प्रेम शर्मा,लखनऊ।
जीवन का कोई भी कार्य संगीत के बिना अधूरा ही है।जीवन के प्रत्येक अवसर पर किसी ना किसी रूप में संगीत विद्यमान रहता है चाहे वह कोई मांगलिक कार्य हो या मृत्यु जैसी शोक स्थिति, ईश्वर आराधना हो या युद्ध क्षेत्र प्रत्येक क्षेत्र में संगीत विद्यमान है। कोविड-19 के प्राण घातक बीमारी से जूझ रहा पूरा विश्व अपनों को खो देने वाले भयावह दृश्य का सामना करते करते अब हिम्मत हारने लगा है। ऐसे में संगीत प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली औषधि का काम कर रहा है जिसके माध्यम से हमें किसी भी बीमारी से लड़ने की हिम्मत मिलती है। उक्त विचार डॉ.आकांक्षा गुप्ता असिस्टेंट प्रोफेसर संगीत गायन जुहारी देवी गर्ल्स पीजी कॉलेज कानपुर के है।
डॉ.आकांक्ष के अनुसार संगीत सुनने का प्रभाव मनुष्य के साथ-साथ पेड़ पौधों और जंतुओं पर भी देखा गया है ऐसा माना जाता है कि शारीरिक रूप से स्वस्थ होने से पहले मन मस्तिष्क का स्वस्थ होना अति आवश्यक है। हम लोगों में से अधिकतर लोग ज्यादा थके हुए होने पर या किसी कार्य में कम थकावट को महसूस करने के लिए संगीत सुनना पसंद करते हैं शोध के पश्चात वैज्ञानिकों ने यह सिद्ध किया है कि संगीत के माध्यम से निकली हुई तरंगे हमारे मस्तिष्क को प्रभावित करती हैं और हम कम थकान महसूस करते हैं। अतः वर्तमान की प्रतिकूल परिस्थितियों में घर पर रहकर ही अपने शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को कई गुना तेजी से बढ़ाने के लिए हमें संगीत को एक दवा के रूप में अपनाना चाहिए। उनका यहाॅ कहना है कि संगीत सुनकर पशुओं का नृत्य करना, वृक्षों का तेजी से बढ़ना आदि ऐसे तमाम उदाहरण हमने जीवन में सुने और देखे है।