प्रेम शर्मा,लखनऊ।
पंचायत से पूर्व शुरू हो चुके कोरोना संक्रमण के बीच कई तरफ से आवाज उठी थी कि फिलहाल पंचायत चुनाव स्थगित कर दिये जाए। मामला कोर्ट तक गया लेकिन बाॅत नही बनी। भारी लापरवाही और कोविड गाइड लाइन की अवहेलना करते हुए जनता ने जमकर लापरवाही दिखाते हुए प्रचार, प्रसार, मतदान और मतगणना हुई। इसका परिणाम यह है कि अब कोरोना संक्रमण बड़े जिलों के साथ ही अब छोटे जिलों में भी तेजी से पांव पसारने लगा है। स्वास्थ्य विभाग के आकड़े बता रहे है कि एक माह में कोरोनों मरीजों की संख्या छोटे जिलों में 15 से 20 फीसदी तक बढ़ चुके है। इसका कारण पंचायत चुनाव में लापरवाही और प्रवासियों को अपने जिलों में वापस आना माना जा रहा है।
जो आकड़े आ रहे वो गाॅव में कहर बनते दिख रहे है। अब प्रदेश के बड़े शहरों के बाद छोटे जिलों में कोरोना संक्रमण तेजी से पांव पसार रहा है। मरीजों की संख्या दिन दूनी रात चैगुनी बढ़ रही है। एक माह पहले जहां 30 से 40 कोरोना मरीज मिल रहे थे, वहां आज 200 से 300 मरीज रोजना मिल रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक आठ अप्रैल को छोटे जिलों में काफी कम मरीज मिल रहे थे। प्रदेश के अमूमन सभी छोटे जिलों का यही हाल है। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक छोटे जिलों में अचानक मरीजों की संख्या में वृद्धि की मुख्य वजह दूसरे प्रदेशों या फिर बड़े शहरों से लोगों का अपने घर वापसी है। इसीलिए एक माह के अंदर मरीजों की संख्या में भारी वद्धि हुई है। राज्य सरकार ने इलाज के इंतजाम किए हैं इसलिए धीरे-धीरे मरीजों की संख्या में कमी आएगी। 8 अप्रैल से 8 मई संक्रमित संख्या का आकड़ा क्रमशः देखे तो समझ में आएगा कि गाॅवों में कोरोना बहुत तेजी से पाॅव फैला रहा है। लखीमपुर खीरी 46 से 643,शाहजहांपुर 28 से 479, महराजगंज 24 से 223,प्रतापगढ़ 32 से 401, इटावा 41 से 125,उन्नाव 47 से 264, बस्ती 34 से 188, सुल्तानपुर 36 से 118,जालौन 47 से 155, सीतापुर, 41 से 136,मैनपुरी 13 से106, शामली 32 से 319, अमेठी 15 से 106, कन्नौज 18 से 115, संभल 9 से 126,मऊ 37 से 102, एटा12 से 143, बागपत 11 से 166, फर्रुखाबाद 39 से 108, बिजनौर 47 से 301, हापुड़ 27 से 312,चित्रकूट 32 से 157, कासगंज 10 से 149 हाथरस शुन्य से 57, अमरोहा 36 से 379, बहराइच 37 से 153, फिरोजाबाद 33 से 121, बदायूं 21 से 242, सिद्धार्थनगर 30 से 224, और पीलीभीत में आठ अपै्रल को 8 से बढ़कर आठ मई को यह संख्या 314 पहुंच गई।
सरकार के सामने परीक्षा की घ़ड़ी
प्रदेश सरकार ने फिलहाल गाॅवों का रूख कर लिया है। सैनेटारइजेश अभियान से लेकर मेडिकल टीमों को भेजा जा रहा है। लेेकिन जिस अनुपात में ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग हर तीसरे घरों में खासी, जुखाम, बुखार के मरीज है उनकी जाॅच में काफी दिक्कते है। इसका मुख्य कारण ग्रामीण के अनुसार वे कोरोना के डर से जाॅच कराने से कतरा रहे है। यह भी संकट है कि ग्रामीण क्षेत्रों में जितनी तेजी से जाॅच होनी चाहिए उतने संसाधन दिखाई नही पड़ रहे है। इसलिए जिस तरह से आंकड़े बढ़ रहे है वह सरकार के लिए परीक्षा और चुनौती से कम नही है।