नवजातों की मौत का मामला आयोग तक पहुंचा




- 24 और 25 अक्तूबर को राजकीय बालगृह में तीन शिशुओं ने दम तोड़ दिया था ।

- बालगृह प्रबंधन ने पूरे हफ्ते  दबाए रखा था मामला।


आगरा। ( प्रवीन शर्मा )

राजकीय बालगृह (शिशु) में दो दिन में तीन नवजातों की मौत का मामला रविवार को राष्ट्रीय बाल अधिकार सरंक्षण आयोग पहुंच गया। महफूज सुरक्षित बचपन संस्था के समन्ययक एवं आरटीआई कार्यकर्ता नरेश पारस ने आयोग और जिलाधिकारी को पत्र भेज पूरे मामले की मजिस्ट्रेट जांच कराने की मांग की है। 

पत्र में लिखा है कि मामला बेहद गंभीर है। बच्चों की मौत की मजिस्ट्रेटी जांच कराई जाए और दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि सर्दी शुरू हो चुकी हैं, इस दौरान बच्चों की देखभाल की विशेष आवश्यकता होती है। शिशुओं की स्वास्थ्य संबंधी बेहतर इंतजामों की जरूरत है। जिससे ऐसी घटनाओ की पुनरावृत्ति न हो। 

बता दें कि 24 और 25 अक्तूबर को राजकीय बालगृह के तीन शिशुओं ने दम तोड़ दिया था। बालगृह प्रबंधन सप्ताहभर तक मामले को दबाए रहा। इसका खुलासा 27 अक्तूबर को निदेशक बाल कल्याण को भेजी गई रिपोर्ट में हुआ। बालगृह अधीक्षक ने ठंड से बच्चों की मौत होना बताया है।  


ठंड से बिगड़ी तबीयत- अधीक्षक


राजकीय बाल गृह (शिशु) के अधीक्षक विकास कुमार ने बताया कि तीनों बच्चे प्री मैच्योर थे। अचानक मौसम बदला तो ठंड से उनकी तबीयत खराब हो गई। उस दिन मैं मौजूद नहीं था, इसलिए दूसरे कर्मचारी ने निरीक्षण समिति को लेक्टोजन पाउडर व खरीद रजिस्टर नहीं दिखाया।


तीन बच्चे अभी भी हैं बीमार


शिशु गृह में तीन बच्चे अभी बीमार हैं। इनका संस्था में ही उपचार चल रहा है। यहां सप्ताह में एक दिन चिकित्सक देखने आते हैं। चिकित्सक के रोस्टर के अनुसार स्वास्थ्य परीक्षण दिवस निर्धारित है। शिशु गृह में कुल 12 कर्मचारी हैं।