हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो
आगरा : शारदा विश्वविद्यालय आगरा में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष में शारदा शक्ति सम्मान 2025 कार्यक्रम का आयोजन धूमधाम के साथ किया गया। "सभी महिलाओं और बालिकाओं के लिए अधिकार,समानता और सशक्तिकरण" थीम के तहत कार्यक्रम में विचार प्रस्तुत किए गए।
कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि अध्यक्ष राज्य महिला आयोग उत्तर प्रदेश श्रीमती बबीता चौहान,विशिष्ट अतिथि डॉ.बीना लवानिया,श्रीमती नम्रता पानीकर और शारदा यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रोफेसर (डॉ.) जयंती रंजन ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्जवलित करके किया।
कुलपति महोदया ने उपस्थित मुख्य अतिथि,विशिष्ट अतिथियों और अतिथियों का हृदय से आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस वर्ष की थीम ऐसी कार्रवाई का आह्वान करती है,जो सभी महिलाओं के लिए समान अधिकार, शक्ति और अवसर प्रदान कर सके और एक नारीवादी भविष्य हो जहाँ कोई भी पीछे न छूटे। इस दृष्टिकोण का मुख्य उद्देश्य अगली पीढ़ी - युवाओं,विशेष रूप से युवा महिलाओं और किशोरियों को स्थायी परिवर्तन के उत्प्रेरक के रूप में सशक्त बनाने का प्रतीक है। आज हम अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2025 के अवसर पर एकत्रित हुए हैं,जो दुनिया भर में महिलाओं की असाधारण उपलब्धियों और योगदान को मान्यता देने के लिए समर्पित है। महिलाओं ने समाज को आकार देने,आंदोलनों का नेतृत्व करने और उद्योगों को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। विज्ञान और राजनीति से लेकर व्यवसाय और कला तक, वे बाधाओं को तोड़ती रही हैं। यह हमें अपने आसपास की महिलाओं को ऊपर उठाने के लिए प्रेरित करता है,यह सुनिश्चित करता है कि उन्हें समान अवसर प्रदान किए जाएं ताकि वे समृद्धि और सफलता प्राप्त कर सकें।
मुख्य अतिथि अध्यक्ष राज्य महिला आयोग ने सभी को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि महिलाओं को सशक्त बनाने का अर्थ है उन्हें अपने जीवन को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक उपकरण,शिक्षा और आत्मविश्वास प्रदान करना। इसका अर्थ है उन पूर्वाग्रहों को तोड़ना जो उन्हें पीछे रखते हैं और एक ऐसा वातावरण बनाना जिसमें वे मूल्यवान और सम्मानित महसूस करें। हमने प्रगति की है,लेकिन लिंग-आधारित हिंसा,वेतन में असमानता और सीमित नेतृत्व प्रतिनिधित्व जैसे गहराई से जड़े मुद्दे अभी भी मौजूद हैं। वास्तविक परिवर्तन के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है - सरकारों, संगठनों और व्यक्तियों से। इस दिन, आइए हम अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करें कि हम एक ऐसे भविष्य का निर्माण करें जहां महिलाएं और पुरुष समान रूप से खड़े हों,एक दूसरे को उच्चतम स्तर तक उठाते हुए। परिवर्तन हमारे साथ शुरू होता है और एक साथ,हम भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक बेहतर कल को आकार दे सकते हैं। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस महिलाओं की उपलब्धियां का वैश्विक उत्सव है। विशिष्ट अतिथि डॉ.