शाहजहाँ गार्डन में हरियाली नष्ट करने के विरोध में धरना



हिन्दुस्तान वार्ता।ब्यूरो

आगरा, 25 सितम्बर,रिवर कनेक्ट कैंपेन के सदस्यों और ग्रीन एक्टिविस्ट्स ने आज शाम यमुना आरती स्थल (एत्माद्दौला व्यू प्वाइंट) पर धरना देकर शाहजहाँ गार्डन में हो रहे पक्के निर्माण और हरियाली को हो रही क्षति के खिलाफ जोरदार विरोध दर्ज कराया। कार्यकर्ताओं ने दोषी विभागों की पहचान कर उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की मांग उठाई।

पर्यावरणविद् डॉ.देवाशीष भट्टाचार्य ने बताया कि इस विषय पर पहले ही मंडलायुक्त को ज्ञापन दिया जा चुका है तथा आगरा विकास प्राधिकरण को भी अवगत कराया गया है। उन्होंने कहा कि शाहजहाँ गार्डन जैसे ऐतिहासिक स्थल पर हरियाली के विनाश की अनदेखी करना गंभीर पर्यावरणीय संकट को जन्म देगा।

बायोडायवर्सिटी विशेषज्ञ डॉ. मुकुल पांड्या ने कहा कि “दो विश्व धरोहर स्मारकों (ताजमहल और आगरा किला) के बीच स्थित इस हरित कवच को संकुचित करना अत्यंत खतरनाक है। यह न केवल पर्यावरण बल्कि धरोहर संरक्षण के लिए भी घातक है।”

रिवर कनेक्ट कैंपेन के संयोजक ब्रज खंडेलवाल ने पुरातत्व विभाग से मांग की कि 500 मीटर के दायरे में हो रहे अवैध निर्माण को तत्काल ध्वस्त किया जाए और इस मामले को सर्वोच्च न्यायालय के संज्ञान में लाया जाए। उन्होंने कहा, “आगरा का ग्रीन कवर सरकारी उपेक्षा और ठेकेदारों की मुनाफाखोरी से लगातार घट रहा है। इसका सीधा असर प्रदूषण पर पड़ रहा है और ताजमहल समेत धरोहरों को गंभीर खतरा बढ़ रहा है।”

धरने में चतुर्भुज तिवारी, डॉ. हरेंद्र गुप्ता, पद्मिनी अय्यर, इरम, दीपक राजपूत, मुकेश, रंजन शर्मा, दिनेश शांडिल्य, पंडित जुगल किशोर, गोस्वामी नंदन श्रोत्रिय, शशि कांट उपाध्याय सहित बड़ी संख्या में नागरिकों ने भाग लिया।

आगे भी ये संघर्ष जारी रहेगा। शाहजहाँ पार्क में “संस्कृति वन” जैसी कंक्रीट परियोजनाओं के चलते आगरा के ग्रीन कवर पर गहरा संकट मंडरा रहा है। ताजमहल की सुरक्षा और शहर की हरियाली को बचाने के लिए सभी जागरूक नागरिकों से इस संघर्ष में शामिल होने की अपील है।

 हमारी माँगें :

शाहजहाँ पार्क की हरियाली और ताजमहल के प्राकृतिक कवच की रक्षा हो।

“संस्कृति वन” जैसी अवैध और पर्यावरण-विरोधी परियोजनाओं को रोका जाए।

हरियाली के विनाशकों और दोषी विभागों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई हो।

पालीवाल पार्क, संजय प्लेस पार्क सहित आगरा के अन्य हरित क्षेत्रों को भी बचाया जाए।

 “शाहजहाँ पार्क सिर्फ एक पार्क नहीं, ताजमहल का जीवनदायी हरा कवच है। इसका विनाश हमारी सांस्कृतिक और पर्यावरणीय मृत्यु होगी।”