नेशनल चैम्बर ने वार्षिक वर्ष 2025-26 के लिए आयकर रिटर्न और कर लेखा परीक्षा रिपोर्ट दाखिल करने की नियत तिथियाँ आगे बढ़ाने हेतु वित्त मंत्री को लिखा पत्र

हिन्दुस्तान वार्ता। ब्यूरो

आगरा : नेशनल चैम्बर द्वारा वार्षिक वर्ष 2025- 26 के लिए आयकर रिटर्न और कर लेखा परीक्षा रिपोर्ट दाखिल करने की नियत तिथियों के आगे बढ़ाने हेतु चैम्बर अध्यक्ष संजय गोयल एवं पूर्व अध्यक्ष एवं आयकर प्रकोष्ठ के चेयरमैन  अनिल वर्मा द्वारा वित्त मंत्री,भारत सरकार श्रीमती निर्मला सीतारामण जी को अनुरोध पत्र भेजा गया,जिसमें पत्र द्वारा उनको अवगत कराया गया कि वर्तमान में आकलन वर्ष 2025-26 के लिए आयकर रिटर्न और कर लेखा परीक्षा रिपोर्ट समय पर दाखिल करने में व्यापारिक समुदाय और कर व्यवसायियों को गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

चैम्बर द्वारा प्रेषित पत्र में अवगत कराया गया कि इस समय,आगरा और आसपास के जिलों सहित उत्तर प्रदेश का एक बड़ा हिस्सा अभूतपूर्व बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित है,जिससे सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद हो गए हैं। आवाजाही बाधित हो गई है और नियमित संचार एवं बुनियादी ढाँचा चरमरा गया है। इन व्यापक कठिनाइयों के कारण पेशेवर,लेखाकार और सहायक कर्मचारी प्रभावी ढंग से काम करने में असमर्थ हैं। इसके अतिरिक्त आगामी त्योहारी सीज़न, जिसमें नवरात्रि, दुर्गा पूजा, दशहरा, दीपावली, क्रिसमस और नव वर्ष शामिल हैं,उसमें व्यापक व्यापारिक गतिविधियाँ, लंबे कार्य घंटे और लगातार यात्राएँ शामिल हैं।

 इन कारकों के कारण कर रिटर्न और ऑडिट रिपोर्ट तैयार करने और जमा करने के लिए उपलब्ध समय और श्रमशक्ति में उल्लेखनीय कमी आती है। 

चैम्बर द्वारा इन सभी असाधारण परिस्थितियों को देखते हुए और उचित अनुपालन को सुगम बनाने के लिए, निम्नलिखित नियत तिथियों को आगे बढ़ाने हेतु माननीय वित्त मंत्री से अनुरोध किया गया कि.

1. कर निर्धारण वर्ष 2025-26 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करना, और

2. कर निर्धारण वर्ष 2025-26 के लिए आयकर अधिनियम के तहत निर्धारित कर लेखा परीक्षा रिपोर्ट और अन्य लेखा परीक्षा दाखिल करना।

चैम्बर अध्यक्ष संजय गोयल एवं पूर्व अध्यक्ष एवं आयकर प्रकोष्ठ के चेयरमैन अनिल वर्मा द्वारा वित्त मंत्री,भारत सरकार से मांग की गयी कि आपके द्वारा वर्ष 2025-26 के लिए आयकर रिटर्न और कर लेखा परीक्षा रिपोर्ट दाखिल करने की नियत तिथियों के आगे बढ़ाने से करदाताओं और पेशेवरों को बहुत आवश्यक राहत मिलेगी,तथा सटीक और व्यापक अनुपालन भी संभव होगा।