वृन्दावन।मथुरा
बाँके बिहारी कालोनी स्थित ठाकुर कौशल किशोर राम मंदिर व अखिल भारतीय श्रीराम मित्र मण्डल द्वारा संचालित बहुलावन(बाटी) स्थित श्रीव्यास तपोवन व श्रीराम गौसेवा कुंज में "गौमाता :संरक्षण व संवर्धन" विषय पर सन्त-विद्वत सम्मेलन का आयोजन सम्पन्न हुआ।
विरक्त वैष्णव परिषद के अध्यक्ष महामंडलेश्वर सच्चिदानंद शास्त्री जी महाराज व श्रीमहन्त फूलडोल बिहारी दास जी महाराज ने कहा कि ने कहा कि गौ माता हमारी संस्कृति की प्राण हैं। यह गंगा, गायत्री, गीता, गौ
गोवर्धन और गोविंद के ही समान पूज्य हैं।
अखिल भारतीय श्रीराम मित्र मंडल के अध्यक्ष आचार्य महन्त श्री रामदेव चतुर्वेदी व वरिष्ठ सहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण को गायें अत्यधिक प्रिय थीं। उन्होंने नंद बाबा की सहमति न होने के बावजूद भी अपनी मात्र 5 वर्ष 2 महीने की आयु में गौचारण करके गायों के गोपाल बन गए थे। अतः हम सभी को भगवान श्रीकृष्ण की परमप्रिय गायों की रक्षा का संकल्प लेना चाहिए। साथ ही हमारी सरकार को "गौ-हत्या बन्दी अधिनियम" पारित कर गौ हत्या पर पूरी तरह से रोक लगानी चाहिए। यदि ऐसा हो गया तो गायों के अपहरण पर भी स्वतः रोक लग जायेगी।
पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष मुकेश गौतम व प्रमुख समाजसेवी तुलसी स्वामी ने कहा कि विभिन्न धर्म ग्रंथों में कहा गया है कि "सर्वे देवा: स्थिता देहेसर्वदेवमयी हे गौ:" अर्थात गौमाता पृथ्वी पर साक्षात देवी के समान हैं। अतः हमें उन्हें केवल पशु न समझकर देव ही समझना चाहिए । क्योंकि इनमें 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास है।
इस अवसर पर हनुमान टेकरी के महंत वैष्णव दास महाराज, पण्डित बिहारी लाल वशिष्ठ, श्रीमती कुंजलता चतुर्वेदी, महन्त रेखादासी, प्रमुख समाजसेवी मुरारी स्वामी, आचार्य लवदेव चतुर्वेदी, राधाकांत शर्मा व आचार्य कुशदेव चतुर्वेदी आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
संचालन डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने किया।