सनातन धर्म का संरक्षण एवं संवर्धन ही है, मलूक पीठ का एकमात्र लक्ष्य - राजेन्द्र दास महाराज

 

मथुरा ( वृंदावन )

आज समस्त भारत में सनातन धर्म परम्परा को क्षत विक्षत करने का जो षडयंत्र रचा जा रहा है, उसका विरोध  मलूक पीठ सेवा संस्थान द्वारा मजबूती से किया जाएगा और यही नहीं, बल्कि उसका यथोचित जवाब भी दिया जाएगा। यह विचार स्थानीय मलू

क पीठाधीश्वर संत राजेन्द्र दास जी महराज ने व्यक्त किए। इस अवसर पर उन्होंने पत्रकारों को आश्रम के शिष्य दीनबंधु दास के खिलाफ हुए दर्ज मामले पर जवाब देते हुए कहा कि दीनबंधु दास हमारे आश्रम के ही शिष्य है, इसमें कोई भी संदेह नहीं। उन्होंने बताया कि विगत लगभग १ वर्ष पूर्व ही दीनबंधु दास ने अन्यत्र अपना निवास स्थान बना लिया था और वे वहीं पर निवास भी करते थे। इस दौरान उनका यदा कदा आश्रम आना जाना लगा रहता था। यदि उनके द्वारा किसी भी प्रकार का कोई अपराध हुआ है तो इसके लिए मलूक पीठ अपना गंभीर विरोध दर्ज करता है। उन्होंने बताया कि दीनबंधु दास के खिलाफ किसी भी जांच में संस्थान द्वारा  पुलिस अथवा सम्बन्धित किसी भी जांच एजेंसी का पूर्ण सहयोग किया जाएगा। इस अवसर पर वराह घाट पीठ के महंत राम प्रवेश दास जी ने कहा कि मलूक पीठ सेवा संस्थान द्वारा सदा से धर्म एवं समाज हित में तत्पर रहा है। यदि किसी भी व्यक्ति द्वारा उसके निजी तौर पर दोषी पाए जाने अथवा आरोप लगने पर यदि समस्त मलूक पीठ सेवा संस्थान पर सवाल उठाया जाता है, तो यह कतई गलत और असहनीय होगा, जिसका समस्त संत समाज द्वारा मुखर होकर विरोध किया जाएगा।  इस अवसर पर रसिक माधव दास, गंगा दास, गोपेश कृष्णा दास जी, मदन मोहन दास, अशोक नारायण दास आदि उपस्थित रहे।