एमिटी विश्वविद्यालय द्वारा भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा संयुक्त युद्ध पर रणनीतिक वेबिनार का आयोजन।







नोयडा। (हि .वार्ता )

एमिटी विश्वविद्यालय में एमिटी इंस्टीटयूट आॅफ डिफेंस एंड स्ट्रैटजिक स्टडीज द्वारा सोसाइटी फाॅर एरोस्पेस मैरिटाइम एंड डिफेंस स्टडीज के सहयोग से छात्र केन्द्रीत और रक्षा उन्मुख आधारित ‘‘ भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा संयुक्त युद्ध’’ विषय पर वेबिनार का आयोजन किया गया। इस वेबिनार का शुभारंभ छत्तीसगढ़, त्रिपुरा एवं मध्य प्रदेश के पूर्व राज्यपाल महमाहिम लेफ्ट जनरल के एम सेठ द्वारा किया गया। वेबिनार के अंर्तगत आयोजित विभिन्न दो सत्रों में प्रथम सत्र ‘‘ उत्तरी क्षेत्र में लद्दाख से संबधित विकसित परिदृश्य में संयुक्त सेना एंव वायुसेना का संचालन’’ जिसमें पूर्व चीफ आॅफ आर्मी स्टाफ जनरल दीपक कपूर एंव पूर्व एयर चीफ मार्शल अरूप राहा ने अपने विचार रखें और द्वितीय सत्र जो कि ‘‘देश के पश्चिमी एंव दक्षिणी क्षेत्रों में कच्छ - रेगीस्तान और अरब सागर के रण में एकीकृत त्रि - सेवाएं संयुक्त अभियान’’विषय पर आयोजित किया गया जिसमें पूर्व चीफ आॅफ आर्मी स्टाफ जनरल दीपक कपूर एंव पूर्व एयर चीफ मार्शल अरूप राहा एंव पूर्व नौसेनाध्यक्ष एडमिरल आर के धवन ने अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष डा अशोक कुमार चौहान द्वारा सभी अतिथियों का स्वागत किया गया। वेबिनार का संचालन एमिटी इंस्टीटयूट आॅफ डिफेंस एंड स्ट्रैटजिक स्टडीज के महानिदेशक लेफ्ट जनरल एस के गिडिआॅक एंव एमिटी इंस्टीटयूट आॅफ डिफेंस एंड स्ट्रैटजिक स्टडीज के उपाध्यक्ष डा डब्लू सेल्वामूर्ती द्वारा किया गया।


वेबिनार का शुभारंभ छत्तीसगढ़, त्रिपुरा एवं मध्य प्रदेश के पूर्व राज्यपाल महमाहिम लेफ्ट जनरल के एम सेठ ने प्रौद्योगिकी की उन्नति को ध्यान में रखते हुए संयुक्त संचालन को बढाने पर जोर दिया। उन्होनें व्यक्तिगत सेवाओं की तुलना में भारतीय सशस्त्र बलों का हिस्सा बनने के लिए अधिकारियों को मानसिकता में परिवर्तन लाने का आहवा्न भी किया।


पूर्व चीफ आॅफ आर्मी स्टाफ जनरल दीपक कपूर ने वेबिनार में संबोधित करते हुए कहा कि सैनिकों के सर्वोच्च अनुशासन एंव मनोबल के साथ युग्मित हमारा अमिट सैन्य नेतृत्व, भारतीय सशक्त बलों की अत्यधिक दुर्जेय संयुक्त युद्धक क्षमताओं के लिए असमान रूप से एक विजयी बढ़त देता है। उन्होनें कहा कि हमारा देश अन्य देशों की तुलना में संयुक्त कामकाज की उन्नति को अपनाने में प्रारंभ में पीछे था। शांति संतुलन हासिल करने के लिए सैन्य संयुक्त कार्य आवश्यक है।


पूर्व एयर चीफ मार्शल अरूप राहा ने संबोधित करते हुए कहा कि तीनों सेवाओं में संयुक्त युदाभ्यास के तालमेल के अलावा भारत के उच्च संगठन को भी उसी परिपेक्ष्य में पुनर्गठित किया जाना आवश्यक है। इस अवसर पर उन्होनें लदद्ाख की स्थिती और वहां वायु सेना द्वारा किये जा रहे कार्यो को विस्तार पूर्वक बताया।


पूर्व नौसेनाध्यक्ष एडमिरल आर के धवन ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि अंडमान और निकोबार कमान हिंद महासागर क्षेत्र के उच्च समुद्र में हमारा गढ़ है जो दक्षिण चीन सागर से प्रतिकूल परिस्थितियों में किसी भी चुनौतिपूर्ण खतरे का मुकाबला करने के लिए है। उन्होनें संयुक्त युद्ध में सिनर्जी आॅफ फोर्स मल्टीप्लायर का उदाहरण देते हुए कहा कि यह भू रणनीतिक आयाम को एक यर्थाथवादी मूल्यांकन प्रदान करता है।


एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष डा अशोक कुमार चौहान ने कहा कि वर्तमान परिपेक्ष्य में इस विषय पर आधारित वेबिनार अत्यंत महत्वपूर्ण है। सैन्य सेवा सदैव मेरे हदय के नजदीक रही है और सैन्य सेवाओं में योगदान देने वाले आप जैसे विभूतियों से मैने सदैव मार्गदर्शन प्राप्त किया है। किसी भी देश को सक्षम, सशक्त एंव सुरक्षित रखने में सैन्य सेवाओं का योगदान सबसे अधिक रहता है। उन्होनें कहा कि इस वेबिनार में अतिथियों द्वारा दिये गये व्याख्यान ने हम सभी को प्रभावित किया है।


एमिटी इंस्टीटयूट आॅफ डिफेंस एंड स्ट्रैटजिक स्टडीज के महानिदेशक लेफ्ट जनरल एस के गिडिआॅक ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि इस वेबिनार का उददेश्य छात्रों को सैन्य सेवाओं के संयुक्त युद्ध के संर्दभ में विस्तृत जानकारी प्रदान करना है।

इस वेबिनार में एमिटी इंस्टीटयूट आॅफ डिफेंस एंड स्ट्रैटजिक स्टडीज की डीन प्रो वी योगा ज्योतसना द्वारा मार्गदर्शित और एमिटी इंस्टीटयूट आॅफ एजुकेशन एंड ट्रेनिंग के प्रोग्राम निदेशक ब्रिगेडियर बी बी वर्मा द्वारा पोषित एमिटी इंस्टीटयूट आॅफ डिफेंस एंड स्ट्रैटजिक स्टडीज के छात्रों द्वारा बेहतरीन तरीके से जानकारी प्रदान करने के साथ मूल्यवान इनपुट का प्रदर्शन किया गया। इस वेबिनार में एमिटी विश्वविद्यालय के फैकल्टी, छात्र, विभिन्न अतिथियों, सैन्य सेवाओं के दिग्गजों एंव प्रतिष्ठित नागरिकों द्वारा हिस्सा लिया गया।