बिजली सरेंडर रिपोर्ट का परीक्षण और उस पर होगा विचार: ऊर्जामंत्री

 


- उपभोक्ता परिषद ने सौंपी रिपोर्ट: मचा हडकम्प।


लखनऊ। प्रेमशर्मा

उपभोक्ता परिषद ने अन्य राज्यों के बिजली सरेंडर और इसके परिणाम स्वरूप बिजली दरों में कमी होने की रिपोर्ट प्रदेश के उर्जा मंत्री को सौपी है। इसके बाद निजी कम्पनियों में हडकम्प मचा हुआ है। उपभोक्ता परिषद के अनुसार प्रदेश में महगी बिजली के उत्पादन गृहो से खरीद की जा रही महगी बिजली को दूसरे राज्यों की तरह उत्तर प्रदेश भी करे सरेंडर उपभोक्ता परिषद् ने ऊर्जामंत्री श्रीकांत शर्मा को सौपी अध्यन रिपोर्ट और महगी बिजली सरेंडर करने की उठाई मांग की गई। ऊर्जा मंत्री का निर्देश व आश्वासन दिया है कि सरकार उपभोक्ता परिषद् की अध्यन रिपोर्ट पर बिचार और परीक्षण करायेगी। 

देश में सभी राज्य अपने उपभोक्ताओ को सस्ती बिजली दिलाने के लिए अपने अपने तरीके से महगी बिजली से निजात पाने के लिए हर सम्भव निर्णय कर रहे है। परिषद के मुताबिक पूर्व में पूरे देश में एमओयू रुट के जो प्रोजेक्ट निजी व सरकार के अधीन स्थापित किए गए उनकी महगी बिजली की वजह से उपभोक्ताओ की बिजली दर लगातार बढ़ रही। देश के अनेको राज्यों ने अपनी महगी बिजली सरेंडर की पूरे देश में 2019 के बाद उत्तर प्रदेश के अलावा अनेको राज्यों के दर्जनों बिजली कम्पनियो ने अब तक केंद्रीय सेक्टर एनटीपीसी की 5750 मेगावाट  महगी बिजली   सरेंडर की  उसी आधार पर प्रदेश में उपभोक्ताओ को सस्ती बिजली मिले।राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा नेे प्रदेश के ऊर्जामंत्री श्री श्रीकांत शर्मा से शक्तिभवन उनके कार्यालय में मुलाकात कर ऊर्जा मंत्री जी के साथ एक अहम् बैठक की और उपभोक्ता परिषद् द्वारा बनाई गयी  अध्यन रिपोर्ट को सौपते हुए महगी बिजली को सरेंडर करने की मांग उठाई। उपभोक्ता परिषद् द्वारा माननीय ऊर्जा मंत्री को सौपी गयी अध्यन रिपोर्ट के बाद निजीघरानो  में हड़कंप मच गया और एक बार फिर यह चर्चा सुरु हो गयी की महगी बिजली खरीद बहुत दिन तक नहीं चलने वाली भले अनुबंध में बदलाव किया जाय।


सरेंडर हुई बिजली तो कम होगी दरें।

परिषद के दावे के अगर सच माना जाए तो बिजली सरेंडर करने के बाद बिजली दरों में कमी आना तय है। उपभोक्ता परिषद् ने अपनी अध्यन रिपोर्ट को सौपते हुए कहा की प्रदेश में  रू0 5 प्रति यूनिट से  ज्यादा महगी बिजली खरीद को अबिलम्ब प्रथम चरण में सरेंडर किया जाय। जिसमे केस -1 में  रुपया रू0 5.89 प्रति यूनिट से लेकर रू0 5.97 प्रति यूनिट  में खरीद की जा रही एमबी पावर केएसकेमहानंदी व आरकेएम पावर की  बिजली को महगी बिजली बताते हुए  सरेंडर करने की मांग उठाई। वही बजाज ग्रुप की ललित पुर व उनकी 5 छोटी इकाइयो कुंदरकी  खंभाणखेड़ा बरखेड़ा मकसूद पुर  उतरौला से खरीद की जा रही रुपया रू. 5.36 प्रति यूनिट से रू. 5.66 प्रति यूनिट  को महगी बिजली बताते हुए सरेंडर करने की सलाह जनहित में दी। वही केंद्रीय सेक्टर एनटीपीसी के ऊंचाहार की 1 से लेकर चैथी इकाईयो से खरीद की जा रही बिजली रुपया रू. 5.35 प्रति यूनिट से रुपया रू. 5.68 प्रति यूनिट को भी महगी बिजली बताकर सरेंडर करने की सलाह दी। एनटीपीसी की झज्जर दादरी टी -1 व दादरी टी-2 की बिजली को भी रुपया रू. 6.03 प्रति यूनिट रुपया से रू. 6.05 प्रति यूनिट  में खरीद की जा रही बिजली को महगी बिजली बताया और कहा सरेंडर करना जनहित में होगा इसका लाभ निश्चित ही आने वाले समय में जनता को मिलेगा।