जोन छह में गंदगी, कई का वेतन रोका, दी प्रतिकूल प्रविष्टि कार्यदायी संस्था मेसर्स अमृता इं.प्रा. पर 3.30 लाख का जुर्माना



प्रेम शर्मा,लखनऊ। 

जोन छह में सफाई निरीक्षण में निकले नगर आयुक्त को एक बार फिर गंदगी का अम्बार दिखाई पड़ा। यानि स्पष्ट है कि एक दिन पूर्व निरीक्षण के बाद भी नगर निगम के अफसर चाक चैबंद नही हुए। इसका परिणाम यह हुआ कि नगर आयुक्त ने लगभग 16 अधिकारियो एवं कार्मिकों में किसी का  वेतन रोकने तो किसी को नोटिस और प्रतिकूल प्रविष्टि के निर्देश दिए। यही नही नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी ने कार्यदायी संस्था मेसर्स अमृता इं.प्रा. पर कार्य में लापरवाही बरते जाने पर इनके एक माह की धनराशि  3.30 लाख का जुर्माना ठोक दिया। 

नगर आयुक्त महोदय द्वारा प्रातः 8ः30 बजे जोन-6 में सफाई कार्य का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान कुड़ियाघाट मुख्य द्वार के सामने स्थित पाटानाला पर अत्यधिक मात्रा में कूड़ा एकत्रा पाया गया, जिससे प्रतीत हो रहा था कि उक्त स्थल पर विगत कई माॅह से सफाई कार्य नहीं कराया गया है। इस नाले को अविलम्ब साफ कराये जाने हेतु जोनल अधिकारी, जोन-6 एवं मुख्य अभियन्ता(आरआर) को समन्वय कर निर्देशित किया गया।निरीक्षण के दौरान बुद्धा पार्क के सामने एवं अटल बिहारी बाजपेयी कन्वेंशन सेन्टर से मेडिकल कालेज चैराहा जाने वाले मार्ग पर गन्दगी पायी गयी। इस हेतु क्षेत्रीय सफाई निरीक्षक सचिन प्रकाश सक्सेना का वेतन अग्रिम आदेशों तक रोकते हुए कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिये गये।रूमी गेट एवं इसके आस-पास के हेरिटेज जोन में सफाई कार्य संतोषजनक न पाये जाने के कारण सम्बन्धित क्षेत्रीय सफाई निरीक्षक मो. तैय्यब एवं सतीष यादव तथा सफाई सुपरवाईजर रामलाल व  मुकेश का वेतन रोके जाने के साथ ही प्रतिकूल प्रविष्टि दिये जाने की कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया।छत्तेवाले पुल से डालीगंज चैराहा होते हुए कारगिल पार्क तक सड़क पर झाडू लगी नहीं पायी गयी। इसके साथ ही शनि मंदिर से कृष्णा मेडिकल सेन्टर की ओर जाने वाले मार्ग पर भी अत्यधिक गन्दगी,कूड़ा पाया गया। इस हेतु क्षेत्रीय सफाई सुपरवाईजर श्री राकेश, श्री रितेश एवं  श्री संजीव का एक दिन का वेतन काटे जाने एवं सफाई निरीक्षक राजेश कुमार व  अशीष पाण्डेय को कारण बताओ नोटिस निर्गत किये जाने हेतु निर्देशित किया गया।बालू अड्डा मलिन बस्ती का निरीक्षण करने पर पाया गया कि सड़क के किनारे अत्यधिक मात्रा में सिल्ट एकत्र है, जिसे उठाया जा रहा था। यह सिल्ट कई दिवस पूर्व नाले से निकाली गयी थी और इसे समय से न उठाये जाने पर क्षोेभ व्यक्त करते हुए जोनल अधिकारी, जोन-1 को सचेत किया गया।

जोन-6 के अन्तर्गत कोनेश्वर तिराहे से बालागंज चैराहा तक जाने वाले सड़क पर मलवा एकत्र पाया गया। साथ ही इस मार्ग की सफाई व्यवस्था भी संतोषजनक नहीं पायी गयी। दुबग्गा तिराहे से पूर्व ईरा मेडिकल की ओर जाने वाले मार्ग पर भी गलियों में मलवा व कूड़ा एकत्र पाया गया। इस सम्बन्ध में अवर अभियन्ता श्री रजनीश एवं सफाई एवं खाद्य निरीक्षकरामजीत पाण्डेय का एक सप्ताह का वेतन काटने हेतु निर्देशित किया गया। इसके साथ ही ईरा मेडिकल क्षेत्र में तैनात सफाई सुपरवाईजर अमित कुमार का एक माॅह का वेतन काटे जाने हेतु निर्देशित किया गया। इस क्षेत्र में सफाई कार्य हेतु तैनात कार्यरत कार्यदायी संस्था मेसर्स अमृता इं.प्रा. पर कार्य में लापरवाही बरते जाने पर इनके एक माह की धनराशि  3.30 लाख का जुर्माना अधिरोपित किया गया। कोविड के दृष्टिगत निरीक्षण के दौरान न तो कर निर्धारण अधिकारी  महेन्द्र कुमार, कर अधीक्षक  संतोष गुप्ता एवं  कुलदीप अवस्थी उपस्थित थे और न ही इनका प्रवर्तन दल उपस्थित था। निर्देशित किया गया कि जो अधिकारीध्कर्मचारी कार्यालय में नियमानुसार अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं करा रहे हैं उन सभी को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए उनका एक सप्ताह का वेतन काटा जाय। निरीक्षण के दौरान जोनल अधिकारी, जोन-6 एवं समस्त सफाई एवं खाद्य निरीक्षक को निर्देशित किया गया कि क्षेत्र में मानक के अनुरूप सफाई व्यवस्था सुनिश्चित किया जाय एवं गन्दगी फैलाने वालों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही करते हुए नियमानुसार जुर्माना वसूलने व चालान की कार्यवाही की जाय। यह संक्रमण का दौर है इसमें सफाई के प्रति किसी भी प्रकार की लापरवाही क्षम्य नहीं होगी। नागरिकों को जागरूक किये जाने एवं उनके घर एवं प्रतिष्ठान से निकलने वाले कूड़े को नगर निगम एवं ईकोग्रीन के वाहनों को दिये जाने हेतु प्रेरित किया जाय।


नगर आयुक्त की कार्रवाई पर भड़के कर्मचारी नेता

दो दिनों के निरीक्षण में लगभग दो दर्जन कार्मिकों और अधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई पर निगम के कार्मिक भड़क गए है। उनका कहना है कि इस विपरीत परिस्थिति में कार्य कर रहे कार्मिकों के खिलाफ यह कार्रवाई ठीक नही है। नगर आयुक्त दण्डात्मक कार्रवाई वापस ले। संयुक्त मंच के नेता शशि कुमार मिश्र ने इसक पहले करते हुए लिखा कि यह सब नगरनिगम प्रशासन कर रहा, और हम सभी संगठन के लोग मूक दर्शक बने है,कारण क्या।    आज इस महामारी के समय इस तरह का उत्पीड़न कार्यवाही ठीक नहीं, जहां लखनऊ के लोग व अन्य कार्यालयों के कर्मचारी लाकडाऊन मना रहे, और हमारा कर्मचारी अपनी जान जोखिम में डाल कर काम कर रहा, पर थोडी बहुत कमी पर यह हिटलर शाही कतई बर्दाश्त करना कर्मचारी हित में ठीक नहीं है।कर्मचारियों को प्रशासन आखिर कितनी सुबिधा व सहयोग तथा उनके जान माल की कितनी फिक्र है हम सभी को पता है।