संकलन-विजय बंसल "समाज सेवी -देवी भक्त
शुक्रवार, दिनांक 23-10-2020 को निशीथ काल व्यापिनी अष्टमी प्राप्त होने के कारण रात्रि में महानिशा पूजा की जायेगी।
पुनः पूजां तथाष्टम्यां विशेषेण समाचरेत्।
जागरं च स्वयं कुर्याद्बलिदानं महानिशि।।
निर्णयसिंधु (नवरात्र निर्णय)।
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शनिवार, 24-10-2020 को अष्टमी एवं नवमी का व्रत किया जाएगा।
महाष्टमी घटिकामात्राप्यौदयिकी नवमीयुता ग्राह्या।
धर्मसिंधु (नवरात्र निर्णय)
दुर्गापूजादौ नवमी पूर्वविद्धैव ग्राह्या।।
श्रावणी दुर्गनवमी दूर्वा चैव हुताशनी।
पूर्वविद्धैव कर्तव्या शिवरात्रिर्बलेर्दिनम्।।
महानवमी बलिदानव्यतिरिक्तविषये पूजोपोषणादावष्टमी विद्धा ग्राह्या।
पुरुषार्थचिंतामणि (नवमी निर्णय) एवं निर्णयसिंधु (नवरात्र निर्णय)
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शनिवार, 24-10-2020 को दिन में 11:27 बजे के बाद नवमी तिथि का आरम्भ हो रहा है जो 25-10-2020 को दिन में 11:14 बजे तक रहेगा। इसी काल में हवन किया जाएगा।
25-10-2020 को ही बलिदान के लिए नवमी ग्राह्य है।
नवमी प्रयुक्त बलिदाने तु दशमी विद्धा।।
धर्मसिंधु (नवरात्र निर्णय)
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रविवार, दिनांक 25-10-2020 को 11:14 बजे के बाद आरम्भ होने वाले अपराह्न व्यापिनी दशमी तिथि में नवरात्र व्रत का पारण तथा विजया दशमी के अन्तर्गत करने वाले कार्य शमी पूजा, अपराजिता पूजा, आयुध पूजा आदि किया जाएगा।
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सोमवार, दिनांक 26-10-2020 को दुर्गा प्रतिमा का विसर्जन किया जाएगा। विकल्प के तौर पर नवरात्र व्रत का पारणा इस दिन भी किया जाएगा।