एमिटी में मानसिक स्वास्थय और सेहत विषय पर वेबिनार का आयोजन



नोयडा। उ.प्र.

छात्रों को जीवन में मानसिक स्वस्थता को बनाये रखने एवं मानसिक स्वस्थता का विकास में योगदान के महत्व की जानकारी प्रदान करने के लिए एमिटी द्वारा वेबिनार का आयोजन किया गया। इस वेबिनार में एस एन एजुकेशनल कसलंटेटस की संस्थापिका सुश्री शालिनी नांबियार ने ‘‘ मानसिक स्वास्थय और सेहत’’ विषय पर व्याख्यान प्रदान किया।

वेबिनार में एस एन एजुकेशनल कसलंटेटस की संस्थापिका सुश्री शालिनी नांबियार ने ‘‘ मानसिक स्वास्थय और सेहत’’ विषय पर जानकारी देते हुए कहा कि कई बार हम कई प्रकार की मानसिक समस्या से ग्रसित होते है किंतु हम उसे पहचान नही पाते। अधिकतर लोग जीवन में संतुलन स्थापित नही कर पाते जिससे वे मानसिक समस्याओं से घिर जाते है। उन्होनें छात्रों से कहा कि इस बात को समझें कि आप जो महसूस करते है ऐसा महसूस करना समान्य है। अपनी दिनचर्या बनाये, अच्छी निद्रा लें, अन्य लोगों से जुड़े और समय समय पर कार्य से ब्रेक लें। जीवन में सफलता एंव मानसिक स्वस्थता के लिए समय प्रबंधन आवश्यक है इसलिए लक्ष्य निर्धारित करें और प्राथमिकता को समझें, समय नष्ट करने वाले कार्यो को जाने, समय प्रबंधन को अपनायें, समय की गुणवत्ता के बारे में विचार करें ना कि समय की मात्रा के बारे में। स्वंय को सफलता की ओर अग्रसर करें और अपनी दिनचर्या को लिखें। उन्होनें समय प्रबंधन के महत्व को बताते हुए कहा कि इससे आपकी क्षमता का विकास होता है, जीवन में सफलता हासिल होती है और शारीरिक एवं मानसिक स्वस्थता प्राप्त होती है।

सुश्री नांबियार ने कहा कि लक्ष्य का सही निर्धारण ना होना, ना कहने की क्षमता ना होना, चिंता एवं तनाव, कई कार्य एक साथ करना, स्वंय के लिए समय ना निकालना आदि समय प्रबंधन में बाधा उत्पन्न करते हैं। उन्होनें कहा कि अपने निजी बेहतरीन वक्त के बारे में विचार करें। स्वंय का आकंलन करें जिसमें एक पेपर पर अपनी मजबूती और कमजोरियों को लिखें, एक्शन प्लान तैयार करें और अपनी कमजोरियों को दूर करने का प्रयास करें। सुश्री नांबियार ने कहा कि लक्ष्य, सपने या दृष्टिकोण नही होते उन्हे स्मार्ट होना चाहिए। लक्ष्य को विशिष्ट रखें, उसका आकंलन करें, उस पर कार्य करें, हकीकत में बदलने का प्रयास करें और समय सीमा तय करें। लक्ष्य बिना योजना के केवल एक सपना है। उन्होनें छात्रों को सकारात्मक वैचारिक अभ्यास के संर्दभ में जानकारी देते हुए कहा कि सदैव स्वंय पर विश्वास रखें, पूरा होने वाले लक्ष्य की रचना करें, स्वंय के प्रति कठोर ना बने, लोगों के प्रति कृतज्ञता का भाव रखें, हर दिन दिखने वाले सकारात्मक चीजों पर ध्यान दें, निजी विचार विकसित करें, स्वंय को सकारात्मक लोगों के मध्य रखें।


सुश्री नांबियार ने कहा कि छात्रो को मानसिक स्वास्थय एवं सफलता के लिए समस्या के निराकरण, रचनात्मकता, भावनात्मक बौद्धिकता, वैचारिक विश्लेषणता, सक्रिय शिक्षणता, विकसित मानसिकता, निर्णय लेने की क्षमता, संवाद कौशलता के गुण विकसित करने चाहिए। इसके अतिरिक्त नेतृत्वता, विविध सांस्कृतिकता, तकनीकी कौशल भी विकसित करना चाहिए। उन्होनें कहा कि दूसरों पर निर्भर मत रहें और अपने आरामदायक क्षेत्र से निकल कर सफलता हासिल करें।


प्रश्नोत्तर सत्र में छात्रों एवं शिक्षकों ने सुश्री शालिनी नांबियार से कई प्रश्न किये जिनके उन्हे जवाब प्राप्त हुए।

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