बिजली विभाग के पुराने अवैध बकायों के वसूली नोटिसो को तत्काल निरस्त करने की मांग



हिन्दुस्तान वार्ता।ब्यूरो

आगरा। आगरा मण्डल व्यापार संगठन ने  प्रबंध निदेशक दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम सिकंदरा एवं मुख्य अभियंता (वितरण) दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम आगरा क्षेत्र आगरा,अधिशासी अभियंता नगरी विद्युत वितरण खंड प्रथम आगरा फोर्ट एवं उपाध्यक्ष टोरेंट पावर लिमिटेड को एक पत्र लिखकर कहा है कि दक्षिणांचल द्वारा इस समय एक मुश्त समाधान योजना के लिए उपभोक्ताओं को जो नाजायज नोटिस भेजे जा रहे हैं,वे अवैध है। इस संदर्भ में संगठन ने अपने पत्र में निम्न बिंदुओं पर जबाब मांगा है :

(1)  यह कि इन नोटिसो में ना तो जारी करने वाली दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड आगरा के किसी भी कार्यालय का नाम दर्शाया गया है और ना ही उनमें किसी जारी करने वाले वैध एवं सक्षम पदाधिकारी का पदनाम दर्शाया गया है? क्या यह OTS नोटिस आपके कार्यालय से वैध एवं अधिकृत जारी किए हैं अथवा यह अवैध एवं अनाधिकृत है?

(2)  जिन विद्युत उपभोक्ताओं द्वारा अपने संयोजनों के विद्युत बिलों की पूर्ण देय धनराशि नियमित रूप से आपके यहां जमा की जा चुकी है एवं जमा की जा रही है उनसे किन्हीं दूसरे उपभोक्ता एवं दशकों वर्ष पूर्व स्थाई विच्छेदित हो चुके संयोजन के बकायों की वसूली न्याय संगत कैसे? एवं किस नियम व प्रावधान के अंतर्गत अधिकृत है?

(3)   क्या दशकों वर्ष पहले कराए स्थायी विच्छेदन एवं उनके जमा कराए गए अंतिम संपूर्ण देय भुगतानों के वर्षों बाद उपभोक्ता के पास उन विच्छेदन अभिलेखो एवं जमा रसीदों के सुरक्षित/उपलब्ध न होने के आधार पर वर्तमान उपभोक्ताओं से उन फर्जी बकायों की नाजायज वसूली हेतु नए/वर्तमान संयोजनों को काटना,उन्हें नाजायज नोटिस जारी करना एवं गैर कानूनी धमकी देना किस नियम या प्रावधान के अंतर्गत अधिकृत है?

(4) कृपया इन वर्तमान उपभोक्ताओं के परिसरो पर दर्शाये गए पिछले संयोजनों की वर्तमान भौतिक वस्तु स्थिति, बिलिंग एवं बकायो का विवरण भी नोटिस के साथ अवश्य संलग्न किया जाए जो इन बकायों की सत्यता सिद्ध करता हो।

(5) क्या किसी भी परिसर में किसी भी विद्युत संयोजन का कुछ भी बकाया शेष रहते नियमानुसार कोई भी नया संयोजन दिया जा सकता है?

(6) विद्युत नियम/प्रावधान खंड-4.1, 4.3 (च)(III), 4.3 (च)(IV), 4.3 (च)(VIII), आदि स्वयं स्पष्ट करते हैं कि विद्युत बकायों के शेष रहते उस परिसर में कोई नया संयोजन नहीं दिया जा सकता जिससे यह प्रमाणित होता है कि उपभोक्ताओं के वर्तमान संयोजनों को निर्गत करते समय उन परिसर पर कुछ भी विद्युत देय बकाया नहीं था?

संगठन ने मांग की है कि जल्दी ही इन जारी नोटिसो के बकायों की सत्यता की गहन जांच की जाए तथा वास्तविक बकाया वाले संयोजनों की सत्यता हेतु  बकायों का बिलिंग विवरण भी अवश्य संलग्न किया जाए और फर्जी बकायों को अभिलंब हटाकर इन सारे नाजायज नोटिस को तुरंत निरस्त किया जाए, जिससे कि उपभोक्ताओं का नाजायज उत्पीड़न से राहत मिल सके।

मांग करने वालों में संगठन के पवन बंसल, त्रिलोक चंद शर्मा, राजेश गोयल, प्रयाग  तिवारी चैयरमैन विद्युत प्रकोष्ठ, प्रदीप कुमार लूथरा,चरणजीत थापर, सुरेंद्र आहूजा, मुन्ना लाल गुप्ता, उमाकांत अग्रवाल, मनोज जैन, चरणजीत टिम्मा, सुशील यादव, नरेश जैन, गुरदयाल सिंह बेदी, इंद्रजीत डाबर, जोगेंद्र लूथरा, गोपाल खंडेलवाल, अशोक कुमार गोयल, संजय अग्रवाल, दर्शन सिंह सिकरवार, संजय कुंडलानी, सलीम जब्बार, सुरेश चंद्र गर्ग, पुनीत अग्रवाल, संजीव जैन, दर्शन थवानी,भागचंद थवानी, रिंकू अग्रवाल,नीतू अग्रवाल, सरिता गौतम, राजकुमार अग्रवाल, राजेश अग्रवाल, रमाशंकर शर्मा एडवोकेट, राजीव गुप्ता, सुशांत सिंघल सीए, मनीष अग्रवाल, केपी सिंह, प्रकाश अग्रवाल, जतिन मदान, श्याम जरारी, आयुष गुप्ता आदि प्रमुख हैं।