नर्सरी को उजाड़ कर बेशकीमती जमीन पर बनाया जा रहा पार्क





- मॉल मालिक को फायदा पहुंचाने के लिए की जा रही कवायद।

- मॉल मालिक के नापाक इरादों को भांप उद्यान विभाग ने पूर्व में बना दी थी जमीन पर नर्सरी ।


-  जमीन से चंद कदमों की दूरी पर स्थित है ऐतिहासिक वृहद पालीवाल पार्क।


प्रवीन शर्मा


आगरा। आगरा का पालिका बाजार कहे जाने वाले संजय प्लेस स्थित जिला उद्यान अधिकारी कार्यालय से सटी उसकी करीब पांच एकड़ जमीन पर वर्षों से संचालित नर्सरी ने इन दिनों अपना अस्तित्व खो दिया है। नर्सरी से सटे एक मॉल को फायदा पहुंचाने के लिए अब नर्सरी को उजाड़ कर पार्क में तब्दील किया जा रहा है, जिससे मॉल में आने वाले ग्राहकों और सैलानियों का निर्माणाधीन पार्क में ठहराव हो सके। सूत्रों का मानना है कि उद्यान विभाग के उपनिदेशक व प्रभारी जिला उद्यान अधिकारी द्वारा मॉल की मालिक को फायदा पहुंचाने की कवायद की जा रही है।

  संजय प्लेस स्थित एक मॉल से सटी उद्यान विभाग की करीब पांच एकड़ बेशकीमती जमीन पर पूर्व से ही शहर के कई उद्योगपतियों की गिद्ध दृष्टि थी। जमीन को हथियाने के लिए हर स्तर की कूटनीति का सहारा लिया गया था, लेकिन उद्यान विभाग के तत्कालीन अधिकारियों और कर्मचारियों की निस्वार्थ पैरवी के चलते उद्योगपति जमीन पर कब्जा नहीं कर पाए थे। उस दौरान उद्यान विभाग ने खाली पड़ी अपनी जमीन पर विभाग की नर्सरी बना दी थी। इससे उद्योगपतियों के अरमानों पर पानी फिर गया था।लेकिन उनकी नापाक कोशिशें लगातार जारी रही।


पूर्व जिलाधिकारी का भी लिया था सहयोग

उद्यान विभाग की जमीन पर जब उद्योगपति कब्जा करने में नाकाम रहे तो उन्होंने पूर्व जिलाधिकारी सगीर अहमद की मदद से एक बार फिर उद्यान विभाग की इस जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की। उन्होंने इसके लिए ज़मीन के बाकायदा कूटनीतिक दस्तावेज भी तैयार कराए, लेकिन उसी वक्त तत्कालीन जिलाधिकारी का शासन ने तबादला कर दिया। इसके बाद उद्योगपतियों को एक बार फिर मुंह की खानी पड़ी थी।

 फिर बदला हवा का रुख

प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुरू में ही भ्रष्टाचार मुक्त शासन देने की घोषणा कर दी थी। इसके बाद भी उद्योगपतियों के उद्यान विभाग की जमीन पर कब्जा करने के नापाक मंसूबों ने एक बार फिर आकार लिया। अब उन्होंने उद्यान विभाग के आला आला अधिकारियों के सहयोग से इस जमीन पर अप्रत्यक्ष रूप से कब्जा करने की योजना बनाई है। इसके लिए उद्यान विभाग के अधिकारियों ने इस जमीन पर आठ वर्ष से संचालित नर्सरी को रातों-रात उजाड़ कर उस पर पार्क बनाने का काम युद्ध स्तर पर शुरू करा दिया है।


 मॉल की ओर नहीं कराई बाउंड्री 

अपनी जमीन पर पार्क बनाने से पहले उद्यान विभाग के अधिकारियों द्वारा जमीन के तीन तरफ कटीले तारों की बाउंड्री कर दी है, लेकिन मॉल की तरफ कोई बॉउंड्री नहीं कराई गई है।इससे साफ है कि मॉल आने वाले ग्राहकों को मॉल के बाद पार्क का खुशनुमा वातावरण भी मिलेगा।


चंद कदमों की दूरी पर है वृहद ऐतिहासिक पालीवाल पार्क

उद्यान विभाग की जमीन से चंद कदमों की दूरी पर करीब 72 हेक्टेयर में फैला ऐतिहासिक पालीवाल पार्क है। जो अपनी हरियाली और बेहतर पर्यावरण के लिए प्रसिद्ध है। पालीवाल पार्क में प्रतिदिन हजारों लोगों का आवागमन रहता है।