डीईआई और ए. आई.सी. टी. ई. अटल एकेडमी के संयुक्त तत्वावधान में पांच दिवसीय फोटोग्राफी एवं मीडिया कम्युनिकेशन पर वर्चुअल मोड़ में फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का शुभारंभ।

 


आगरा। हि वार्ता

दयालबाग एजुकेशनल इंस्टीट्यूट और एआईसीटीई ट्रेनिंग एंड लर्निंग (अटल) एकेडमी के संयुक्त तत्वावधान में आज इंस्टीट्यूट के अंग्रेजी विभाग से पांच दिवसीय फेकल्टी डवलपमेंट प्रोग्राम के तहत फोटोग्राफी एवं मीडिया कम्युनिकेशन विषय पर वर्चुअल मोड़ में शुभारंभ  हुआ। इस कार्यक्रम में देश भर से 200  से भी अधिक लोगों ने पंजीकृत होकर भागीदारी निभाई। 

कार्यक्रम का शुभारंभ कॉर्डिनेटर एवं अंग्रेजी शिक्षा विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर जे के वर्मा द्वारा संबोधन के साथ किया गया। श्री वर्मा ने सेमिनार के सभी भागीदारों का स्वागत करते हुए अपने उद्बोधन में डीईआई की स्थापना से लेकर अब तक की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इंस्टीट्यूट के लिए यह एक सम्मान की बात है कि एआईसीटीई द्वारा फोटोग्राफी एवं मीडिया कम्युनिकेशन विषय पर पांच दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार के लिए इंस्टीट्यूट को चुना गया है। इंस्टीट्यूट अपनी इस जिम्मेदारी के निर्वहन के लिए सदैव तत्पर है। उन्होंने कहा कि सेमिनार के माध्यम से सभी भागीदारी फोटोग्राफी एवं मीडिया कम्युनिकेशन विषय पर बेहतर जानकारी हासिल कर सकते हैं और इसे अपने कैरियर का हिस्सा बना सकते हैं। 

इससे पूर्व इंस्टीट्यूट से डॉ मीना पायधा ने सेमिनार  के भागीदारों को संबोधित किया और इंस्टीट्यूट के गीत का लाइव प्रसारण किया। सेमिनार में पहले दिन दो सत्रों में विषय विशेषज्ञ प्रोफेसर भूपेश चंद्र लिटिल, जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली द्वारा फोटोग्राफी के विकास, विस्तार, एक्सपोजर और महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। वक्ताओं ने कहा कि फोटोग्राफी का इतिहास बहुत पुराना है। फोटोग्राफी के माध्यम से हम अपने विचार एव अभिव्यक्ति को पाठकों एवं दर्शकों के समक्ष प्रस्तुत कर सकते हैं। तृतीय सत्र में श्री उदित कुलश्रेष्ठ द्वारा मीडिया के नियम एवं आचार विचार पर प्रकाश डालते हुए फोटोग्राफी को कैरियर के रुप में अपनाकर हम मीडिया और  कम्युनिकेशन के क्षेत्र में आगे बढ़ सकते हैं, को बताया।

पांच दिवसीय सेमिनार के इस आयोजन के चीफ पैट्रन एवं इंस्टीट्यूट के निदेशक प्रोफेसर पी के कालरा रहे। तकनीकी सहयोग एवं समन्वयन कला एवं पेंटिंग विभाग के श्री अमित कुमार जौहरी का रहा। धन्यवाद ज्ञापन एवं सत्र संचालन विभाग के डॉ सोनल सिंह एवं डॉ शशि श्रीवास्तव द्वारा किया गया।