एमिटी विश्वविद्यालय के छात्रों को प्रदान की फार्मेसी में कैरियर के अवसरों की जानकारी



नोयडा (उ.प्र.)

कोविड 19 ने विश्व में जहां एक ओर विभिन्न क्षेत्रों को प्रभावित किया है वही कई क्षेत्रों के लिए अवसरों के नये द्वार भी खोल दिये है। छात्रों को फार्मेसी के क्षेत्र में कैरियर के अवसरों की जानकारी प्रदान करने के लिए एमिटी इंस्टीटयूट आॅफ फार्मेसी द्वारा वेबिनार का आयोजन किया गया। इस वेबिनार में किनेप्स के सिनियर मैनेजर डा हितेश मनचंदा ने ‘‘ फार्मेसी के छात्रों हेतु कैरियर के अवसर’’ पर व्याख्यान प्रदान किया। इस अवसर पर एमिटी इंस्टीटयूट आॅफ फाॅर्मेसी के संयुक्त प्रमुख डा तनवीर नावेद ने डा मनचंदा का स्वागत किया। इस अवसर पर एमिटी इंस्टीटयूट आॅफ फाॅर्मेसी के डा धीरज नागपाल एंव डा कल्पना भी उपस्थित थी।


किनेप्स के सिनियर मैनेजर डा हितेश मनचंदा ने ‘‘ फार्मेसी के छात्रों हेतु कैरियर के अवसर’’ पर जानकारी देते हुए कहा कि फार्मोस्युटिकल क्षेत्र एक विविधताओं वाला क्षेत्र है जहां आप उत्पादन, शोध एंव विकास, क्लिीनिकल ट्रायल एंव मार्केटिंग के क्षेत्र में जा सकते है। इस क्षेत्र का संचालन विभिन्न राष्ट्रीय एंव अंर्तराष्ट्रीय कानूनों के अंर्तगत होता है। उन्होनें छात्रों से कहा कि फार्मेसी पाठयक्रम के उपरांत आप अकादमिक, क्लिीनिकल शोध, मेडिकल राइटिंग, फार्मेकोविजलेंस, गुणवत्ता बनाये रखने के क्षेत्र, औषधी नियामक मामले, विश्लेषण, केपीओ या सेवा प्रदाता और शोध आदि में कार्य कर सकते है। शोध एंव विकास के संर्दभ में बताते हुए कहा कि अगर आप मेडिसिनल रसायन विज्ञान, फार्मास्युटिक्स, फार्माकोलाॅजी आदि विषयों मंे बी फार्मा के तृतीय और चतुर्थ वर्ष में रूचि दिखाते है तो आप फार्मास्युटिकल, बायोटेक, एग्रो एंव एफएमसीजी क्षेत्र के शोध एंव विकास क्षेत्र में कार्य कर सकते है। कुशल एंव बु़िद्धमान लोगों को विश्लेषण शोध एवं विकास और फामुलेशलन विकास का क्षेत्र दिलचस्प लगता है। डा मनचंदा ने कहा कि फार्मास्युटिकल केमेस्ट्री या फार्मास्युटिकल बायोतकनीकी में विशेषज्ञता के साथ एम फार्म, विश्लेषण शोध एवं विकास की भूमिका के लिए बेहतरीन है।


डा मनचंदा ने कहा कि क्लिनिकल शोध में स्नातक एंव स्नातकोत्तर फार्मेसी छात्रो हेतु विभिन्न स्तरों पर कई अवसर उपलब्ध हैं। क्लिनिकल शोध के संर्दभ में जानकारी देते हुए कहा कि सर्वप्रथम प्रिक्लिनिकल से प्रथम चरण जिसमें 20 से 80 प्रतिभागी होते है और द्वितीय चरण में 100 से 300 प्रतिभागी, तृतीय चरण में 1000 से 3000 प्रतिभागी हिस्सा लेते है। इसके उपरांत सुरक्षा एंव प्रभावों की जांच के लिए एफडीए द्वारा समीक्षा की जाती है और सुरक्षा का विश्लेषण करने के लिए चतुर्थ चरण पर कार्य किया जाता है जिसमें 1000 से अधिक प्रतिभागी हिस्सा लेते है। प्रिक्लिनिकल एंव विभिन्न चरणों के डाटा को तैयार करने के लिए मेडिकल राइटर सहित शोध में विभिन्न चरणों में प्रयोगशाला में कार्य करने के लिए फार्मा छात्रों की आवश्यकता होती है। उन्होनें मेडिकल राइटिंग के कार्य के संर्दभ में बताते हुए कहा कि अगर आपको फार्मास्युटिकल विज्ञान एंव ज्ञान है, आप लिखने एंव डेस्क जाॅब मे दिलचस्पी रखते तो आप मेडिकल राइटर बन सकते है। क्लिनिकल स्टडी रिपोर्ट, सुरक्षा नैरेटिव, प्रोटोकाॅल जैसे रेगुलेटरी डाक्युमेंटस, एैबस्ट्रैक्ट एंव लिटरेचर रिव्यूय तैयार करने वाले वैज्ञानिक रिपोटर और क्लिनिकल ट्रायल डिस्कोलज़र के क्षेत्र में कार्य कर सकते है। डा मनचंदा ने छात्रो को फार्माकोविजेंलस, केपीओ, मार्केट रिर्सच एंव बौद्धिक संपदा अधिकार आदि के क्षेत्र में अवसरों की जानकारी देते हुए अनुभव एंव स्वंय के अदंर प्रदर्शन के कौशल को विकसित करने एंव कंप्यूटर का ज्ञान बढ़ाने की सलाह दी। उन्होनें कहा कि तकनीकी जानकारी एंव स्वंय को अपडेट रखने के शिक्षण के अलावा प्रयोगिक जानकारी बढ़ाये एंव आॅनलाइन सम्मेलन या कार्यशाला में भी हिस्सा लें।


एमिटी इंस्टीटयूट आॅफ फाॅर्मेसी के संयुक्त प्रमुख डा तनवीर नावेद ने डा मनचंदा का स्वागत करते हुए कहा कि एमिटी में हम इस प्रकार के वेबिनारों द्वारा छात्रों को फार्मेसी के क्षेत्र में उपलब्ध एंव आ रहे नये अवसरों की जानकारी प्रदान करते है। फार्मेसी क्षेत्र में शोध एंव विकास के अवसर उपलब्ध जिससे आप राष्ट्र निर्माण एंव देश के विकास में सहायक बन सकते है। हमारे एमिटी के संस्थापक अध्यक्ष डा अशोक कुमार चौहान का मानना है कि शिक्षा सच्चे अर्थो में तभी सार्थक होती है जब उसका लाभ आमजन को प्राप्त हो। एमिटी में हम छात्रों का सदैव शोध एंव नवाचार के लिए प्रोत्साहित करते रहते है।

इस अवसर पर छात्रों ने डा मनचंदा से कई प्रश्न किये जिनके उन्हें जवाब प्राप्त हुए।

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