फर्जी प्रोबेशन रिपोर्ट पर छूट रहे विचाराधीन, बाल अपराधी



- जिला प्रोबेशन कार्यालय  में बैठकर कनिष्ठ तैयार करता है रिपोर्ट,।

- मौके पर जाकर आरोपी की तहकीकात नहीं करता कर्मचारी ।


आगरा।  (प्रवीन शर्मा )

बाल संप्रेक्षण गृह में  विभिन्न अपराधों में  निरुद्ध किशोरों को जमानत पर रिहा करने के लिए जिला प्रोबेशन कार्यालय काफी राहत प्रदान कर रहा है। सूत्रों का कहना है कि विचाराधीन बाल कैदियों को जमानत पर रिहा करने के लिए कार्यालय में बैठकर ही प्रोबेशन रिपोर्ट तैयार की जा रही है। इसमें मनमाफिक सुविधा शुल्क भी वसूला जा रहा है।

बाल संप्रेक्षण गृह में विभिन्न अपराधों में लाए गए किशोरों को जमानत पर रिहाई के लिए जिला प्रोबेशन कार्यालय द्वारा प्रोबेशन रिपोर्ट तैयार कराई जाती है।  किशोर के निवास करने वाली कॉलोनी व मोहल्ले में जाकर इस बात की तहकीकात की जाती है कि किशोर  शातिर अपराधी है या परिस्थितियां बस जाने अनजाने में उससे अपराध हो गया है।इसके अलावा क्षेत्रीय लोगों से उसके चाल चलन के बारे में जानकारी जुटाई जाती है, लेकिन जिला प्रोबेशन कार्यालय में ऐसा कुछ भी नहीं हो रहा। बाल संरक्षण गृह में निरुद्ध किशोर की जमानत की इच्छा रखने वाले उसके परिजनों को कार्यालय बुला लिया जाता है। उससे मनमाफिक सुविधा शुल्क वसूला जाता है । इसके बाद कार्यालय के एक कनिष्ठ कर्मचारी द्वारा रिपोर्ट तैयार की जाती है। बाद में इस रिपोर्ट पर जिला प्रोबेशन अधिकारी द्वारा हस्ताक्षर कर दिए जाते हैं। सूत्रों का कहना है कि इस कार्य के लिए कनिष्ठ द्वारा मनमाफिक सुविधा शुल्क वसूला जाता है। इस संबंध में जिला प्रोबेशन अधिकारी लव कुश भार्गव ने बताया कि रिपोर्ट कोई भी कर्मचारी तैयार करें,उस पर  साइन  तो मेरे ही होते हैं।