एमिटी विश्वविद्यालय में यूरोप एनआरआई संगोष्ठी का आयोजन




नोयडा। उ.प्र.

यूके के दो सासंदो सहित कई विद्वानों ने लिया परिचर्चा में हिस्सा

एमिटी विश्वविद्यालय में यूरोप एनआरआई संगोष्ठि का आयोजन किया गया। जिसके अंर्तगत ‘‘ वैश्विक भारतीय - विश्व विकास की कहानी की ओर ’’ विषय पर आयोजित परिचर्चा सत्र में यूके की सांसद सदस्य श्रीमती बरोनेस वर्मा, यूके के सांसद सदस्य लार्ड रामी रैंजर सीबीई, एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश के चांसलर डा अतुल चौहान, एडवांसीटी के सीईओ एवं सहसंस्थापक प्रो कमल भट्टाचार्या, यूके के कनफेडेरेशन आॅफ इंडियन इंडस्ट्री की प्रमुख सुश्री लक्ष्मी कौल, टाटा कंसलटेंसी सर्विसेस के यूके एंड आयरलैंड के कोरपोरेट अफेयर के निदेशक श्री जिम ब्लीघ, एवं एमिटी सांइस टेक्नोलाॅजी एंड इनोवेशन फांउडेशन के अध्यक्ष डा डब्लू सेल्वामूर्ती ने अपने विचार रखे। इस परिचर्चा का संचालन एमिटी गु्रप वाइस चांसलर डा गुरिदंर सिंह द्वारा किया गया।


परिचर्चा सत्र में यूके की सांसद सदस्य श्रीमती बरोनेस वर्मा ने संबोधित करते हुए कहा कि एमिटी विश्वविद्यालय विकास का एक बेहतरीन उदाहरण है और छात्रों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। भारतीय इतिहास हमारे बृहद ज्ञान का प्रतिबिंब है और भारत ने विश्व को काफी कुछ दिया है और मार्गदर्शन भी किया है उन्हे भारत में पैदा होने पर गर्व है। श्रीमती वर्मा ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि आज भारत विश्व पटल पर तेजी से विकास कर रहा है और भारतीय अर्थव्यवस्था सबसे तेजी से बढ़ रही अर्थव्यवस्था है किंतु इस बात का ध्यान रहे कि विकास की रफ्तार में कोई पीछे ना रह जाये। उन्होनें कहा कि अपनी क्षमता पर विश्वास करें और आप जीवन में सभी कुछ हासिल कर सकते है। मानवता और विनम्रता, सफलता की कंुजी है। उन्होनें कहा कि जीवन मे चुनौतियों को अवसर समझें और बाधाओं को पार करके सफलता हासिल करें।


यूके के सांसद सदस्य लार्ड रामी रैंजर सीबीई ने निजी अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि उनकी अल्प आयु में ही उनके पिता का देहांत हो गया और माताजी ने उनके सहित सभी भाई बहनों का लालन पालन किया। समाज के विकास के लिए महिलाओं का सशक्त होना अत्यंत आवश्यक है क्योकी महिलायें ही हमारे भविष्य की पीढ़ी की निर्माता है। उन्होनें कहा कि हमारी भारतीय सभ्यता 5000 वर्षो से अधिक प्राचीन सभ्यता है जिसने वसुधैव कुटुंबकम का ज्ञान दिया है और बताया है कि विश्व एक परिवार है। हमारे मूल्य एवं संस्कृति हमारी सभ्यता का हिस्सा है। भारत ने विश्व पर अपना प्रभाव बनाया है। लार्ड रामी रैंजर सीबीई ने छात्रों से कहा कि जीवन में आत्मसम्मान, दृढ़ निश्चियता, नैतिकता, सहानुभूति और दृष्टिकोण अत्यंत महत्वपूर्ण है। हमें सदैव सकरात्मक दृष्टिकोण रखना चाहिए और अन्य लोगों के रवैये को सकारात्मक दृष्टिकोण से बदलने की कोशिश करनी चाहिए। व्यापारिक विकास के लिए या तो कंपनी को अन्य बड़ी कंपनी के साथ विलय करें, या किसी अन्य बड़ी कपंनी का अधिग्रहण करें या विकास की बेहतरीन रणनिती तैयार करे। जीवन में अकादमिक के साथ संपूर्ण विकास आवश्यक है।


एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश के चांसलर डा अतुल चौहान ने संबोधित करते हुए कहा कि आज इस परिचर्चा सत्र में सफल वैश्विक भारतीय उपस्थित है। आज भारत इतिहास के उस महत्वपूर्ण ंिबंदु पर है और हम अर्थव्यवस्था, ज्ञान एवं बुद्धिमता में सुपर पावर बनने जा रहे है। हमारे पास युवा शक्ती की एक बहुत बड़ी ताकत है। किसी भी देश के विकास में विश्व में बसे उस देश के व्यक्ति सदैव सहायता एवं मार्गदर्शन करते है। डा चौहान ने कहा कि एमिटी में हम छात्रो को वैश्विक नागरिक बनाने के लिए उनमें अकादमिक के साथ उद्यमिता के प्रोत्साहन एवं शोध के प्रति प्रोत्साहन करने के गुणों को भी पोषित करते है।


एडवांसीटी के सीईओ एवं सहसंस्थापक प्रो कमल भट्टाचार्या ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि छात्रों के संपूर्ण विकास के लिए शिक्षण प्रणाली को प्रभावशाली बनाने के साथ रोजगार और शोध एवं विकास पर केन्द्रीत बनाना होगा तभी छात्रों का संपूर्ण विकास संभव है। भारत को भविष्य में विश्व नेतृत्वता की भूमिका निभानी होगी और विश्व के अन्य देशों का मार्गदर्शन करना होगा।


यूके के कनफेडेरेशन आॅफ इंडियन इंडस्ट्री की प्रमुख सुश्री लक्ष्मी कौल ने संबोधित करते हुए कहा कि हम बहुपक्षीय समय में रह रहे है। हम और आप उद्यमिता एवं व्यापार के मध्य के जीवित सेतु है। वर्तमान समय तकनीकी पर आधारित है लोग तकनीक में विश्वास कर रहे है और डेटा नये महत्वपूर्ण एवं किमती चीज बन रहा है। भारतीय ंकंपनिया जैसे टीसीएस, विप्रो आदि यूके में भी एक बड़ी संख्या मे रोजगार प्रदान करती है। भारतीय फुटप्रिंट बहुत तेजी से विश्व में अपनी छाप बना रहे है।


एमिटी गु्रप वाइस चांसलर डा गुरिदंर सिंह ने अतिथियों का स्वागत करते हुए उनके संर्दभ में जानकारी प्रदान की और कार्यक्रम का संचालन किया।


इस अवसर पर एमिटी विश्वविद्यालय के कई संस्थानों के शिक्षकगण, अधिकारीगण एवं छात्रगणों ने अतिथियों से कई प्रश्न भी किये जिनके अतिथियों ने जवाब प्रदान किये। इस अवसर पर डा लुमिनिता वासीयू और डा भावना कुमार भी उपस्थित थी।