य 8 नवंबर 2024 को दिया जाएगा। 8 नवंबर यानी छठ पूजा उषा अर्घ्य  के दिन सूर्योदय सुबह 6 बजकर 38 मिनट पर होगा, जबकि सूर्यास्त शाम 5 बजकर 31 मिनट पर होगा।

✍️आचार्य राजीव शुक्ला,लखनऊ।

            (वैदिक एस्ट्रोलॉजर)

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