बीना लवानिया ने बधाई देते हुए कहा आज हम अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2025 का जश्न मना रहे हैं,जिसमें दुनिया भर में महिलाओं की दृढ़ता,शक्ति और उपलब्धियों को मान्यता दी जा रही है। महिलाओं ने बाधाओं को तोड़ दिया है और समाज में बहुत बड़ा योगदान दिया है। हालांकि लिंग असमानता अभी भी एक चुनौती बनी हुई है। आइए हम एक ऐसे भविष्य के लिए प्रतिबद्ध हों जहां महिलाओं की आवाजें सुनी जाती हैं,उनके अधिकारों की रक्षा की जाती है, और उनके सपने पूरे होते हैं। एक साथ, हम समानता और न्याय की दुनिया बना सकते हैं। महत्वपूर्ण है कि महिला दिवस का आयोजन सिर्फ रस्म अदायगी भर नहीं रह जाए। वैसे यह शुभ संकेत है कि महिलाओं में अधिकारों के प्रति समझ विकसित हुई है। अपनी शक्ति को स्वयं समझकर, जागृति आने से ही महिला घरेलू अत्याचारों से निजात पा सकती है। कामकाजी महिलाएं अपने उत्पीड़न से छुटकारा पा सकती हैं। तभी महिला दिवस की सार्थकता सिद्ध होगी। विशिष्ट अतिथि श्रीमती नम्रता पानीकर ने अपने संबोधन में कहा कि मनु स्मृति में स्पष्ट उल्लेख है कि जहां स्त्रियों का सम्मान होता है वहां देवता रमण करते हैं,वैसे तो नारी को विश्वभर में सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है किंतु भारतीय संस्कृति एवं परंपरा में देखें तो स्त्री का विशेष स्थान सदियों से रहा है। फिर भी अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर वर्तमान में यदि खुले मन से आकलन करें तो पाते हैं कि महिलाओं को मिले सम्मान के उपरांत भी ये दो भागों में विभक्त हैं। एक तरफ एकदम से दबी, कुचली, अशिक्षित और पिछड़ी महिलाएं हैं तो दूसरी तरफ प्रगति पथ पर अग्रसर महिलाएं हैं। आज कई मामलों में तो पुरुषों से भी आगे नई ऊंचाइयां छूती महिलाएं हैं। जहां एक तरफ महिलाओं के शोषण, कुपोषण और कष्टप्रद जीवन के लिए पुरुष प्रधान समाज को जिम्मेदार ठहराया जाता है, वहीं यह भी कटु सत्य है कि महिलाएं भी महिलाओं के पिछड़ने के लिए जिम्मेदार हैं। यह भी सच है कि महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों ने ही स्त्री शक्ति को अधिक सहज होकर स्वीकार किया है,न सिर्फ स्वीकार किया अपितु उचित सम्मान भी दिया,उसे देवी माना और देवी तुल्य मान रहा है,जिसकी कि वह वास्तविक हकदार भी है।
इस अवसर पर रोजगार दीदी शिप्रा विकास राठी, ब्रज कला अध्यक्ष नम्रता सिंह,विद्यालय प्रमुख प्रिया मदान, लोक गायिका रितु मोहन, राष्ट्रीय कुश्ती खिलाड़ी अर्चना चौधरी, मूर्तिकार दिव्या वर्मा, कथक ट्रेनर चांदनी कुमारी, अंतरराष्ट्रीय ताइक्वांडो खिलाड़ी डॉक्टर किरण कश्यप,डॉक्टर मंजू दलाल, रिंकू शर्मा एवं एडवोकेट रुचि चौधरी, आदि सम्मानित महिलाओं को शारदा शक्ति सम्मान 2025 देकर नवाजा गया। विश्वविद्यालय के छात्र छात्राओं ने रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत कर सभी का मन मोह लिया। कार्यक्रम में समस्त डीन, डायरेक्टर्स,विभागाध्यक्ष टीचर्स और स्टाफ उपस्थित रहे। समन्वयन सीनियर एग्जीक्यूटिव आनंदिता चौहान के द्वारा किया गया । इस उपलब्धि पर शारदा विश्वविद्यालय के कुलाधिपति पीके गुप्ता और उप कुलाधिपति वाई के गुप्ता ने बधाई एवं शुभकामनाएं प्रेषित कीं।