राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी एव लालबहादुर शास्त्री जी की जयन्ती पर शत-शत नमन और श्रध्दाँजलि



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मेरे मन मे़ं एक विचार की एक रचना आपके साथ ......         """""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""

लोग कहते हैं कि--

गाँधी तुम जिन्दा हो,

मुझे विश्वास नहीं होता ।

सच कहता हूँ--

तुम्हारा सत्य,

कभी सत्य नहीं जाना ।

तुम्हारी अहिंसा की हिंसा की,

अनशन को अनसुन ही माना ।

तुम्हारा प्रेम--

शत प्रतिशत दण्ड में नजर आया ।

तुम्हारा हरिजन तुम्हारा रुप जहाँ देखा,

खूब अजमाया ।

मानोगे नहीं--

अब तुम्हारी याद नहीं आती ।

गाँधी  की  गंध  नहीं  भाती ।

सुना है--

तुम्हें गौडसे ने मारा है ,

मुझे विश्वास नहीं होता ।

गाँधी एक संस्कृति,एक विचार,

तुम्हें हमने मारा है,

फिर भी जिंदा हो ?

मुझे विश्वास नहीं होता ।।....

लोग कहते हैं --

गाँधी तुम जिंदा हो,

मुझे विश्वास नहीं होता ।।......


 ✍परमानंद......

"जय जवान, जय किसान, जय भारत"