वृन्दावन। राधाकांत शर्मा
रुक्मिणी-विहार स्थित भागवतपीठ में आचार्य पीठ के अध्यक्ष भागवत-प्रभाकर श्री वैष्णवाचार्य मारुतिनंदन वागीश जी महाराज की अध्यक्षता में नगर के प्रबुद्ध व्यक्तयों, धर्माचार्यों एवं समाजसेवियों आदि की बैठक सम्पन्न हुई। इस बैठक में नई दिल्ली के लाल किले पर ध्वजारोहण के समय हुए अशोभनीय कृत्य की घोर निंदा की गई।
श्री वैष्णवाचार्य मारुतिनंदन वागीश जी महाराज ने कहा कि लालकिले पर गणतंत्र दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय ध्वज के साथ दंगाइयों द्वारा दूसरा ध्वज फहराना मानसिक दिवालियेपन का द्योतक है। इस मोके पर पुलिस कर्मियों व सुरक्षा कर्मियों पर किया गया जानलेवा हमला भी अत्यंत निंदनीय है।
ब्रज साहित्य सेवा मण्डल के अध्यक्ष डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने कहा कि 26 जनवरी को होने वाला गणतंत्र दिवस हमारे देश का राष्ट्रीय पर्व है। जिसे हम सभी देशवासी राष्ट्रीय एकता, सामाजिक सौहार्द्र एवं पारस्परिक मेल जोल के साथ मनाते हैं। ऐसे पुनीत पर्व पर राष्ट्रद्रोही व असामाजिक तत्वों के द्वारा गए गये इस घृणित कृत्य की जितनी भी निंदा की जाए वह कम है।
भागवताचार्य पण्डित बिहारी लाल शास्त्री ने कहा कि गणतंत्र दिवस के अवसर पर हुए इस दुष्कृत्य करने वालों को कड़ी सजा दी जानी चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह के दुष्कृत्यों की पुनरावृत्ति न हो।
इस अवसर पर पण्डित श्रीधराचार्य जी महाराज, पं. विष्णुकांत शास्त्री, पं. सुदामा शास्त्री, प्रदीप बनर्जी, राधाकांत शर्मा, कपीश शर्मा, रमेश चंद्र विधिशास्त्री,संगीताचार्य बनवारी जी महाराज, आचार्य बद्रीश एवं पण्डित बिहारीलाल वशिष्ठ आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किये।