अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में भारत सहयोगी बनकर उभरा




- सहयोग के लिए तमाम देशों ने जताया आभार।


आगरा। प्रवीन शर्मा

राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच के तत्वावधान में 54 देशों के हिमालय-हिन्द महासागर राष्ट्र समूह अन्तर्गत दो दिवसीय एक अन्तर्राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन सेनाभ्यास एजुकेशनल सेंटर, आगरा में किया गया। सेमिनार के दूसरे दिन रविवार को विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों ने भारत और हिमालय- हिन्दमहासागर के निकटवर्ती देशों के मध्य सांस्कृतिक संबंधों को प्रगाढ़ और पुनर्जीवित करने पर चर्चा की।

भारत भरोसेमंद सहयोगी


मारीशस से डॉ. एडम कोडरथ ने भारत को मॉरीशस का सबसे भरोसेमंद सहयोगी बताया। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के समय में मॉरीशस व भारत के मध्य व्यापारिक व सांस्कृतिक संबंधों में मजबूती आयी थी, जिसमे सबसे महत्वपूर्ण चीजों में से दवा कंपनियों का विशेष योगदान है।


भारत में एक सांस्कृतिक विरासत


इज़ीप्ट से डॉ. मोहम्मद वर्डने ने भारत और इज़ीप्ट के राजनैतिक, सामाजिक व सास्कृतिक संबधों के बारे में बताया। नेपाल से मोहन कृष्णा सुरेश ने भारत की संस्कृति पर चर्चा करते हुए बताया कि भारत में विभिन्न प्रकार की संस्कृति, मान्यताएं और परंपराएं हैं। फिर भी भारत विविधताओं के साथ एक सांस्कृतिक विरासत का धनी देश है।


कुषाण काल से भारत व उज़्बेकिस्तान के बीच संबंध


द्वितीय सत्र की अध्यक्षता प्रो. भगीरथ सिंह जी (कुलपति, पण्डित दीन दयाल उपाध्याय यूनिवर्सिटी, राजस्थान) ने की। इस सत्र में उज्बेकिस्तान के दूतावास से दिल्शोद अखतोव ने भारत और उज्बेकिस्तान के रिश्तों के बारे में बात की। दोनों राष्ट्रों में कई ऐतिहासिक स्थल हैं जोकि हिंद महासागर से जोड़ते हुए रेशम मार्ग पर हैं। उन्होने कुषाण साम्राज्य के दौरान भारतीय सभ्यता को उज्बेकिस्तान के बीच मुख्य ऐतिहासिक संबंध बताया।


 सीरिया ने खुद को भारत का एहसानमंद बताया


सीरिया के राजदूत सलाहकार रशीद अब्बास ने कहा कि आजादी के बाद से हम दोनों देश एक दूसरे के साथ अच्छे संबंध रहे है। भारत ने आई टी सहित कई क्षेत्रों मे अपनी एक नई पहचान बनाई है। महामारी कोविड -19 के दौरान, भारत ने हमे निकासी उड़ानों का समर्थन किया और हमें चिकित्सा सहायता भी प्रदान की। भारत इस महामारी मे मानवता की रक्षार्थ एक विशेष शक्ति के तौर पर उभर कर पूरी दुनिया के सामने आया है।


जाकिस्तान में लोकप्रिय है  भारतीय फिल्में

तजाकिस्तान से प्रोफेसर मुज़फ्फ़र ओलीमोव ने बताया कि भारतीय फिल्में हमारे देश में सबसे लोकप्रिय फिल्में हैं और देश के विश्वविद्यालयों में हिंदी-उर्दू विभाग बहुत बड़े हैं।भारत बहुमूल्य संस्कृति, कला और परंपरा का देश है। भारत ने अपना पहला विदेशी सैन्य अड्डा फ़ारखोर, ताजिकिस्तान में स्थापित किया है तथा ऊर्जा संसाधनों को प्रदान करने के लिए बड़ा आधार है।


 सत्र को किर्गिस्तान के राजदूत ने ऑनलाइन किया संबोधित


सत्र में ऑनलाइन जुड़ने वाले किर्गिस्तान के दूतावास से असियेन आईएसएईवी, यमन के राजदूतअल वहिषी, ईरान से मानदना तिशेहेर, भारत से आर्य भूषण शुक्ला (सेवानिवृत्त आईएएस) आदि सहित अनेक देशों प्रतिनिधियों ने आनलाइन सहभागिता प्रदान की।


सेमिनार के समापन सत्र में मुख्य अथिति इन्द्रेश कुमार ने कहा कि हमारे समूह देशों का परस्पर संस्कृति, सास्कृतिक के साथ ज्ञान व विज्ञान के माध्यम से सीमाओं पर तनाव कम करने प्रयास होगा। इस भूमंडल पर मानवतावादी संस्कृति स्थापित करेंगे।


अंत में हिमालय हिंद महासागर राष्ट्र समूह के मार्गदर्शक व राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच के संस्थापक इंद्रेश कुमार, राष्ट्रीय अध्यक्ष लै.जनरल डा.आर एन सिंह, राष्ट्रीय महामंत्री गोलक बिहारी राय, जसबीर सिंह (सचिव फैन्स इंडिया), स्का. लीडर ए.के.सिंह, आगरा के मेयर नवीन जैन, सांसद प्रो. एस पी सिंह बघेल, पूर्व सांसद प्रभु दयाल कठेरिया आदि अतिथियों को शॉल व मोमेंटो दे कर सम्मानित किया गया।


 यह रहे मौजूद


इस अवसर पर डा. महताब आलम, गोलोक बिहारी राय, रीतेश राय, डा. रजनीश त्यागी, बिग्रेडियर मनोज कुमार का विशेष योगदान रहा है। समारोह में डॉ राजीव उपाध्याय, रोहित दीक्षित, कर्नल राजेश चौहान, गौरी शंकर सिंह, डा. डी.एस.तोमर, शैलेन्द्र शर्मा, हरेन्द्र ठाकुर, राज परिहार, मनीष गुप्ता, तर्श वशिष्ठ, यशपाल राणा, डा. दीपक छोंकर, तरूण रावत, माधव त्यागी, लुबना आसिफ, सचिन गोयल आदि मौजूद रहे।