हिन्दुस्तान वार्ता।ब्यूरो
आगरा : संस्कार भारती,आगरा महानगर, बृज प्रान्त द्वारा पंचम नमन काव्य गोष्ठी श्रीमती शीला गर्ग की स्मृति में 25 अप्रैल 2025 को आर्य समाज मन्दिर, जयपुर हाउस, आगरा पर आयोजित की गई।
इस अवसर पर कार्यक्रम के अध्यक्ष ब्रज भाषा के वरिष्ठ कवि डा. राजेन्द्र मिलन, संस्कार भारती के प्रचारक बांकेलाल गौड़, संस्कार भारती आगरा महानगर के अध्यक्ष आर्किटेक्ट राजीव द्विवेदी और पेंशनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एस एन गर्ग ने मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित करके काव्य गोष्ठी का शुभारम्भ किया।
कवि प्रणव कुमार कुलश्रेष्ठ ,टूंडला सरस्वती वन्दना की।
ओज कवि मोहित सक्सेना की कविता को खूब मन से सुना गया।
कवि के पी पौनिया की कविता करतल ध्वनि के साथ सुनी गई।
माता पिता के कर्ज को कोई
चुका सका इन्सान नहीं,
फर्ज में इनकी सेवा करना
तेरा कोई अहसान नहीं।
वरिष्ठ कवि प्रभूदत्त उपाध्याय ने कविता पढ़ी।
तू दुश्मन है मक्कार अरे रे बाबा ना बाबा,
तुझे कौन बनायेगा यार अरे रे बाबा ना बाबा।
कवयित्री सुमन शर्मा ने पढ़ा।
मां का कोई दिनमान नहीं होता,
मां बनना आसान नहीं होता।
मां उदगम है,मन और आत्मा का संगम है।
सम्मानित कवयित्री और बैकुंठी देवी कन्या महाविद्यालय की पूर्व हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ. नीलम भटनागर को तालियों से सुना गया।
अध्यक्षता कर रहे डा.राजेन्द्र मिलन ने कविता पाठ किया।
अनुपम एक सरोवर है मां
त्याग तपस्या ममता का।
उसका जीवन एक धरोहर
परहित सेवा समता का।
शेष पाल सिंह शेष ने काव्यपाठ किया।
नित्य सूर्य का वंदन प्रातः,
पुनः पिता को नमन करूँ।
माता की मैं करूँ प्रार्थना,
नूतन कोई सृजन करूँ।
प्रख्यात कवयित्री नूतन अग्रवाल "ज्योति" ने कविता पाठ किया।
आँखों में नीर.पर होठों पर धीर धर,
पीकर हर बात को जागी जो रात को,
सोये हैं जिसके सपने समझाकर मन को अपने,
कहती है अक्सर बेटी ...बाबा मैं ठीक हूं...बाबा मैं ठीक हूं।
इससे पूर्व गोष्ठी के अध्यक्ष वरिष्ठ कवि डा.राजेन्द्र मिलन,संस्कार भारती के प्रचारक बांकेलाल गौड़,संस्कार भारती आगरा महानगर के अध्यक्ष आर्किटेक्ट राजीव द्विवेदी, पेंशनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एस एन गर्ग, प्रांतीय उपाध्यक्ष नन्द नन्दन गर्ग, महामंत्री ओम स्वरूप गर्ग ने 73 वर्षीय कवयित्री और बैकुंठी देवी कन्या महाविद्यालय की पूर्व हिन्दी विभागाध्यक्ष डा.नीलम भटनागर जी का शॉल,अंगवस्त्र और माल्यार्पण द्वारा सम्मान किया गया।
काव्य गोष्ठी में प्राचार्य और वरिष्ठ कवि सुधीर कुलश्रेष्ठ, शुभदा पाण्डेय, डा केशव कुमार शर्मा,डा शेष पाल सिंह शेष, कवि रामेंद्र कुमार शर्मा "रवि", कामेश मिश्रा सनसनी,इंजीनियर हरवीर परमार, आचार्य उमा शंकर, डा हरवीर सिंह परमार "तांतपुर" , राजीव क्वात्रा "आगरावासी", आशीष शर्मा, उपेन्द्र सिंह चौहान, डा शशि गुप्ता, आचार्य निर्मल (मथुरा), योगेश चन्द्र शर्मा "योगी", डा यशोयश, अतुल कुमार सिंह, अवधेश उपाध्याय, सुमन शर्मा, के पी पौनियां, उमाशंकर "आचार्य", मृदुल कुलश्रेष्ठ, दीप्ति कुलश्रेष्ठ, ईश्वर पाल सिंह, सुभाष प्रजापति, उमा शंकर मिश्रा, विनय बंसल, दीपेश कुमार सिंह, विजया तिवारी, अजय कुमार मिश्रा, सुभाष प्रजापति, प्रेम सिंह निर्मल आदि ने भी काव्यपाठ किया।
कार्यक्रम का संचालन कवि हरीश अग्रवाल "ढपोरशंख" ने किया।
संयोजन नन्द नन्दन गर्ग,संस्कार भारती ने किया।
धन्यवाद ज्ञापन महामंत्री ओम स्वरूप गर्ग ने किया।
छीतरमल गर्ग, प्रदीप सिंघल, दीपक गर्ग, नीता गर्ग, वन्दना बंसल, राजीव सिंघल, रेनू अग्रवाल ने व्यवस्थाएं संभाली।
इस अवसर पर आलोक आर्य,डा.अश्वनी कुमार श्रीवास्तव, डा माया श्रीवास्तव, मृदुल कुलश्रेष्ठ, दीप्ति कुलश्रेष्ठ, अदिति कात्यायन, नवीन सक्सेना, बाल किशन पचौरी, अरविंद कुमार रावत, रक्ष पाल सिंह परमार, ईश्वर पाल सिंह, अनिल अग्रवाल, हुक्म सिंह, अरविंद कुमार सिंह, अनीता भार्गव, नीनू गर्ग, सुरेश चन्द्र लवानिया और जग मोहन गुप्ता विशेष रूप से उपस्थित रहे।