हज़रत इमाम हुसैन की शहादत मौके पर प्रसिध्द फूलों का ताजि़या व शहर के सैकड़ों ताजिए,कर्बला में सुपुर्द-ए-खाक

 


शब्बीर अपने खून की बूँन्दों से लिख गए,

इस्लाम ज़िन्दा होता है हर कर्बला के बाद.

हिन्दुस्तान वार्ता।ब्यूरो

आगरा : हज़रत इमाम हुसैन की शहादत के अवसर पर आगरा का प्रसिध्द फूलों का ताजि़या व शहर के सैकड़ों ताजिए, न्यू आगरा कर्बला में सुपुर्द-ए-खाक कर दिये गये।

कटरा दबकइयान,पाय चौकी से फूलों का तज़िया 11:00 बजे पर उठाया गया। इससे पूर्व आस्ताने पर मन्नतों का तांता लग गया।

लोगों ने ताज़ि‌ये पर गुलाब के फूल व केवड़ा चढ़ाया। उसके पश्चात शहर के सभी ताज़िए फूलों के ताज़िए के पीछे चले। यो हुसैन - या हुसैन के नारों की  चारों तरफ गूंँज रही।

फूलो के ताज़िए के साथ सभी ताज़िए पाय चौकी से होते हुए फ्रीगंज, पीर कल्यानी ,गाँधी नगर होते हुए न्यू आगरा पहुंचे, जहाँ उन्हें सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। हर जगह सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस तैनात रही। 

करीब 1 बजे मौसम का मिजाज़ बिगड़ा और बारिश होने लगी। ताज़ियेदार भीगते हुए ताज़ियों को लेकर आगे बढ़ते रहे।

ताज़ियों के साथ कमेटी के अध्यक्ष हाजी चौधरी सरफराज खान,पार्षद आरती शर्मा,कांग्रेस नेता नवीन चन्द्र शर्मा,युवा कांग्रेस नेता पं.अपूर्व शर्मा,चौधरी ज़ुऐब खान,अलाउद्‌दीन, हाजी सूफी बुन्दन मियाँ, समी आगाई,एम ए काज़‌मी आदि विशेष रूप से उपस्थित रहे।

रिपोर्ट - असलम सलीमी