आगरा आये पूर्व मंत्री अभिषेक मिश्रा ने भाजपा पर कसा तंज – ‘लव जिहाद कानून उन पर लागू होगा या नहीं’



सवांददाता, के,के,कुशवाहा

आगरा। एमएलसी (MLC) चुनावों को लेकर आगरा आये पूर्व केबिनेट मंत्री (Former Cabinet Minister) अभिषेक मिश्रा (Abhishek Mishra) पत्रकारों से रूबरू हुए। पत्रकार वार्ता (Press Conference) के दौरान पूर्व मंत्री अभिषेक मिश्रा ने भाजपा सरकार (Bjp Government) पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि आम आदमी बदलाव चाहता है। यह बदलाव आगामी विधानसभा चुनाव में देखने को मिलेगा, न सिर्फ 2022 में सपा (Samajvadi Party) की सरकार बनने का दावा किया बल्कि चाचा भतीजे के एक साथ आने की ओर इशारा भी दिया।


पूर्व मंत्री अभिषेक मिश्रा ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा की केंद्र और प्रदेश की सरकार ने झूठ के सहारे सत्ता हासिल की है। जिन चुनावी वायदों को लेकर आम आदमी का वोट हासिल किया वो पूरे नहीं हुए। शिक्षित युवाओं को न नौकरी (Job) मिली और न ही बेरोजगारों को रोजगार (Employment), किसानों को सम्मान नही मिला, बल्कि केंद्र की भाजपा सरकार किसान बिल (Kisan Bill) लाकर किसानों का उत्पीड़न कर रही है जिसके विरोध में आज किसान सड़कों पर है। इस बिल से सिर्फ केंद्र सरकार पूंजीपतियों को लाभ पहुंचना चाहती है, इसलिए सरकार जबरन किसानों पर किसान बिल थोप रही है। देश का किसान (Farmer) सरकार को सबक सिखाएगा, जो सरकार आज किसानों पर गोली और आँसू गैस के गोले दाग रही है, यही किसान चुनावो में भाजपा को सबक सिखाएगा।

बिहार चुनाव (Bihar Election) को लेकर अभिषेक मिश्रा का कहना था कि ओवैसी (Ovaisi) और मायावती (Mayavati) दोंनो ने अलग अलग चुनाव लड़े। यह दोनों बी टीम की तरह भाजपा के लिए काम कर रही है जिसके कारण लालू की पार्टी को हार का सामना करना पड़ा। इस चुनाव से मायावती और ओवैसी का असली चेहरा सबके सामने आ गया है।


भाजपा लव जिहाद (Love Jihad) पर कानून ला रही है जबकि खुद लव के बारे में भाजपाइयों को कुछ नही पता। उन्होंने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि ये कानून भाजपाइयों पर लागू होगा या नहीं इसकी भी जानकारी भाजपा से करनी चाहिए। हालांकि उन्होंने झूठ बोलकर प्यार के नाम पर धोखा देने वालो पर कार्यवाही का समर्थन किया।

चाचा भतीजे के मामले में जानकारी देते हुए अभिषेक मिश्रा ने कहा कि नेता जी पहले ही साफ कर चुके है कि शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) का सम्मान पहले भी था आज भी है। अगर वो साथ आते हैं तो पहले की तरह पार्टी में सम्मान और केबिनेट का दर्जा मिलेगा। अगर अलग चुनाव लड़ा तो शिवपाल के सामने सपा अपना प्रत्याशी नही उतरेगी।