निकाय के ठेका कार्मिकों के वेतन में बढ़ोत्तरी। मजदूरी में लगभग 713 रूपये मासिक की बढ़ोत्तरी।

 



लखनऊ। प्रेमशर्मा

स्थानीय निकाय में कार्यरत ठेका कार्मिकों के वेतन में बढ़ोत्तरी की गई है। इस सम्बंध में समस्त निदेशक स्थानीय , मण्डलायुक्तों, जिलाधिकारियों एवं समस्त नगर आयुक्त को सम्बोधित पत्र में 25 मई 2019 को जारी श्रामिकों के मासिक भुगतान 8012.73 के शासनादेश का हवाला देते हुए नया न्यूनतम मासिक भुगतान 8758 रूपये किया गया। यह भुगतान एक अक्टूबर 2020से 31 मार्च 2021 के मासिक भुगतान के लिए होगा। 

शासनादेश के अनुसार प्रदेश के नागर स्थानीय निकायों में सेवाप्रदाता के माध्यम से कार्यरत सफाई कार्मिक/ कार्मिकों के न्यूनतम मजदूरी अधिनियम 1948 का हवाला देते हुए प्रतिमाह मूल मजदूरी परिवर्तनीय मंहगाई भत्ता, मासिक एवं दैनिक वेतन का निर्धारण मानदेय बढ़ोत्तरी सम्बंधी शासनादेश में 9 जून 2014 एवं 21 अगस्त 2014 में मानदेय धनराशि 250 रूपये तय कि गई थी। जबकि 25 मई 2019 को श्रम विभाग के निर्देश अनुसार सेवाप्रदाता ठेका कार्मिकों की दैनिक मजदूरी 308 रूपये 18 पैसे प्रतिदिन और 8012 रूपये 73 पैसे तय की गई थी। इसके उपरान्त 3 मार्च 2021 को जारी शासनादेश के अनुसार स्थानीय निकाय में कार्यरत ठेका कार्मिकों के वेतन में बढ़ोत्तरी करते हुए अकुशल ठेका कार्मिकों का दैनिक वेतन 336 रूपये 85 पैसे प्रतिदन और मासिक 8785 रूपये मासिक किया गया है। इसमें स्पष्ट लिखा गया है कि इसके अलावा सेवा प्रदत्ता कम्पनी का कमीशन अलग से होगा। नए शासनादेश में मानदेय का निर्धारण करते हुए कहा गया कि इसमें मूल वेतन 5750 रूपये तथा एक अप्रैल 2020 से 30 सितम्बर 2020 तक मंहगाई भत्ता 2875 और एक अक्टूबर 2020 से 30 मार्च 2020 तक मंहगाई भत्ता 3008 रूपये निर्धारित किया गया है। 


नही हो शासनादेश के अनुसार भुगतान

एक तरफ नौकरी का अभाव उसके बाद ठेके की नौकरी के चलते अमूनन जो मानदेय शासन तय करता है उसके अनुसार ठेका कार्मिकों को भुगतान नही होता। इसका विरोध इसलिए नही होता कि जैसे ही शासनादेश के अनुसार कार्मिकों द्वारा वेतन माॅगा जाता है सम्बंधित ठेकेदार उन्हें नौकरी से निकाल देने की धमकी देता है। ठेका कार्मिकों के बीच होने वाली चर्चा के अनुसार उनके वेतन में जो कटौती होती उसकी बंदरबाट होती इसलिए अधिकारी संवर्ग भी इसका विरोध नही करता। कुछ लोगोें का नाम न छापने की शर्त पर यह दावा किया है कि अगर उनकी नौकरी बरकरार रहने की कोई गारंटी ले तो वह इस बाॅत को सिद्व कर सकता है कि हर माह ठेका कार्मिकों से वेतन में से एक एक हजार रूपये तक का कम भुगतान कार्मिकों को किया जा रहा है। यानि प्रति माह लाखों रूपये की बंदरबाॅट अधिकारियों और ठेकेदार में हो रही है। जबकि ठेकेदार का तय कमीशन उसे मिल ही रहा है। 


सभी ठेका कार्मिकों को समय से हो एरियर का भुगतान: आनंद वर्मा 

शासनादेश में ठेका कार्मिकों के वेतन में बढ़ोत्तरी को मंहगाई के क्रम में आंशिक बढ़ोत्तरी बताते हुए नगर निगम कर्मचारी संघ के अध्यक्ष आनंद वर्मा ने कहा कि जिस अनुपात में ठेका कार्मिकों की मानदेय में बढ़ोत्तरी की गई है वह कम है। उनके अनुसार ठेका कार्मिकों को कम से कम मंहगाई के क्रम में 15 हजार रूपये मासिक वेतन दिया जाना चाहिए। उन्होंने प्रदेश के समस्त नगर निकायोे में में नए मजदूरी दर का शतप्रतिशत अनुपालन कराने के साथ अब तक किये कम मानदेय के एरियर का भुगतान कराये जाने की मांग की है।उन्होंने उक्त शासनादेश का अनुपालन सभी निकायो मे सुनिश्चित कराये जाने के लिए सभी संघो के पदाधिकारियों से अनुरोध है कि अपने अपने निकायों मे लागू कराये। ताकि कार्यदायी श्रमिको को उनका हक प्राप्त हो सके।