आगरा वार्ता

किसान दिवस बना ,परेशान दिवस




- कृषि अधिकारी के बुलावे पर विकास भवन पहुंचे थे किसान।


- किसान दिवस नहीं लगने पर दिया धरना।


- आठ माह से नहीं लगा किसान दिवस।


 आगरा। प्रवीन शर्मा

जिला कृषि अधिकारी के बुलावे पर विकास भवन पहुंचे किसान उस समय काफी परेशान दिखे जब उन्हें बताया गया आज किसान दिवस नहीं लगेगा। नाराज किसानों ने ज़िला कृषि अधिकारी के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए वहीं पर धरने पर बैठ गए।

किसान नेता श्याम सिंह चाहर और सोमवीर यादव ने बताया कि जिला कृषि अधिकारी डॉ राम प्रवेश वर्मा के कहने पर तमाम किसान दूर-दराज क्षेत्रों से आये थे। किसान दिवस में वे अपनी समस्याओं से अधिकारियों को अवगत कराना चाहते थे, लेकिन एन वक्त पर किसान दिवस नहीं लगने की जानकारी दी तो मजबूरन किसानों को धरने पर बैठना पड़ा।

उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने किसान दिवस को परेशान दिवस बना दिया है। किसानों के नाम पर जमकर दलाली का खेल चल रहा है। दलालों को ही कृषि यंत्र और किसानों से जुड़ी अन्य योजनाओं का लाभ दिया जाता है। 


आठ माह से नहीं लगा किसान दिवस


नेताद्वय ने कहा कि किसान नेता कि आठ महीने से किसान दिवस नही लगाया गया है। किसान दिवस के नाम पर केवल खानापूर्ति की जाती हैं। किसान दिवस को मजाक दिवस बना दिया है। अगर कृषि विभाग का यही रवैया रहा तो मजबूर किसान बड़ा आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। 


धरने में ये रहे मौजूद


धरना प्रदर्शन में मुकेश पाठक, लाखन सिंह त्यागी, महताप सिंह चाहर, प्रदीप शर्मा, राजू उपाध्याय, विजय शर्मा, अनीस उपाध्याय, सुभाष उपाध्याय, ओमप्रकाश शर्मा, आदि किसान मौजूद रहे।



ताज के दीदार पर लगी बंदिशें मेयर की समझ से परे।


 - पीएम को पत्र भेज की बंदिशें हटाने की मांग।


- लाखों लोगों के पर्यटन से जुड़े होने का दिया हवाला ।


आगरा। प्रवीन शर्मा..

अखिल भारतीय मेयर परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष और आगरा के मेयर नवीन जैन ने ताजमहल में कैरिंग कैपेसिटी को खत्म करने की मांग की है । बुधवार को नगर निगम के कार्यकारिणी कक्ष में पत्रकारों से बातचीत में मेयर ने कहा कि पिछले साल दीपावली के आसपास पांच दिनों के भीतर दो लाख लोगों सैलानियों ने ताजमहल का दीदार किया था, लेकिन इस साल बंदिशों के चलते 20 से 30 हजार लोग ही पहुंचे हैं। यह पर्यटन उद्योग से जुड़े लाखों लोगों के लिए चिंता की बात है । इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय पर्यटन मंत्री को पत्र लिखा है, जिसमें ताजमहल में कैरिंग कैपेसिटी को खत्म करने की मांग की गई है। इससे हर दिन ताजमहल का दीदार करने के लिए आने वाले लोगों को मायूसी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि ताजमहल के नाम पर जो बंदिशें लगाई गई है, वह क्यों लगाई गई हैं यह उनकी समझ में नहीं आ रहा है। ताजमहल विश्व विख्यात है जिसे देखने के लिए हर दिन बड़ी संख्या में लोग आते हैं। ऐसे में पांच हज़ार लोगों की संख्या निर्धारित करना किसी भी तरीके से उचित नहीं है। आगरा में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से तीन लाख 30 हज़ार लोग पर्यटन व्यवसाय से जुड़े हैं। इसमें शहर में 650 होटल, 15 सौ फोटोग्राफर, 350 एंपोरियम 2500 गाइड, 800 ई रिक्शा 4400 ट्रैवल एजेंसी के माध्यम से पर्यटन क्षेत्र से जुड़े हैं।


मार्च के दूसरे सप्ताह में की थी ताजमहल को बंद करने की मांग


नवीन जैन ने जनता कर्फ्यू से पहले ही ताजमहल सहित अन्य स्माकरों को बंद करने की मांग की थी। मार्च के दूसरे सप्ताह में कोरोनावायरस के मद्देनजर ताजमहल सहित अन्य स्मारकों को बंद करने की मांग उन्होंने ही की थी, वहीं अब बंदिशों को खत्म करने की मांग की गई है।




मगरमच्छों पर मेहरबान रहे एफडीए के अधिकारी।


- दिवाली से पहले चले छह दिनी अभियान के जाल नहीं फंसा एक भी नामचीन हलवाई।

- छोटे मिष्ठान बिक्रेताओं पर हुई ताबड़तोड़ कार्यवाई।

आगरा। आगरा ब्यूरो

शहरवासियों को सुरक्षित खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने के लिए एफडीए ने पांच से12 नवंबर तक मिष्ठान बिक्रेताओं के खिलाफ सक्रिय अभियान चलाया। छापामार कार्यवाही विभिन्न मिष्ठान बिक्रेताओं एक लाख 71 हज़ार रुपये की कीमत की 2200 किग्रा से ज्यादा खाद्य सामग्री जब्त की गई। अभियान में किसी भी बड़े मिष्ठान बिक्रेता के खिलाफ कार्यवाही नहीं कि गई। इस बारे में जब एफडीए के अधिकारियों से पूछा गया तो वे बंगले झांककर टालमटोल करने लगे।

एफडीए के जिला अभिहित अधिकारी अमित कुमार सिंह ने बताया कि दिवाली से पहले एफडीए ने पांच से 12 अक्टूबर तक मिष्ठान बिक्रेताओं के खिलाफ अभियान चलाया था। अभियान के अंतर्गत 85 दुकानों का निरीक्षण किया गया था। इनमें से 61 मिष्ठान बिक्रेताओं पर छापामार कार्यवाही कर 171897 रुपये की कीमत की 2214 किग्रा से ज्यादा खाद्य सामग्री जब्त की गई। इसके अलावा 75 सैम्पल लेकर जांच को भेजे हैं।