इकोग्रीन के हटानें भाजपा पार्षद का मुख्यमंत्री को पत्र सिर्फ एक पार्षद को दिखी इकोग्रीन की मनमानी।

 


लखनऊ।प्रेम शर्मा


 राजधानी में एक 110 चुने हुए पार्षद है लेकिन इकाग्रीन की मनमानी के खिलाफ एक पार्षद मुखर ही नही हुए बल्कि उसे हटाने के लिए मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा है। वाकई करोड़ रूपये लेने वाले इस कम्पनी उठाने वाली इस कम्पनी की डोर टू डोर कूड़ा उठाने की व्यवस्था फेल हो चुकी हो चुकी है। शहर का शायद ही ऐसा कोई क्षेत्र होगा जहा यह कम्पनी डोर टू डोर कूड़ा उठा रही है वहाॅ यह सप्ताह में छह दिन भी पहुंचते होगेें। इसके पीछे कम्पनी के सूत्र और कूड़े लेने वाले वाले बदलते चेहरे यही बताते है कि आधा अधूरा वेतन वह भी समय पर न मिलने के कारण इनके पास स्थाई रूप से कर्मचारी रूक ही नही पाते इसीलिए डेार टू डेार कूड़ा कलेक्शन की महत्वपूर्ण योजना धराशायी हो गई है। भाजपा के प्रवक्ता व पार्षद दिलीप श्रीवास्तव ने चीनी कंपनी इको ग्रीन को हटवाने के लिए मुख्यमंत्री जी को पत्र लिखा।उन्होंने पत्र में कहा कि चीन द्वारा प्रायोजित कोरोना व कोरोना फैलाने वाले देश चीन की कंपनी पर नगर विकास के आला अधिकारी व नगर निगम लखनऊ के प्रशासनिक अधिकारियों की मेहरबानी है।डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन व कूड़ा निस्तारण में फेल इको ग्रीन लखनऊ की सरजमी पर बदनुमा दाग है।

जहाँ जहाँ इको ग्रीन लगी है वहाँ वहाँ कई दिन तक कूड़ा नही उठाया जाता।कोरोना संक्रमण काल मे ये लोग नगर निगम के कर्मचारियों व स्थानीय पुलिस की मदद से मोहल्ले में लगे कूड़ा उठाने वालों की ठेलिया जब्त कर रहे है।झगड़ा भी कर रहे है।इससे अराजकता फैलेगी।शिबरी प्लांट पर इको ग्रीन के कूड़ा निस्तारण की कार्य प्रणाली देखी जा सकती है।वहाँ कूड़े का पहाड़ बना हुवा है।आस पास चर्म रोग व अन्य रोग फैला हुवा है।संक्रमण भी फैल सकता है। दिलीप श्रीवास्तव ने मुख्यमंत्री जको लिखे पत्र की प्रति नगर विकास मंत्री व महापौर को भी भेजी है।


सफाई कार्मिकों अनुपात में नही हो रही सफाई !

नगर निगम में सफाई कार्मिकों की संख्या आठ से दस हजार के बीच बताई जाती है। ऐसे में औसतन हर वार्ड में लगभग अस्सी से नब्बे सफाई कार्मिक हर वार्ड में अगर वाकई इतने कर्मचारी सुबह शाम काम कर रहे तो निश्चित तौर पर उक्त में सफाई व्यवस्था चाकचैबंद होनी चाहिए। लेकिन लगभग हर वार्ड की जनता यही मानती है कि उसके क्षेत्र में अमूनन बीस से पच्चीस चेहरे ही नजर आते हैै। अगर वाकई ऐसा है तो एक बड़ी घोटाला नगर निगम के सफाई व्यवस्था में चल रहा है। एक चैकाने वाला प्रश्न यह कि अमूनन कई पार्षद कई तरह की समस्याए आए दिन महापौर और नगर आयुक्त के संज्ञान में लाते है लेेकिन क्षेत्रीय जनता की लाख शिकायत के बावजूद अपने क्षेत्र में गंदगी का मामला नही उठाते। ऐसी स्ािित में जनता की मांग है कि नगर आयुक्त अपने औच्चक निरीक्षण में उक्त क्षेत्र में दर्ज कराये गए सफाई कार्मिकों की परेड़ कराये तो कुछ व्यवस्था में सुधार आए।