जहाँ बेचैनों (दीन-दुखियों) को चैन मिले वो महाकाली हैं










वो देवी मइया"चैन के पुरवा वालीं हैं।।

मुख्य देवी भक्त-श्री श्री बालयोगी हरीओम जी महाराज


आगरा।(धर्मेन्द्र कु.चौधरी)

देश में अलग-अलग स्थानों पर कई शक्तिपीठ हैं ।उसी क्रम में एक और शक्तिपीठ का अवतरण हुआ है ,जो कालिंदी तट पर चैन के पुरवा,भोगनीपुर के पास कानपुर देहात में स्थित है।

यहां हाल ही में क़रीब 2 वर्ष में ही देवी महाकाली की कला जगी है। माँ काली चैन के पुरवा वाली, का अवतरण हुआ है। देवी भक्त जो "देवी की कृपा शक्ति "से लोगों दीन दुखियों के दुख दर्द मिटाते हैं। वह हैं बाल योगी हरिओम जी महाराज।

 महाराज जी से हमारी लोक कल्याण को लेकर वार्ता हुई...।


 पेश हैं वार्ता के कुछ अंश....


 महाराज जी कहते हैं कि ...भक्ति में शक्ति है।अखिल ब्रह्मांड का भक्ति मार्ग सबसे सटीक और शुभ है। भक्तों को "काली माँ चैन के पुरवा वाली" का जाप करना चाहिए, तो मैं दावा करता हूँ कि अवश्य ही असाध्य रोगों - दुखों से निजात पा सकेंगे ।

वे आगे बताते हैं कि संसार में कोई रोग नहीं है, वर्तमान में कलयुग चल रहा है ,यही प्रेत युग

रोगों, बीमारियों की जड़ है।भक्तों को चाहिए ..कि वे योग-जप- तप करें । "माँ देवी चैन के पुरवा वाली महाकाली"श्री राधे राधे का जाप करें।

अहिंसा का पालन करें ,शुद्ध शाकाहारी बने,मन को स्वच्छ रखें। तो निश्चय ही दुःख दूर हो जाएंगे।

 आगे महाराज जी कहते हैं कि इस कलयुग-प्रेतयुग में अकाल मौतें,भयंकर बीमारियां ,असाध्य रोग जो लगातार हो रहे हैं ।यही प्रेतयुग है।

इन बाधाओं से मुक्ति पाने के लिए हम दावा करते हैं कि रोगी ,दुःखी, असहाय लोग,शक्तिपीठ माँ काली चैन के पुरवा वाली, देवी के दरबार में आए ,और माँ की कृपा -अर्पित जल एवं लौंग युक्त पढ़ा हुआ ,जो प्रसाद रूप में लेंगे , तो निश्चय ही रोग दोष दूर होंगे ।

वे सीधे शब्दों में कहते हैं... कि


 "यहाँ जो रोते-रोते आते हैं।"

  "वे हंसते-हंसते जाते हैं ।।"


महाराज जी एक ही स्वर में कई रोगों को बताते हैं ..कि कैंसर, टीवी ,बवासीर ,भगंदर ,काने, अपाहिज ,लूले - लंगड़े आदि असाध्य रोगी,दावे के साथ ठीक  होते है।

कानपुर निवासी ,देवी जी की साधक अनुपम कहती हैं ...कि मैं गत वर्ष ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित थी। हम देवी के दरबार में आए और देवी की कृपा से उनका अर्पण पढ़ा हुआ जल,प्रसाद स्वरूप पिया तो हमें ब्रेस्ट कैंसर से मुक्ति मिली। तब से हम समय-समय पर देवी के दरबार में दर्शन के लिए आते हैं।

इस तरह कई रोगी हमारे देखते-देखते ठीक हुए हैं ।

रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है ,वे एक दूसरे से कहते हैं तो लोग श्रद्धा भाव से देवी के दरबार में आते हैं।

अंत में महाराज जी कहते हैं कि हम इस संसार में इसीलिए आए हैं कि अधिक से अधिक लोगों -भक्तों का कल्याण हो सके।


जय हो माँ काली चैन के पुरवा

वाली।।

नाग- नागिनी ,सूरज -चंदा की संपूर्ण ब्रहमांड में सदा-सदा के लिए जय जयकार हो।🙏🏼