लखनऊ। प्रेम शर्मा
विद्युत् कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र ने ऊर्जा मंत्री को पत्र भेजकर मांग की है कि सभी ऊर्जा निगमों के तमाम बिजली कर्मचारियों, जूनियर इंजीनियरों , अभियंताओं और संविदा श्रमिकों को तत्काल फ्रन्ट लाइन वर्कर घोषित कर सभी बिजली कर्मियों व् संविदा श्रमिकों को सर्वोच्च प्राथमिकता पर वैक्सीन लगाई जाये और मृत कर्मियों के परिजनों को
शीघ्रातिशीघ्र 50 लाख रु के मुआवजा का भुगतान सुनिश्चित किया जाये तथा मृत कर्मियों के आश्रितों को उनकी योग्यतानुसार नौकरी दी जाये।संघर्ष समिति की तरफ से कहा गया है कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण से प्रदेश के 200 कार्मिकों को मौत होने से विभाग में दहशत का माहौल है। समिति ने मुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री से प्रशासन के अडियल रवैये पर हस्तक्षे की मांग की है।
संघर्ष समिति की नोटिस में कहा गया है कि कोरोना संक्रमण सम्बन्धित समस्याओं का समाधान और बिजली कर्मियोंध्संविदा श्रमिकों को फ्रंट लाइन वर्कर घोषित न किया गया तो सभी ऊर्जा निगमों के तमाम बिजली कर्मचारी , संविदा श्रमिक , जूनियर इंजीनियर व् अभियंता 02 जून से आक्सीजन प्लांटों,अस्पतालों व आम लोगों को बिजली आपूर्ति के अतिरिक्त अन्य कोई कार्य नही करेंगे। राजस्व वसूली , झटपट पोर्टल , वीडियो कांफ्रेंसिंग आदि कार्यों से बिजली कर्मी अपने को विरत रखेंगे किन्तु व्यापक जनहित में बिजली आपूर्ति बनाये रखी जाएगी। संघर्ष समिति ने कहा कि कोरोना से लगभग 200 बिजली कर्मियों की मृत्यु से ऊर्जा निगमों में दहशत का वातावरण है। संघर्ष समिति ने इतने गंभीर मामले पर ऊर्जा निगम प्रबंधन के संवेदनहीन रवैय्ये की कठोर आलोचना करते हुए प्रदेश के मुख्य मंत्री व् ऊर्जा मंत्री से तत्काल प्रभावी हस्तक्षेप करने की मांग की है।संघर्ष समिति के प्रमुख पदाधिकारियों वी पी सिंह, प्रभात सिंह, जी वी पटेल, जय प्रकाश, गिरीश पांडेय, सदरुद्दीन राना, राजेंद्र घिल्डियाल,सुहेल आबिद,विनय शुक्ल,ब्रजेश त्रिपाठी ,महेंद्र राय ,राजपाल सिंह ,शशिकांत श्रीवास्तव ,उत्पल शंकर, प्रेमनाथ राय ,ए के श्रीवास्तव , वी के सिंह कलहंस , सनाउल्लाह ,सुनील प्रकाश पाल, कुलेन्द्र सिंह ,मो वसीम शेख,विशम्भर सिंह , शम्भू रत्न दीक्षित ,रफीक अहमद , पी एस बाजपेई ,आर के सिंह , जी पी सिंह ने आज यहाँ जारी संयुक्त बयान में कोरोना संक्रमण के दौर में बिजली कर्मियों के लिए मुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री से प्रभावी कदम उठाने हेतु ऊर्जा निगमों को निर्देश देने की अपील की है। संघर्ष समिति द्वारा भेजी गई नोटिस में कोरोना संक्रमण के दौरान उठाई गई अन्य मांगे - विद्युत् आपूर्ति और आपात सेवा को छोड़कर अन्य सभी कार्य वीडियो कांफ्रेंसिंग ,राजस्व वसूली ,झटपट पोर्टल , निवेश मित्र आदि तत्काल बंद किये जाये। कैशलेस चिकित्सा सुविधा दी जाये और कोरोनाग्रस्त कर्मियों के अच्छे से अच्छे अस्पताल में इलाज का सीधे अस्पताल को भुगतान प्रबंधन करे ,कार्यालयों में 33 प्रतिशत से अधिक कर्मी न बुलाये जाएँ और वर्क फ्रॉम होम किया जाये।50 वर्ष से अधिक आयु के बिजली कर्मियों से आवेदन लेकर उन्हें गृह जनपद या इच्छित क्षेत्र परियोजना पर स्थानांतरित किया जाय , परियोजनाओं के अस्पताल में वैक्सीनेशन की सुविधा दी जाए तथा प्रत्येक जनपद व् परियोजना पर कोविड सेल गठित किया जाए।