"एडवायजरी"आइए.जानें..'वायरल के साथ खाँसी' से कैसे करें बचाव : डॉ. श्रेय - सारस्वत,एम.बी.बी.एस.(DNB) एम.एफ.(होम्योपैथी)Std.London.

हिन्दुस्तान वार्ता।ब्यूरो

आगरा : सुप्रसिद्ध युवा चिकित्सक,डॉ.श्रेय सारस्वत जो एम.बी.बी.एस (DNB) एवं एम.एफ़.(होम्योपैथी)Std.London हैं। जो एम्स,अपोलो आदि में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। उन्होंने जनहित में 'वायरल,खांसी' से बचाव हेतु,एडवाइजरी जारी की है।

उन्होंने कहा कि बदलते मौसम के कारण लोग वायरल के साथ खांसी से ज्यादा पीड़ित हो रहे हैं। डाक्टरों के क्लिनिक-अस्पतालों में ज्यादा तर खाँसी से पीड़ित लोगों की संख्या बढ़ रही है। इस सम्बंध में सूर्यनगर में प्रो.(डॉ.)कैलाश चन्द्र सारस्वत के क्लीनिक पर डा.श्रेय सारस्वत ने वार्ता के दौरान बताया कि इस समय जो वायरल/ खाँसी का संक्रमण चल रहा है,मरीज तरह तरह की दवाईयों का सेवन कर रहे हैं,परन्तु उसके बाद भी उनकी खाँसी नहीं जाती। इससे निजात पाने के लिए होम्योपैथी में अलग अलग तरह की खाँसी और हर मरीज के लिए अलग दवा दी जाती है,जिससे खाँसी में आराम मिल जाता है। होम्योपैथी में पुरानी से पुरानी खाँसी का भी इलाज है। एलर्जी से होने वाली खाँसी की समस्या वाले मैरीजों को इस मौसम में मास्क लगाना चाहिए। बिना डाक्टर की सलाह के बगैर द‌वा नहीं लेनी चाहिए। गले में जो खाद्य पदार्थ खरास पैदा करें,उनसे परहेज करना चाहिए।

उन्होंने आगे बताया कि इस समय अंग्रेजी दवाई 'कफ सीरप' पर जो अफवाहें-आशंकाएं फैल रहीं हैं। इससे बचने के लिए बच्चों को कफ सीरप आदि न दें। बेहतर परिणाम के लिए होम्योपैथी दवाओं का प्रयोग करें। होम्योपैथी दवाओं के लेने से लंग्स इंफेक्शन ठीक हो जाता है। बच्चे बार-बार बीमार नहीं होते,उनकी इम्युनिटी भी बढ़ती है। होम्योपैथी दवाइयाँ गले से सम्बंधित रोगों के अलावा विभिन्न रोगों के लिए कारगर हैं। दवाओं का प्रयोग चिकित्सक की सलाह से ही करना चाहिए।

रिपोर्ट - असलम सलीमी