अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर यूजीसी द्वारा आयोजित वेबिनार में डा (श्रीमती) बलविंदर शुक्ला ने साझा किये विचार।

 




नोयडा। हि वार्ता

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के तत्वाधान में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा ‘‘महिला नेतृत्व - कोविड 19 विश्व में समान भविष्य की उपलब्धि’’ विष पर आॅनलाइन महत्वपूर्ण वेबिनार का आयोजन किया गया जिसमें देश के प्रमुख विश्वविद्यालयांे की वाइस चांसलर और शिक्षण संस्थानो की प्रधानाचार्यो ने हिस्सा लिया। इस वेबिनार का भारत सरकार के केन्द्रीय शिक्षा मंत्री श्री रमेश पोखरियाल निशंक, केन्द्रीय राज्य शिक्षा मंत्री श्री संजय धोत्रे, उच्च शिक्षा सचिव श्री अमित खरे, विद्यालयी शिक्षा सचिव सुश्री अनिता करवाल, यूजीसी चेयरमैन प्रो डी पी सिंह, एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश की वाइस चांसलर डा (श्रीमती) बलविंदर शुक्ला आदि ने अपने विचार व्यक्त किये।


एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश की वाइस चांसलर डा (श्रीमती) बलविंदर शुक्ला ने महिला दिवस की बधाई देते हुए कहा कि कोविड के समय स्वास्थ देखभाल कर्मी, सहायता कर्मी और नवोन्मेषक के रूप में महिलाओं ने अपनी भूमिका का पूरी निष्ठा और मेहनत के साथ निर्वहन किया। कोविड के सकंट काल ने महिलाओं की लड़ाई को गति प्रदान की है। उन्होनें कहा कि महिलाओं पर भावनात्मक और वित्तीय बोझ जो अपने कम आय में अपने परिवार का संचालन करती है उसमें भी बढ़त हुई। सभी क्षेत्र में महिला नेतृत्व की भूमिका में इजाफा हुआ है। डा शुक्ला ने कहा कि तीन प्रमुख तथ्य जैसे व्यवहारिक पूर्वाग्रह जो सदियों से मौजूद है, एक अनुकूल कार्य प्रणाली को सक्षम करना ताकि महिलाये परिवार की देखभाल कर सकें और नेतृत्व की भूमिका में महिलाओं की हिस्सेदारी का विकास पर तुरंत ध्यान देने की आवश्यकता है। इस अवसर पर उन्होनें कहा कि एमिटी में छात्र छात्राओं को विकास करने के समान अवसर प्रदान किया जाता है और विश्वविद्यालय में विभिन्न पदों पर महिलाओं के लिए समान विकास के अवसर उपलब्ध है। एमिटी द्वारा कोविड संकटकाल के दौरान बिना देरी किये छात्रों हेतु डिजिटल शिक्षण कार्यक्रम का संचालन किया गया जिससे छात्रों के शिक्षण बाधित नही हुआ और उनके कौशल विकास हेतु 3000 से अधिक वेबिनार और सत्रों का आयोजन भी किया गया। डा शुक्ला ने कहा कि वर्तमान में महिलायें सशक्त होने के साथ हर क्षेत्र का नेृतत्व भी कर रही है।


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*एमिटी में महिलाओं में कैंसर प्रबंधन और उपचार पर व्याख्यान सत्र का आयोजन।*


अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर एमिटी इंस्टीटयूट आॅफ एप्लाइड साइंस द्वारा महिलाओं में कैंसर प्रबंधन और उपचार पर छात्राओं को जानकारी प्रदान करने के लिए व्याख्यान सत्र का आयोजन किया गया । इस अवसर पर मेदांता अस्पताल के रेडियशन आॅकोलाॅजी कैंसर इंस्टीटयूट की चेयरपरसन डा तेजिंदर कटारिया ने ‘‘ महिलाओं में कैंसर प्रबंधन और उपचार’’ विषय पर व्याख्यान प्रदान किया। इस कार्यक्रम में एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश की वाइस चांसलर डा (श्रीमती) बलविंदर शुक्ला और एमिटी विश्वविद्यालय के फैकल्टी आॅफ सांइसेस एंड टेक्नोलाॅजी की डीन डा सुनिता रतन ने डा तेजिंदर कटारिया का स्वागत किया।


एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश की वाइस चांसलर डा (श्रीमती) बलविंदर शुक्ला ने स्वागत करते हुए कहा कि एमिटी विश्वविद्यालय में अंतरारष्ट्रीय महिला सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है जिसके अंर्तगत आज कैंसर बचाव से जागरूक करने के लिए इस व्याख्यान सत्र का आयोजन किया गया है। उन्होनें कहा कि डा कटारिया द्वारा प्रदान की गई जानकारी सभी के लिए लाभप्रद होगी और छात्रों को यह भी जानकारी होगी कि पहले तो कैंसर से किस तरह बचे रहे और विभिन्न प्रकार के कैंसर के लक्षण क्या है।


मेदांता अस्पताल के रेडियशन आॅकोलाॅजी कैंसर इंस्टीटयूट की चेयरपरसन डा तेजिंदर कटारिया ने ‘‘ महिलाओं में कैंसर प्रबंधन और उपचार’’ विषय पर व्याख्यान प्रदान करते हुए कहा कि कैंसर से बचाव जानकारी के द्वारा ही संभव है। कैंसर का उल्लेख प्राचीन चरक संहिता में भी किया गया है। रसायन, तंबाकू, शराब, वायरस बैक्टेरिया, कम उर्जा एक्सरे आदि कैंसर के कारक है। कैंसर रोगों का एक वर्ग है जिसमें कोशिकाओं के समूह में अनियत्रिंत वृ़ि़द्ध होती है। कैंसर को ठीक किया जा सकता और कुछ के बारे शीघ्र पता लगाया जा सकता है। कई बार जीवनशैली कारक भी कैंसर उत्पन्न करते है जिसमें पर्यावरणीय प्रदूषण भी शामिल होते है। उन्होनें गर्भाश्य ग्रीवा के कैंसर, स्तन कैंसर, फेफड़ों के कंैसर के कारकों लक्षणों, और उपचार के संर्दभ में विस्तृत जानकारी देते हुए उम्र पर रोग का प्रभाव, हयुमन पापीलोमावायरस, मामोंग्राफी टेस्ट के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की। डा कटारिया ने कहा कि कैंसर से बचाव की जानकारी अत्यंत आवश्यक है और आधुनिक उपचार तकनीकों के जरीए कैंसर का इलाज संभव है लोग स्वस्थ हो रहे है।


इस अवसर पर प्रश्नोत्तरसत्र के दौरान छात्रों और शिक्षको ने डा कटारिया से कई प्रश्न भी किये जिनके उन्हे समुचित जवाब भी प्रदान किये गये।